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नेब्युलाइज़र(Nebulizer) का उपयोग अस्थमा, सिस्टिक फाइब्रोसिस(Cystic fibrosis), क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(Chronic Obstructive Pulmonary Disease) और अन्य श्वसन रोगों या विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। चिकित्सा में, नेब्युलाइज़र, एक दवा वितरण उपकरण है, जिसका उपयोग धुंध के रूप में, फेफड़ों में दवा प्रसारित करने हेतु, किया जाता है। अतः कुछ समय में, नेब्युलाइज़र फेफड़ों तक औषधीय हवा की एक धारा पहुंचाते हैं।
सबसे पहले “संचालित नेब्युलाइज़र” का आविष्कार वर्ष 1858 में, सेल्स-गिरन्स(Sales-Girons) नामक एक व्यक्ति द्वारा, फ्रांस(France) में किया गया था। उन्होंने तब एक ऐसा उपकरण बनाया था, जो दवा को तरल रूप में परमाणु बना देता था। यह एक साइकिल पंप के समान था, जहां पंप हैंडल(Pump handle) को ऊपर उठाकर, नीचे दबाया जाता था। इससे दवा को एटमाइज़र(Atomizer) के माध्यम से, व्यक्ति के नाक तक पहुंचाया जाता था।
बाद में, 1864 में जर्मनी(Germany) में, डॉ. सीगल(Dr. Siegel) ने पहले “स्प्रे इनहेलर(Spray inhaler)” का आविष्कार किया। इसमें, उबलते पानी की भाप को दवा कक्ष में छोड़ा जाता था। और, फिर इसे एक नलिका से बाहर निकाला जाता था, जिससे रोगी सांस लेता था।
फिर, 1900 के दशक की शुरुआत में, कई अस्थमा रोगी हैंडहेल्ड एटमाइज़र(Handheld atomizers) का उपयोग करते थे। 1910 में, एपिनेफ्रीन(Epinephrine) हार्मोन(Hormone) अस्थमा के लिए, एक उपचार बन गया, जिसे नेब्युलाइज़ किया जा सकता था।
इसके अलावा 1900 के दशक की शुरुआत में, कई अस्थमा पीड़ितों द्वारा, अस्थमा सिगरेट(Asthma cigarettes) का एक उपचार के रूप में, व्यापक रूप से प्रयोग किया गया था। अस्थमा सिगरेट को सूंघने के निर्देश, मीटर्ड डोज़ इनहेलर्स(Metered dose inhalers) और ड्राई पाउडर इनहेलर्स(Dry powder inhalers) के समान ही थे।
1930 के दशक में, एक गैस बल्ब नेब्युलाइज़र(Gas bulb nebulizer) का आविष्कार किया गया था। इससे, रोगी एड्रेनालाईन क्लोराइड(Adrenaline chloride) नामक रसायन की सांस लेता था। परंतु, बाद में, 1930 में ही, इस विचार के साथ कि, वाष्प के बजाय धुंध के माध्यम से सांस लेने पर दवा अधिक प्रभावी होती है, “द न्यूमोस्टेट(The Pneumostat)” नामक पहले इलेक्ट्रिक नेब्युलाइज़र का आविष्कार किया गया। हालांकि, तब यह काफ़ी महंगा था।
पहला प्रेशराइज्ड मीटर्ड डोज़ इनहेलर(Pressurized metered dose inhaler), 1955 में डॉ. जॉर्ज मैसन(Dr. George Maison) द्वारा बाजार में लाया गया था। इसके पश्चात, इस इनहेलर के लिए नई दवाएं तैयार एवं अनुमोदित की गई। साथ ही, नई तकनीकों के साथ, इसका विकास भी होता रहा। तब जेट एवं अल्ट्रासोनिक नेब्युलाइजर्स(Jet and ultrasonic nebulizers) में सुधार भी किए गए। वाइब्रेटिंग मेश नेब्युलाइज़र(Vibrating mesh nebulizers) हाल ही में, बाज़ार में जारी किए गए है, और बहुत उपयोगी एवं कुशल उपकरण हैं।
