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जौनपुर के निकट विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक नगरी, वाराणसी को ध्वनि प्रदूषण की नजर लग गई?

जौनपुर

 09-10-2023 09:37 AM
ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

जौनपुर के निकटवर्ती वाराणसी को आध्यात्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से पांच वर्ष पूर्व किये गए एक सर्वेक्षण के दौरान इस शहर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक पाया गया था। तब से लेकर अब तक कई चीजें बदल गई हैं, लेकिन इन सभी बदलावों ने, शहर में ध्वनि प्रदूषण के स्तर को घटाने के बजाय बढ़ाने का ही काम किया है। वाराणसी में ध्वनि प्रदूषण एक बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। यहां पर ध्वनि प्रदूषण का स्तर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board (CPCD) द्वारा निर्धारित स्तर से काफी अधिक है। वाराणसी में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण का प्रमुख कारण, यहां पर बढ़ता यातायात, जनसंख्या और लोगों द्वारा अधिनियम का पालन नहीं करने को बताया जा रहा है। गंगा नदी के तट पर स्थित, वाराणसी को “बनारस” या “काशी” के नाम से भी जाना जाता है। वाराणसी जिला, लखनऊ (राज्य की राजधानी) से 320 किमी और हमारे जौनपुर से मात्र 63 किमी की दूरी पर स्थित है। इसलिए यहां पर होने वाला छोटा सा बदलाव भी हमारे जौनपुर शहर को प्रभावित कर सकता है। इन सभी बदलावों में बढ़ता हवाई यातायात, ध्वनि व वायु प्रदूषण में वृद्धि का एक बड़ा कारक साबित हुआ है। और वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा तो, जौनपुर और वाराणसी के बीच में ही निर्मित है! केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्ययन में शांत क्षेत्रों, आवासीय क्षेत्रों और वाणिज्यिक क्षेत्रों सहित वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों में शोर के स्तर को मापा गया। इन सभी स्थानों से प्राप्त परिणामों से पता चला कि सभी क्षेत्रों में शोर का स्तर बेहद उच्च था। हालांकि वाराणसी सहित पूरे देश में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 लागू किया है। ये नियम सार्वजनिक स्थानों पर शोर की सीमा को तय करते हैं।
नीचे इन नियमों के मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में दिया गया है:
१. सार्वजनिक आपातकाल को छोड़कर, हॉर्न (Horn), ध्वनि उत्सर्जित करने वाले निर्माण उपकरण और पटाखों का उपयोग, शांत क्षेत्रों या आवासीय क्षेत्रों में रात के समय नहीं किया जा सकता है।
२. लाउडस्पीकर (Loudspeaker) और सार्वजनिक संबोधन प्रणालियों का उपयोग केवल अधिकारियों से प्राप्त लिखित अनुमति के बाद ही किया जा सकता है।
३. राज्य सरकार, सांस्कृतिक या धार्मिक उत्सव के अवसरों पर रात के दौरान लाउडस्पीकर और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग करने की अनुमति दे सकती है।
४. सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली से उत्पन्न शोर का स्तर 75 डीबी (75dB(A) से अधिक नहीं हो सकता। लोग अक्सर ध्वनि और शोर के बीच भ्रमित हो जाते हैं। वास्तव में ध्वनि विभिन्न वस्तुओं से निकलने वाली ऊर्जा होती है, जो कंपन करती हैं। यह हवा या पानी जैसे माध्यम से होकर गुजरती हैं। दूसरी ओर, शोर अवांछित ध्वनि होती है जो तेज, अप्रिय और अप्रत्याशित होती है। शोर हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है। यह हमारे भीतर झुंझलाहट पैदा कर सकता है, हमारी सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है, हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, हमारी दैनिक गतिविधियों और प्रदर्शन को बाधित कर सकता है और यहां तक कि पौधों, जानवरों और पक्षियों की दिनचर्या को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization (WHO) ने वायु और जल प्रदूषण के बाद, बड़े शहरों में शोर को तीसरा सबसे खतरनाक प्रकार का प्रदूषण माना है। जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा, शोर या ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न करने में हवाई यातायात या विमानन गतिविधियों का बहुत बड़ा योगदान होता है। हवाई यातायात या विमानन ध्वनि प्रदूषण, हवाई जहाज़ के उड़ान भरते समय पैदा हुए तेज़ शोर से उत्पन्न होता है। हवाई जहाज के शोर को तीन मुख्य भागों में वर्गीकृत किया जाता है:
१. यांत्रिक शोर: यांत्रिक शोर, इंजन के गतिशील भागों द्वारा उत्पन्न तेज़ ध्वनि के कारण उत्पन्न होता है। यह विशेष रूप से तब बहुत तेज़ होता है, जब पंखे के ब्लेड बहुत तेज़ी से घूमते हैं।
२. वायुगतिकीय शोर: यह शोर हवाई जहाज की सतहों के चारों ओर घूमने वाली हवा द्वारा बनाई गई ध्वनि से उत्पन्न होता है। यह विशेष रूप से तब तेज़ होता है जब हवाई जहाज नीचे की ओर तेज़ी से उड़ रहा हो।
४. विमान प्रणालियों से उत्पन्न शोर: यह शोर हवाई जहाज के अंदर के सिस्टमों द्वारा बनाई गई ध्वनि से उत्पन्न होता है। शोर का स्तर और आवृत्ति, विमान के प्रकार, उसकी गति और उस ऊंचाई पर निर्भर करती है जिस पर वह उड़ रहा है।
जब कोई विमान उड़ता है, तो वह अपने चारों ओर की हवा को संपीड़ित और विरल कर देता है। इससे दबाव तरंगें (Pressure Waves) उत्पन्न होती हैं, जो ध्वनि तरंगों के रूप में हवा में यात्रा करती हैं।
विमान से उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण से मानव स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। जैसे:
१. नींद में खलल: विमान के शोर से नींद आना बहुत मुश्किल हो सकता है, जिस कारण दिन भर थकान होती है, और उत्पादकता में कमी आ सकती है।
२. हृदय संबंधी समस्याएं: विमान का शोर रक्तचाप और हृदय गति को बढ़ा सकता है। इससे हृदय रोग और स्ट्रोक (Stroke) का खतरा बढ़ सकता है।
३. तनाव: विमान का शोर लंबे समय तक चलने वाला तनाव पैदा कर सकता है। इससे चिंता, अवसाद और उच्च रक्तचाप सहित कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
हालांकि आज के कई विमान निर्माता, विमान के शोर को कम करने के लिए नई-नई तकनीकें विकसित कर रहे हैं। इसमें शांत इंजनों का उपयोग करना, अधिक वायुगतिकीय (Aerodynamic) विमान डिजाइन करना और शोर-कम करने वाली प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना शामिल है। कई देशों की सरकारें भी विमान संचालन और उड़ान पथों (Flight Paths) को विनियमित करके विमान ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए भी काम कर रही हैं। इसी क्रम में भारत सरकार ने भी ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए देश भर के हवाई अड्डों के लिए नए शोर मानक (Noise Standard) तय किए हैं। ये नियम 18 जून, 2018 से लागू कर दिए गए थे। नियमों के अनुसार प्रति वर्ष 50,000 से अधिक विमानों की आवाजाही वाले व्यस्त हवाई अड्डों में दिन के समय शोर का स्तर 75 dB(A) (Decibel) और रात के दौरान 65 dB(A) से अधिक नहीं होना चाहिए। अन्य सभी हवाई अड्डों पर दिन के दौरान शोर का स्तर 65 डीबीए और रात के दौरान 60 डीबीए से अधिक नहीं होना चाहिए। नियमों में यह भी कहा गया है कि नए, आगामी या प्रस्तावित हवाई अड्डों के लिए, हवाई अड्डा संचालकों द्वारा शोर-मॉडलिंग (Noise-Modeling) का संचालन किया जाना जरूरी है। मानव स्वास्थ्य व् कल्याण पर विमान के शोर के प्रतिकूल प्रभाव को नज़रअंदाज़ करते हुए, लगभग सभी भारतीय हवाई अड्डे क्षेत्र के आसपास शहरीकरण बढ़ रहा है, जिस कारण यहां जमीन की कीमतें घटने के बजाय, इन विमानों की ही भांति आसमान की ओर ऊपर बढ़ती ही जा रही हैं! हम सभी को शोर के बढ़ते स्तर से जुड़े ध्वनि प्रदूषण के बारे में और जागरूक होने की आवश्यकता है

संदर्भ
https://tinyurl.com/4dkc5rfr
https://tinyurl.com/yrzn569n
https://tinyurl.com/56pkr7es
https://tinyurl.com/4j7sd79u
https://tinyurl.com/25ctp7h9

चित्र संदर्भ
1. वाराणसी शहर को दर्शाता एक चित्रण (pixahive)
2. वाराणसी में लगे ट्रैफिक जाम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. हवाई जहाज से होते ध्वनि प्रदूषण को दर्शाता एक चित्रण (rawpixel)
4. हवाई जहाज को दर्शाता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
5. ध्वनि प्रदूषण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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