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प्राचीन काल से ही मनुष्य का संख्याओं के साथ प्रेम-घृणा का रिश्ता रहा है।पाइथागोरसवाद का मानना था कि ब्रह्मांड की नींव संख्याएं हैं, और यह उनके माध्यम से सद्भाव(harmony) में संचालित होता है।। संख्या रहस्यवाद को आम तौर पर अंक ज्योतिष(Numerology) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। संख्यात्मक संयोग अक्सर इतने उल्लेखनीय होते हैं कि उन्हें तर्कसंगत रूप से समझना मुश्किल होता है। संख्या 153 भी एक ऐसी संख्या है जिसके व्यापक रूप से अनेकों अर्थ हैं । संख्या 153 ज्यामितीय आकृति से जुड़ी है, जिसे वेसिका पिस्किस (Vesica piscis) या मंडोरला (Mandorla) के नाम से जाना जाता है। आर्किमिडीज़ (Archimedes) ने वृत्त के माप की गणना में, 153/265 के अनुपात को "मछली का माप" कहा है। जहां, एक ओर ईसाई धर्म में इस संख्या को यीशु मसीह (Jesus Christ) की संख्या कहा गया है, वहीं हिंदू धर्म में, इस संख्या को मंडल तथा यंत्र से जोड़ कर देखा जाता है। इसके अलावा इसको शिव–शक्ति के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है। आखिर, इसका वास्तविक रहस्य क्या है? आइए जानते हैं।
संख्या 153 में कुछ अद्वितीय अंकगणितीय गुण हैं। यह संख्या एक त्रिकोणीय संख्या है, जिसका अर्थ है कि यह 1 से 17 तक के पूर्णांकों और इसके पहले पांच भाज्यों का योग है।। साथ ही संख्या 153 एक षट्कोणीय संख्या भी है। बाइबिल में संख्या 153 का महत्व आधुनिक टिप्पणियों में एक सामान्य विषय है।। यह आर्मस्ट्रांग संख्याओं (Armstrong numbers) में से एक है; अर्थात,1, 5, और 3 के घनों का योग 153 है।
क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि यदि 153 बड़ी मछलियां एक छोटे आयत में निरुद्देश्य रूप से रेखांकित की जाएं, तो कैसी दिखेंगी? इनका ऐसा रेखाटन एक पुरानी और अजीब प्रतीकात्मक पहेली के परिचय के रूप में कार्य करता है। यह ‘गॉस्पेल ऑफ जॉन’ (Gospel of John) के 21वे अध्याय की 153 बड़ी मछलियों को संदर्भित करता है। जॉन का यह गॉस्पेल यीशु मसीह के पुनरुत्थान के बाद, उनकी तीसरी उपस्थिति के बारे में बात करता है।
परंतु यहां, यह प्रश्न उठ सकता है कि इस संख्या का महत्त्व एवं रहस्य क्या है? इसलिए, हमें 153 संख्या का प्रतीकात्मक अर्थ खोजना चाहिए।
जॉन के गॉस्पेल या शिक्षाओं के पुराने नियम में संख्या 153 का केवल एक बार ही उल्लेख किया गया है। दरअसल, यह संख्या 153 न होकर 153000 है, जो सुलैमान राजा के शासनकाल में निर्मित कुछ पहले मंदिरों के निर्माणकर्ताओं की संख्या थी। यह संख्या सटीक नहीं है, एक रिकॉर्ड अनुसार यह संख्या 153600 थी जबकि, दूसरे के अनुसार यह संख्या 153200 थी। लेकिन, यह संख्या हमेशा 153000 के आस-पास ही रही।
इसके अलावा यीशु द्वारा अपने शिष्यों के पैर धोने की रहस्यमय क्रिया मंडल की एक नई समझ का परिचय देती है, जो उस जाल की तरह है जिसमें शिष्यों ने 153 मछलियाँ पकड़ीं। संख्या 153 यूनानी दार्शनिकों के लिए भी एक पवित्र संख्या है। मछली जीवन और प्रजनन क्षमता का प्रतीक है (यह ऑर्फ़ियस के अनुयायियों के लिए पवित्र थी), और 153 मछलियों का यह दृष्टांत हमें बताता है कि स्वर्ग के राज्य के जाल के भीतर, हम सभी मछलियाँ, अर्थात्, बनाई गई सभी आत्माएँ पा सकते हैं।