पहले मीटर्ड डोज़ इनहेलर, सीएफसी(CFC– chlorofluorocarbon) प्रणोदक प्रणालियों के साथ बनाए गए थे, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक थे। अतः 2008 में, सभी सीएफसी इनहेलर्स को हटा दिया गया था। सीएफसी को हटाने से, ड्राई पाउडर इनहेलर्स के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ। हाल के वर्षों में, रेस्पिमैट(Respimat) प्रकार का एक इनहेलर विकसित किया गया था, जो प्रणोदक-मुक्त है और इसमें दवा धुंध में निकलती है, जो फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकती है। इसके अलावा, पहला सांस सक्रिय एल्ब्युटेरोल रेस्क्यू इनहेलर(Albuterol rescue inhaler) 2015 में बाजार में लाया गया था।
वर्ष 1956 में, रिकर लेबोरेटरीज, इंक.( Riker Laboratories, Inc.) ने इसकी खोज के बाद, पहला प्रेशराइज्ड मीटर्ड डोज़ इनहेलर पेश किया था। कई मायनों में, इस इनहेलर की शुरूआत ने, आधुनिक फार्मास्युटिकल एयरोसोल उद्योग(Pharmaceutical aerosol industry) की शुरुआत को चिह्नित किया है। यहां हम आपको बता दें कि, एयरोसोल गैस और ठोस या तरल कणों का मिश्रण होता है। वास्तव में, यह पहला पोर्टेबल और सुविधाजनक इनहेलर था, जो प्रभावी ढंग से फेफड़ों तक दवा पहुंचा सकता था। फिर, 1987 में, आधुनिक मीटर्ड डोज़ इनहेलर, ड्राई पाउडर इनहेलर और नेब्युलाइज़र प्रणाली सहित, बढ़ी हुई वितरण दक्षता के साथ, इनहेलर प्रौद्योगिकियों का विविधीकरण हुआ। फार्मास्युटिकल एयरोसोल उद्योग द्वारा, विशेष रूप से 1956 के बाद बनाएं गए, नवोन्वेषी इनहेलर्स और दवाओं ने वस्तुतः करोड़ों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है।
फिर भी, चिकित्सकीय एयरोसोल का समृद्ध इतिहास, आश्चर्यजनक रूप से प्राचीन मिस्र(Egypt) से उत्पन्न हुआ और 3500 वर्ष से भी अधिक पुराना है।
इस अवधि के दौरान एट्रोपिन(Atropine) और संबंधित यौगिकों को सांस में शामिल करना, एक महत्वपूर्ण इनहेलेशन थेरेपी(Inhalation therapy) रही है। सदियों से, कई संस्कृतियों द्वारा खोजी गई पद्धतियों ने, चिकित्सकीय एयरोसोल के इस उपचार को आगे बढ़ाया है। हालांकि, औद्योगिक क्रांति के कारण, चिकित्सकीय एयरोसोल वितरण प्रणालियों का थोक उत्पादन होने लगा।
आजकल, शहरी तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में, प्रदूषण में वृद्धि के कारण, पिछले कुछ दशकों में फेफड़ों से संबंधित कई समस्याएं सामने आई हैं। इन समस्याओं से निपटने तथा नाक के मार्ग को साफ़ करने के लिए, रोगियों को अक्सर नेब्युलाइज़ करने का सुझाव दिया जाता है। वैसे तो, नेबुलाइजेशन अस्पताल में भी किया जा सकता है, परंतु, घर पर एक मशीन खरीदना एक सही विकल्प है। क्योंकि, नेबुलाइजेशन सत्र की आवृत्ति की आवश्यकता, अक्सर बहुत अधिक होती है।
यहां कुछ सर्वोत्तम नेब्युलाइज़र के बारे में बात की गई हैं।
ओमरॉन एनई सी28 कंप्रेसर नेब्युलाइज़र(Omron NE C28 Compressor Nebulizer): श्वसन संबंधी विकारों तथा एलर्जी(Allergy) के इलाज हेतु, यह सबसे अच्छे नेब्युलाइज़र में से एक है। इसका संचालन बहुत आसान है। इसका डिज़ाइन मजबूत है, और यह बच्चों के लिए भी पूरी तरह से सुरक्षित है।
