City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2338 | 153 | 2491 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
हम सभी यह हमेशा से पढ़ते आ रहे हैं, कि सिकंदर भारत पर आक्रमण करने वाले पहले आक्रमणकारियों में से एक था! लेकिन क्या आप जानते हैं कि, “ग्रीक मिथकों के अनुसार, शराब के देवता “डायोनिसस (Dionysus)” ने सिकंदर से भी बहुत पहले भारत पर आक्रमण किया था।”
उन्होंने भारत की ज़मीनों पर कब्जा किया, यहाँ पर शहरों की स्थापना की और अपने कानून भी स्थापित किये। उन्होंने भारतीयों को शराब से भी परिचित कराया। ग्रीक देवता डायोनिसस हमेशा थ्रास से जुड़े रहे हैं, जो एक प्राचीन साम्राज्य है, जिसे अब बल्गेरिया (Bulgaria) के नाम से जाना जाता है।
डायोनिसस, यूनानी देवताओं में सबसे लोकप्रिय और आकर्षक देवताओं में से एक थे। उन्हें शराब, त्योहारों, रंगमंच और परमानंद का देवता माना जाता था। रोमन लोग उन्हें बैचस के नाम से भी जानते थे। डायोनिसस को अक्सर एक प्रसन्नचित्त किंतु लापरवाह व्यक्ति के रूप में चित्रित किया जाता था, जो अपने अनुयायियों, और व्यंग्यकारों से घिरा हुआ रहता था।
डायोनिसस का पंथ अपने जंगली और आनंदमय अनुष्ठानों के लिए जाना जाता था। मान्यता है कि उनके अनुयायी, मैनाड, अक्सर उन्माद में नाचते और गाते थे, जिसके दौरान उन्हें धार्मिक आनंद का अनुभव होता था। मैनाड अपनी विनाशकारी प्रवृत्ति के लिए भी जाने जाते थे। वे अक्सर अपने उन्माद में जानवरों और यहां तक कि इंसानों के भी टुकड़े-टुकड़े कर देते थे।
एक यूनानी कवि नॉनस (Nonnus) ने डायोनिसियाका (Dionysiaca) नामक एक महाकाव्य लिखा, जिसमें भारत में डायोनिसस के अभियान की कहानी वर्णित है। इस महाकाव्य में लिखित कविता में, ज़ीउस द्वारा डायोनिसस को भारत के अधर्मी मूल निवासियों के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार होने का आदेश दिया गया है। जिसके बाद वह बैचैंट्स और मैनाड्स (bacchantes and maenads) की एक सेना इकट्ठा करते हैं, और वे भारत की ओर कूच करते हैं।
युद्ध के दौरान डायोनिसस, भारतीय सेना को हराने के लिए कई तरह की अपरंपरागत रणनीति का भी उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर वह अपने सैनिकों के हथियारों को छिपा देता है, तुरही के बजाय झांझ और ड्रम के साथ युद्ध का संकेत देता है, और दुश्मनों को शराब पिलाकर उन्हें हराने का प्रयास करता है। परिणामस्वरूप, भारतीय सेना पराजित हो गई और डायोनिसस विजयी हुआ।
अपनी जीत के बाद, डायोनिसस ग्रीस लौट आया और एक ओलंपियन देवता के रूप में सिंहासन पर कबीज हो गया। यूनानी भूगोलवेत्ता स्ट्रैबो (Strabo) लिखते हैं कि “भारत में डायोनिसस की पूजा तक की जाती थी।” स्ट्रैबो ने उल्लेख किया है कि ऐसे कई दार्शनिक थे जो पर्वतवासी थे और डायोनिसस के उपासक थे। सर विलियम जोन्स (Sir William Jones) नामक एक ब्रिटिश विद्वान थे, ने भी ग्रीस, भारत और इटली के देवताओं पर एक लेख लिखा था। उन्होंने लिखा है कि इन सभ्यताओं के कुछ देवता (जैसे जानूस और गणेश, शनि और मनु, बृहस्पति और इंद्र, हर्मीस और नारद, सेरेस और लक्ष्मी, डायोनिसस और राम, और अपोलो और कृष्ण) समान थे। गौरतलब है कि यहाँ पर उन्होंने डायोनिसस की तुलना भगवान राम से की है! डायोनिसियक रहस्य एक प्रकार का रहस्यमय अनुष्ठान था जिसमें अवरोधों और कृत्रिम सामाजिक बाधाओं को दूर करने के लिए शराब, नृत्य और संगीत का उपयोग किया जाता था। महिलाओं, दासों और विदेशियों सहित सभी को रहस्यों में भाग लेने की अनुमति थी।
