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कॉल सेंटर और टेलीफोन बैंकिंग जैसे नवाचारों ने वित्तीय लेनदेन को बाएं हाथका खेल बना दिया

जौनपुर

 06-11-2023 09:52 AM
संचार एवं संचार यन्त्र

"कल दस बजे आना" या "आज हमारी शाखा में पैसे नहीं हैं।" आज से तकरीबन 8 या 10 वर्ष पहले तक, बैंकों से पैसे निकालने के लिए गए, ग्राहकों को इसी तरह के बहानों से जूझना पड़ता था। लेकिन आज का परिदृय पूरी तरह से बदल गया है। आधुनिक समय में तो शादी के माहौल में भी फ़ोन बैंकिंग (Phone Banking) का उपयोग करते हुए, जूतों के बदले ऑनलाइन या यूपीआई (Online Or UPI) के जरिये पैसे मांगे जाते हैं। यहां तक कि आज के समय में लेनदेन इतना आसान हो चुका है, कि आप वित्तीय लेनदेन करने के लिए कॉल सेंटर (Call Center) से भी सहायता मांग सकते हैं। कॉल सेंटर एक ऐसा स्थान होता है, जहां पर बैठे ग्राहक सेवा अधिकारी (Customer Service Officer), फ़ोन के ज़रिये किसी कंपनी के ग्राहकों को कंपनी से जुड़े सवालों का जवाब देते हैं, या उस कंपनी के ग्राहकों की समस्याओं का निदान करने की कोशिश करते हैं। कॉल सेंटर का उपयोग कई अलग-अलग उद्देश्यों (जैसे ऑनलाइन बैंकिंग, ग्राहक सेवा, बिक्री और बाज़ार अनुसंधान आदि) के लिए किया जा सकता है।
आने वाली या इनकमिंग कॉल (Incoming Calls) को संभालने का काम इनबाउंड कॉल सेंटर (Inbound Call Center) करते हैं, जबकि आउटबाउंड कॉल सेंटर (Outbound Call Center), खुद से आउटगोइंग कॉल (Outgoing Call) करते हैं। संपर्क केंद्र (Contact Center) और कॉल सेंटर, लगभग समान होते हैं, लेकिन संपर्क केंद्र संचार के अन्य रूपों (जैसे ईमेल (Email), लाइव चैट (Live Chat) और सोशल मीडिया (Social Media) को भी संभालते हैं। कॉल सेंटरों के प्रत्येक कार्यस्थल यानी वर्कस्टेशन (Workstation) में एक कंप्यूटर और फोन होता है, और वहां बैठे अधिकारी या एजेंट, ग्राहकों के साथ संवाद करने के लिए इन्हीं उपकरणों का उपयोग करते हैं। कॉल सेंटर 1960 के दशक से हमारे बीच अस्तित्व में हैं। शुरुआत में इनका उपयोग ग्राहक सेवा, एयरलाइन आरक्षण (Airline Reservation) और बैंकिंग के क्षेत्र (Banking Sector) में किया जाता था। लेकिन जैसे-जैसे तकनीक में सुधार हुआ, वैसे-वैसे कॉल सेंटरों ने बिक्री और ग्राहक सहायता जैसे और भी काम करना भी शुरू कर दिया। 1980 के दशक में, टोल-फ्री फोन नंबर (Toll-Free Phone Number) पेश किए गए, जिसके बाद तो ग्राहकों के लिए कॉल सेंटरों पर कॉल करना और भी आसान हो गया। समय के साथ कॉल सेंटर और भी अधिक लोकप्रिय हो गए, क्योंकि लंबी दूरी की कॉलिंग अब सस्ती हो गई और अधिक लोगों ने कंप्यूटर का उपयोग करना शुरू कर दिया था।
1990 के दशक में, कॉल सेंटर अन्य देशों से भी संचालित होने लगे। इस दौरान दो नए प्रकार के कॉल सेंटर (संपर्क केंद्र और आउटसोर्स ब्यूरो सेंटर (Outsource Bureau Center) भी सामने आने लगे। संपर्क केंद्र, ग्राहकों को जानकारी, संसाधन और विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए थे। जबकि आउटसोर्स ब्यूरो केंद्र "प्रति उपयोग भुगतान" के आधार पर कई ग्राहकों के लिए कॉल सेंटर सेवाएं प्रदान करते हैं। इसी बीच अमेरिकी कंपनियां बड़ी संख्या में अपने कॉल सेण्टर भारत में स्थपित या आउटसोर्स करने लगी। आज के कॉल सेंटर, ग्राहकों के साथ बातचीत को बेहतर बनाने के लिए परिष्कृत तकनीक (Sophisticated Technology) का उपयोग करते हैं। आज इनबाउंड और आउटबाउंड कॉल को मिश्रित किया जा सकता है। 2008 के वित्तीय संकट (Financial Crisis Of 2008) के बाद, कई वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों का विश्वास फिर से जीतने के लिए भी कॉल सेंटरों का प्रयोग कर रहे हैं। वे नए ग्राहकों को आकर्षित करने और मौजूदा ग्राहकों को बनाए रखने के लिए नई सुविधाएँ पेश कर रहे हैं और अपने ग्राहक अनुभव में सुधार कर रहे हैं।
कॉल सेंटर, वित्तीय संस्थानों (Financial Institutions) के लिए अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने का एक लागत प्रभावी तरीका बनकर उभरे हैं। वे चौबीसों घंटे, 24/7 सेवा प्रदान कर सकते हैं और दुनिया के किसी भी स्थान पर बैठे ग्राहकों को सेवा प्रदान कर सकते हैं।