डॉ मोरपेन कंप्रेसर नेब्युलाइज़र (CN-10)(Dr Morepen Compressor Nebulizer (CN-10):
डॉ. मोरपेन कंप्रेसर नेब्युलाइज़र भारतीय नेब्युलाइज़र बाज़ार में, सबसे विश्वसनीय और प्रसिद्ध उपकरणों में से एक है। उपयोग में आसान इस मशीन को, श्वसन पथ को ठीक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह नेब्युलाइज़र वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए उपयुक्त है।
हैंडिनैब न्यूलाइफ पिस्टनटाइप कंप्रेसर नेब्युलाइज़र(Handynab Nulife Pistontype Compressor Nebulizer): जब अच्छे नेब्युलाइज़र की बात आती है, तो यह हमारे बजट और हल्के वजन वाला एक एकदम सही संयोजन है। यह बच्चों के लिए भी, सबसे अच्छी नेब्युलाइज़िंग मशीनों में से एक है।
एयर फोर्स वन(AirForce One):
एयरफोर्स वन, जो कि एक कॉम्पैक्ट कंप्रेसर नेब्युलाइज़र(Compact compressor nebulizer) है, एरोसोल थेरेपी का एक लागत प्रभावी एवं विश्वसनीय रूप प्रदान करता है। यह संचालित करने में आसान और टिकाऊ भी है, जिसका उपयोग वयस्क और बाल रोगियों पर किया जा सकता है।
पल्मोएड(PulmoAide):
इस नेब्युलाइज़र की आधुनिक स्टाइलिंग(Styling), टिकाऊपन और उपयोग में आसानी, इस इकाई को घरेलू अस्थमा उपचार के लिए उपयुक्त बनाती है। साथ ही, यह उपचार के समय को कम करने के लिए, उच्च एरोसोल आउटपुट(Aerosol output) प्रदान करता है।
एयरफोर्स मिनी(AirForce Mini):
एयरफोर्स मिनी एक बैटरी(Battery) संचालित वहनीय इनहेलेशन थेरेपी प्रणाली है। इसे आप कहीं पर भी ले जा सकते हैं। इसे आधुनिक कंप्रेसर-प्रौद्योगिकी(Compressor-technology) का उपयोग करके डिज़ाइन किया गया है। यह ऊपरी और निचले वायुमार्ग की श्वसन स्थितियों के इलाज हेतु, उपयुक्त एवं उच्च प्रतिशत श्वसन योग्य एयरोसोल कणों का उत्पादन करता है।
हिकोनेब 908 डीसी(Hikoneb 908 DC):
हिकोनेब 908 डीसी, उच्च प्रदर्शन तथा अधिक मात्रा वाला एक विश्वसनीय एवं अल्ट्रासोनिक नेब्युलाइज़र(Ultrasonic Nebulizer) है, जो कमरे में आर्द्रीकरण, बलगम प्रवर्तन तथा अत्यधिक प्रभावी एरोसोल थेरेपी के लिए उपयुक्त है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/489vu72h
https://tinyurl.com/yft95d2e
https://tinyurl.com/yuf76bsa
https://tinyurl.com/yhhet2e9
https://tinyurl.com/dz2kvwe5
https://tinyurl.com/bddnc5e
चित्र संदर्भ
1. नेब्युलाइज़र पहने महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. सेल्स-गिरन्स प्रेशराइज्ड इनहेलर (1858) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. नेब्युलाइज़र की कार्यशैली को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. बच्चे द्वारा नेब्युलाइज़र के प्रयोग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. विश्लेषणात्मक नेब्युलाइज़र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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