प्राचीन यूनानियों और रोमनों को थ्रासियन (Thracian) शराब बहुत पसंद थी। थ्रासियन इंडो-यूरोपीय भाषी लोग थे जो प्राचीन इतिहास में दक्षिण पूर्व यूरोप के बड़े हिस्से में रहते थे। वे मुख्य रूप से आधुनिक बल्गेरिया, रोमानिया और उत्तरी ग्रीस में रहते थे।
थ्रासियन की सटीक उत्पत्ति अज्ञात है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि प्रोटो- थ्रासियन, प्रोटो-इंडो-यूरोपीय और प्रारंभिक यूरोपीय किसानों के मिश्रण के साथ पैदा हुए थे! थ्रासियन समाज आदिवासी था, और उनका पहला स्थायी राज्य ओड्रिसियन साम्राज्य (Odryssian Empire) था, जिसका उदय पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। ओड्रिसियन अपने शासन के तहत कई थ्रासियन जनजातियों को एकजुट करने में सक्षम रहे थे। थ्रासियन कुशल योद्धा थे, और उन्हें अक्सर यूनानियों और रोमनों द्वारा भाड़े के सैनिकों के रूप में नियुक्त किया जाता था। उन्हें कविता और संगीत के प्रति अपने प्रेम के लिए भी जाना जाता था। थ्रासियन भाषा का डेसीयन भाषा से गहरा संबंध था और दोनों भाषाएँ अब विलुप्त हो चुकी हैं।
कई प्राचीन लेखकों का मानना था कि शराब के यूनानी देवता डायोनिसस का पंथ थ्रास (बल्गेरिया) में ही उत्पन्न हुआ और शेष भूमध्यसागरीय दुनिया में फैल गया। एक पुरानी किंवदंती के अनुसार, डायोनिसस उन लोगों से थक गया था जो कृतघ्न थे और अब देवताओं की पूजा नहीं करते थे।
थ्रासियनों ने डायोनिसस का सम्मान किया और उसके लिए अभयारण्य बनाए, तथा उन्होंने उसके सम्मान में रोसालिया (Rosalia) नामक उत्सवों की व्यवस्था की। थ्रासियन, धर्म मान्यताओं और प्रथाओं का एक समूह था। यह समूह इस विचार पर आधारित था कि “दुनिया चार तत्वों (वायु, पृथ्वी, अग्नि और जल) से बनी है। थ्रासियन सांस्कृतिक रूप से यूनानियों की तुलना में ईरानियों, सीथियन और फारसियों के अधिक निकट थे। हालांकि, थ्रास के यूनानी उपनिवेशीकरण के साथ, थ्रासियनों ने कुछ यूनानी देवी-देवताओं को अपने पंथ में अपना लिया।
हालांकि चलते- चलते आपको यह भी बताते चलें कि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई ऐतिहासिक सबूत नहीं है कि भारतीयों को शराब से डायोनिसस से परिचित कराया था। डायोनिसस की भारत यात्रा की कहानी एक मिथक भी हो सकती है। हालांकि, यह संभव है कि थ्रासियन ही व्यापार के माध्यम से भारत में शराब लाए थे।
संदर्भ
https://tinyurl.com/3ud2e79p
https://tinyurl.com/yc6k4wb5
https://tinyurl.com/57c94nfe
https://tinyurl.com/4upmk3h3
https://tinyurl.com/2h2kynrw
https://tinyurl.com/rmfwe4ve
चित्र संदर्भ
1. डायोनिसस की प्रतिमा को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. मानचित्र में बल्गेरिया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. पोसीडॉन हाउस, ज़ुग्मा मोज़ेक संग्रहालय में डायोनिसस ट्राइंफ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. डायोनिसस की मूर्ति को दर्शाता एक चित्रण (worldhistory)
5. सेटिफ़ के पुरातात्विक संग्रहालय में डायोनिसस द्वारा भारत पर विजय की मूर्तिकला को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. थ्रासियन मूर्तिकला को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.