हिंदू धर्म में, इस संख्या को मछलियों के चित्रण के रूप में नहीं, बल्कि मंडल के रूप में देखा जाता है।। वास्तव में भारतीय धर्म और संस्कृति में मंडल आध्यात्म और अनुष्ठान का एक प्रतीक है, जो ब्रह्मांड का प्रतिनिधित्व करता है। सामान्य उपयोग में, “मंडल” किसी भी आरेख, रेखा-चित्र या ज्यामितीय स्वरूप के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला, एक सामान्य शब्द है। क्योंकि, यह ब्रह्मांड को आध्यात्मिक या प्रतीकात्मक रूप में दर्शाता है।
मंडलों का उपयोग विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं में ध्यान केंद्रित करने, आध्यात्मिक अभ्यास का मार्गदर्शन करने, पवित्र स्थान बनाने और ध्यान में सहायता करने के लिए किया जाता है। मंडल बनाना निर्माण प्रक्रिया में विभिन्न तत्वों के एक साथ आने को प्रदर्शित करता है। यह एक संगम है, जो विभिन्न शक्तियों का एक साथ प्रवाहित होना दर्शाता है। संस्कृत में ‘मंडल’ का सीधा सा अर्थ वृत्त है।
संस्कृत में, मंडल से संबंधित एक और शब्द "यंत्र" है, जो धार्मिक ध्यान के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक रहस्यमय आरेख है और "मंडल" शब्द का एक संक्षिप्त रूप है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, प्रत्येक मंडल और यंत्र को अद्वितीय माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों का पालन करते हुए, इन जटिल ज्यामितीय डिज़ाइनों का उपयोग किसी अभ्यासी के उपस्थित होने पर देवताओं का आह्वान करने के लिए भी किया जा सकता है।एक विद्वान के अनुसार, “यंत्र ब्रह्मांडीय सत्य के रहस्योद्घाटन प्रतीकों और मानव अनुभव के आध्यात्मिक पहलू के निर्देशात्मक रेखा-चित्र के रूप में कार्य करते हैं।” मंडल केवल एक मनभावन, या सममित डिज़ाइन नहीं है। बल्कि यह एक प्रक्रिया है। मंडल बनाना अपने आप में एक अनुष्ठान है, और इसमें अकसर, पूरा समुदाय शामिल होता है।
संख्या 153 एक त्रिकोणीय संख्या है। यह संख्या मछलियों की 17 पंक्तियों को व्यवस्थित करके प्राप्त की जा सकती है, प्रत्येक पंक्ति में उसके ऊपर की पंक्ति से एक अधिक मछली होती है।सत्रह की संख्या एक ‘अभाज्य संख्या’ है, अर्थात, एक ऐसी संख्या जिसे, विभाजित नहीं किया जा सकता है। और इस तरह, यह ईश्वर की एकता का भी प्रतीक है।
यह मंडल, चंद्रमा (शक्ति) के आकार में चित्रित एक टोकरी में त्रिकोण (शिव) के रूप में, 153 मछलियों को दर्शाता है। उपरोक्त चित्र में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे 153 संख्या पूर्णता को दर्शाती है। यह एक पूर्ण त्रिभुज का प्रतिनिधित्व करती है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/z8apca2u
https://tinyurl.com/m3tb2x8z
https://tinyurl.com/3znyb8wp
चित्र संदर्भ
1. संख्या 153 अथवा ज्यामितीय आकृति "वेसिका पिस्किस" से निर्मित गिरिजा घरों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. वेसिका पिस्किस, जीवन के फूल (मेटाट्रॉन क्यूब) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. संख्या 153 को दर्शाता एक चित्रण (Prarang)
4. सर्वतोभद्र मंडल को दर्शाता एक चित्रण (openclipart)
5. समबाहु त्रिभुज मछली को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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