वित्तीय सेवा कॉल सेंटर (Financial Services Call Center), ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के कार्यों (जैसे: पैसे निकालना या जमा करना, शेष राशि की जांच करना और उनके बिलों का भुगतान करना आदि) में मदद कर सकते हैं। बंधक कंपनियां (Mortgage Companies), ऋण देने वाली संस्थाएं और निवेश कंपनियां भी अपने ग्राहकों की कुशलतापूर्वक सहायता करने के लिए कॉल सेंटर की सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं। कुछ प्रकार के लेनदेन के लिए प्रमाणित वित्तीय सेवा पेशेवर द्वारा सहायता या निगरानी की आवश्यकता होती है। साथ ही ये कॉल सेण्टर ग्राहकों को ऋण और निवेश जैसे अधिक जटिल कार्यों में भी मदद कर सकते हैं। टेलीफोन बैंकिंग (Telephone Banking) एक ऐसी सेवा है जो ग्राहकों को बैंक की शाखा या एटीएम (ATM) पर गए बिना फोन पर ही वित्तीय लेनदेन करने की अनुमति देती है। इसे पहली बार 1980 के दशक में पेश किया गया था और 1980 और 1990 के दशक की शुरुआत में यह काफी लोकप्रिय हो गई, लेकिन ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग के बढ़ने के कारण हाल के वर्षों में इसके उपयोग में गिरावट आई है।
टेलीफोन बैंकिंग को पहली बार 1984 में यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में गिरोबैंक (Girobank) द्वारा पेश किया गया था। प्रत्यक्ष बैंकों की पहली पीढ़ी द्वारा इसका बड़े स्तर पर उपयोग किया गया। हालाँकि, 2000 के दशक की शुरुआत में ऑनलाइन बैंकिंग के विकास के कारण टेलीफोन बैंकिंग के उपयोग में गिरावट आने लगी, क्योंकि ग्राहकों को ऑनलाइन अपने वित्त का प्रबंधन करना आसान और अधिक सुविधाजनक लग रहा है। 2010 के दशक में मोबाइल बैंकिंग के आगमन ने टेलीफोन बैंकिंग के उपयोग को और कम कर दिया।
सेल्युलर मोबाइल एप्लिकेशन (Cellular Mobile Applications) के विकास से मोबाइल बैंकिंग और भी आसान हो गई है। ग्राहक अब मोबाइल पर ही अपना बैलेंस चेक (Balance Check) कर सकते हैं, वे अपने बैंक स्टेटमेंट (Bank Statement) ऑनलाइन देख सकते हैं, पैसे ट्रांसफर (Transfer) कर सकते हैं और यहां तक कि प्रीपेड सेवाएं (Prepaid Services) भी अपने स्मार्टफोन या टैबलेट (Smartphone Or Tablet) से खरीद सकते हैं। कुछ बैंक, ग्राहकों को बैंक के नंबर पर मिस्ड कॉल (Missed Call) देकर अपना बैलेंस चेक करने या मिनी स्टेटमेंट (Mini Statement) प्राप्त करने की भी अनुमति देते हैं। यह सूचना उन्हें पाठ संदेश (Text Message/SMS) के माध्यम से भेजी जाती है। सिटीबैंक (Citibank) क्रमशः 1993, 1998 और 2001 में फोन बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और एसएमएस अलर्ट (SMS Alert) की पेशकश करने वाला भारत का पहला बैंक था। बैंक ने 1986 में भारत में नकदी प्रबंधन सेवाओं की भी शुरुआत की। हाल ही में फेडरल बैंक (Federal Bank) ने मिस्ड कॉल के माध्यम से किसी भी भारतीय बैंक में खाताधारक को धन हस्तांतरित करने की क्षमता पेश की है। इस सेवा का उपयोग करने के लिए, ग्राहकों को पहले प्राप्तकर्ता के मोबाइल नंबर और हस्तांतरित की जाने वाली राशि के साथ एक एसएमएस (SMS) भेजकर फेडरल बैंक के सिस्टम में प्राप्तकर्ता को पंजीकृत कराना होगा।

संदर्भ
https://tinyurl.com/yc3vwavp
https://tinyurl.com/2hhh7y3n
https://tinyurl.com/56ua9e8h
https://tinyurl.com/ycejnzvs
https://tinyurl.com/2n9vdufw
https://tinyurl.com/mwhumemu
https://tinyurl.com/ybnasmvd

चित्र संदर्भ
1. कॉल सेण्टर में काम करती महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. फ़ोन पर ग्राहक से बात करती महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
3. एक कार्यालय के भीतर के दृश्य को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. फ़ोन बैंकिंग के दृश्य को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. फ़ोन से पैसे भेजने की प्रक्रिया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. मोबाइल में बैंक के विवरण को दर्शाता एक चित्रण (PICRYL)



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