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ऋग्वेद को संस्कृत के ज्ञानवर्धक तथा पथप्रदर्शक सूक्तों एवं मंत्रों से सुसज्जित, एक बहुमूल्य प्राचीन भारतीय संग्रह माना जाता है। इस ग्रंथ की महत्ता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसके श्लोकों में निहित बहुमूल्य शिक्षाओं ने एक प्रसिद्ध ब्रिटिश संगीतकार और संगीत के शिक्षक रहे "गुस्ताव थियोडोर वोन होल्स्ट’ (Gustav Theodore von Holst) को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने ऋग्वेद का स्पष्ट और वास्तविक अनुवाद समझने के लिए संस्कृत भाषा भी सीख ली थी।
गुस्ताव होल्स्ट अपने समय के एक जाने-माने अंग्रेजी संगीतकार और संगीत के पहुचे हुए शिक्षक माने जाते थे। उनका जन्म 21 सितंबर 1874 में यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) के चेल्टेनहैम (Cheltenham) में हुआ था। उन्हें सबसे अधिक उनकी आर्केस्ट्रा रचना ‘द प्लैनेट्स’ (The Planets) के लिए जाना जाता है। लेकिन इसके अलावा भी उन्होंने संगीत की विभिन्न शैलियों में कई अन्य रचनाएं लिखीं। उनका संगीत कई अलग-अलग स्रोतों से प्रभावित था, जिसमें अंग्रेजी लोक संगीत, भारतीय संगीत और रिचर्ड वैगनर (Richard Wagner) तथा मौरिस रवेल (Maurice Ravel) जैसे अन्य संगीतकारों की संगीत कृतियां भी शामिल थी।
उनकी सबसे अधिक लोकप्रिय कृति ‘द प्लैनेट्स’ सीधे तौर पर “ऋग्वेद” से बहुत अधिक प्रभावित नजर आती है। गुस्ताव होल्स्ट शुरू से ही भारतीय संस्कृति में बहुत अधिक रूचि रखते थे और उन्होंने ऋग्वेद के सूक्तों एवं श्लोकों का प्रयोग अपने लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में किया।
हालांकि, होल्स्ट ने कभी-भी भारत का दौरा नहीं किया था, लेकिन 1907 में उन्होंने राल्फ थॉमस हॉटकिन ग्रिफ़िथ (Ralph Thomas Hotchkin Griffith) द्वारा अनुवादित ऋग्वेद के दूसरे संस्करण की एक प्रति खरीदी। आज इस प्रति को ‘सेंट पॉल गर्ल्स स्कूल’ (St. Paul's Girls' School) में रखा गया है, जहाँ होल्स्ट कभी संगीत के शिक्षक रहे थे। इसी पुस्तक ने उन्हें संस्कृत और ऋग्वेद को और बेहतर ढंग से सीखने के लिए प्रेरित किया।
इसी पुस्तक से प्रेरित होकर गुस्ताव होल्स्ट ने 1907 में ‘कोरल हिम्स फ्रॉम द ऋग्वेद’ (The choral Hymns From The RigVeda ) नामक एक शास्त्रीय संगीत कृति की रचना भी की ।
इस कृति में उन्होंने ऋग्वेद के सूक्तों को चार समूहों में विभाजित किया गया है:
- पहला समूह (H.97): ‘युद्ध सूक्त'; ‘अज्ञात ईश्वर को समर्पित सूक्त' और ‘अंतिम संस्कार सूक्त '
- दूसरा समूह (H.98): ‘वरुण सूक्त'; ‘अग्नि को समर्पित सूक्त'; ‘अंत्येष्टि मंत्र’
- तीसरा समूह (H.99): ‘भोर सूक्त'; ‘जल को समर्पित सूक्त'; और ‘यात्रियों के लिए सूक्त'
- चौथा समूह (H.100): ‘अग्नि सूक्त'; ‘सोम को समर्पित सूक्त'; ‘मानस और इंद्र को समर्पित सूक्त'
नीचे दिए गए चलचित्र में आप गुस्ताव द्वारा रचित ऋग्वेद के सूक्तों के आर्केस्ट्रा प्रतिरूप को देख सकते हैं-
होल्स्ट ने संस्कृत इसलिए भी सीखी ताकि वह स्वयं इन सूक्तों का अनुवाद कर सकें और इनकी गहरी समझ हासिल कर सकें। इससे उन्हें संस्कृत के शब्दों के वास्तविक उच्चारण को समझने तथा अधिक सुसंगत संगीत शैली विकसित करने में मदद मिली।
ऋग्वेद के अलावा होल्स्ट ने मैडम ब्लावात्सकी (Madame Blavatsky) और अध्यात्मविद्यावादी सोसायटी (Theosophical Society) की शिक्षाओं का भी अनुसरण किया। अध्यात्मविद्यावादी सोसाइटी एक आध्यात्मिक आंदोलन है, जिसकी स्थापना 1875 में न्यूयॉर्क शहर (New York City) में हुई थी। अध्यात्मविद्या एक जटिल और उदार दर्शन है जो हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म तथा नियोप्लैटोनिज्म (Neoplatonism) सहित स्रोतों की एक विस्तृत श्रृंखला पर आधारित है। 1882 में सोसाइटी के वैश्विक मुख्यालय को भारत के मद्रास (अब चेन्नई) में स्थानांतरित कर दिया गया था।
होल्स्ट की सबसे प्रसिद्ध कृति ‘द प्लैनेट्स’ (The Planets) भी वेदों और भारतीय विचारों में उनकी गहरी रुचि को दर्शाती है। मई 1914 में प्रथम विश्व युद्ध शुरू होने से कुछ समय पहले, गुस्ताव होल्स्ट ने आर्केस्ट्रा ‘द प्लैनेट्स’ की रचना शुरू कर दी थी।
इसे पहली बार 29 सितंबर, 1918 को लंदन में एक ऑर्केस्ट्रा द्वारा बजाया गया था और इसमें सात भाग हैं:
मंगल, युद्ध लाने वाला (Mars, the Bringer of War (1914)
शुक्र, शांति लाने वाला (Venus, the Bringer of Peace (1914)
बुध, पंखों वाला दूत (Mercury, the Winged Messenger (1916)
बृहस्पति, प्रसन्नता लाने वाला ( Jupiter, the Bringer of Jollity (1914)
शनि, वृद्धावस्था लाने वाला (Saturn, the Bringer of Old Age (1915)
अरुण, जादूगर (Uranus, the Magician (1915)
वरुण, रहस्यवादी (Neptune, the Mystic (1915)
गुजरते समय के साथ “द प्लैनेट्स” अपने पियानो संस्करण के साथ काफी लोकप्रिय हो गया।
संदर्भ
https://tinyurl.com/yc4c566v
https://tinyurl.com/5n8ymzht
चित्र संदर्भ
1. गुस्ताव होल्स्ट और ऋग्वेद को दर्शाता एक चित्रण (Geograph, wikimedia)
2. चेल्टेनहम में गुस्ताव होल्स्ट की मूर्ति को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. ऋग्वेद को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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