Post Viewership from Post Date to 01-Oct-2023
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2399 461 2860

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

उपयोगी उपकरणों में पशु उत्पाद की है, महत्वपूर्ण भूमिका

जौनपुर

 01-09-2023 09:25 AM
शारीरिक

प्राचीन काल से ही मनुष्य भोजन और कपड़ों के लिए जानवरों पर निर्भर रहा है। जहां उसने जानवरों का इस्तेमाल भोजन और कपड़ों के लिए किया, वहीं कला, साहित्य, पौराणिक कथाओं और विभिन्न धर्मों में भी मनुष्य ने जानवरों को प्रतीकात्मक रूप दिया। उदाहरण के लिए, घोड़े के बाल का उपयोग जहां वायलिन (Violin) और अन्य तार वाले वाद्ययंत्रों को बनाने में किया गया, वहीं मोर के पंखों का उपयोग हाथ से चलाए जाने वाले पंखे को बनाने में किया गया। तो आइए, आज मानव इतिहास में जानवरों के उत्पाद की भूमिका को समझते हैं। मनुष्य ने जानवरों का उपयोग कई तरह से किया, फिर चाहे वह मांस के रूप में हो या किसी कार्य या परिवहन के लिए श्रम शक्ति के रूप में। जैविक अनुसंधान, जैसे आनुवंशिकी और दवा परीक्षण में जानवरों का उपयोग एक नमूने के तौर पर किया जाता रहा है। कई प्रजातियों को मनुष्य ने पालतू जानवरों के रूप में पाला, जिनमें कुत्ते और बिल्लियां सबसे मुख्य हैं। कला क्षेत्र की बात करें, तो घोड़े और हिरण कुछ ऐसे जानवर हैं, जिनका उपयोग कला क्षेत्र में सम्भवतः सबसे पहले हुआ था। घोड़े और हिरण की छवियों को पुरापाषाण काल के अंतिम समय के गुफा चित्रों में देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए लैसकॉक्स (Lascaux), जो कि फ़्रांस (France) में स्थित गुफाओं का एक समूह है, में घोड़े और हिरण की छवियां देखी जा सकती हैं। कुछ प्रमुख कलाकारों जैसे अल्ब्रेक्ट ड्यूरर (Albrecht Dürer), जॉर्ज स्टब्स (George Stubbs) और एडविन लैंडसीर (Edwin Landseer) को उनके पशु चित्रों के लिए जाना जाता है। साहित्य, फिल्म, पौराणिक कथाओं और धर्म में भी जानवरों ने विविध प्रकार की भूमिकाएं निभाई हैं। घोड़े के बाल का उपयोग वायलिन और अन्य तार वाले वाद्ययंत्रों को बनाने के अलावा मिट्टी के बर्तनों को सजाने और टोकरियों को बुनने में भी किया गया। तार वाले वाद्ययंत्रों में तार को बनाने के लिए जिन घोड़ों के बालों का उपयोग किया जाता है, वे साइबेरिया (Siberia), मंगोलिया (Mongolia) और कनाडा (Canada) की ठंडी जलवायु में पाए जाने वाले घोड़ों की पूंछ के होते हैं। ठंडी जलवायु के कारण उनकी पूंछ के बाल अधिक घने और मजबूत हो जाते हैं। अधिकांश बालों को बूचड़खाने से प्राप्त किया जाता है, न कि जीवित घोड़ों से। तार वाले वाद्य यंत्रों में घोड़ों की पूंछ के बालों का एक बहुत ही छोटा हिस्सा उपयोग किया जाता है। इसके अलावा मछलियों को पकड़ने के लिए भी घोड़े के बाल का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता रहा है। मध्यकालीन युग में ठंडी जलवायु में मछली पकड़ने के लिए घोड़ों के बालों से बने दस्तानों का उपयोग किया जाता था। घोड़ों के बालों की तरह मोर के पंखों का उपयोग भी अनेक कार्यों के लिए किया जाता रहा है। पारंपरिक वेशभूषा, टोपी, पंखे इत्यादि में मोर के पंखों का उपयोग प्रमुखता से किया गया। जहां कुछ संस्कृतियों में मोर के पंख को राजशाही, सुंदरता और बुरी आत्माओं से सुरक्षा का प्रतीक माना है, वहीं कुछ संस्कृतियां, मोर के पंख को अहंकार और दुर्भाग्य का प्रतीक मानती हैं। वर्तमान समय में फैशन उद्योग में मोर के पंख महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए बहुतायत में उपयोग किए जा रहे हैं। हालांकि, मोर को वन्यजीव नियमों के तहत संरक्षित किया गया है तथा भारत और लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए बनाए गए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सभा द्वारा उनके पंखों और उनसे बनी वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन देश में प्राकृतिक रूप से झड़े मोर के पंखों को एकत्रित करना और बेचना गैरकानूनी नहीं है। ट्रैफिक इंडिया (Traffic India) के 2008 के एक अध्ययन के अनुसार सालाना लगभग 20 मिलियन मोर पंखों का व्यापार होता है तथा आगरा में एक पूरा समुदाय इस व्यापार में शामिल है। घोड़े के बाल और मोर के पंख के अलावा हाथी के दांत भी एक अन्य महत्वपूर्ण सामग्री है, जो पारंपरिक रूप से हाथियों से ही प्राप्त होती है। यह हाथी के दांतों का एक कठोर सफेद पदार्थ है, जिसमें दांतों का प्रमुख घटक डेंटाइन (Dentin) मौजूद होता है। यूनान (Greek) और रोम (Rome) की सभ्यताओं में बड़ी मात्रा में उच्च मूल्य की कलाकृतियों, कीमती धार्मिक वस्तुओं और महंगी वस्तुओं और सजावटी बक्से बनाने के लिए हाथी दांत का उपयोग किया जाता था। मूर्तियों की आंखों का सफेद भाग बनाने के लिए अकसर हाथी के दांत का उपयोग किया जाता रहा है। बेग्राम हाथीदांत (Begram Ivories) से इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि, भारत प्राचीन काल से ही हाथी दांत की नक्काशी का एक प्रमुख केंद्र रहा है। बेग्राम हाथीदांत, एक हजार से अधिक सजावटी पट्टिकाओं, छोटी आकृतियों इत्यादि का समूह है, जिन्हें हाथी के दांत और हड्डी से बनाया गया था। बेग्राम हाथीदांत को अफगानिस्तान में स्थित बेग्राम में पहली या दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के कुषाण साम्राज्य के एक महल में पाया गया, जिनका उपयोग फर्नीचरों के लिए किया गया था। माना जाता है कि, इनमें से अधिकांश की नक्काशी संभवतः उत्तर भारत में की गई थी, हालांकि, बेग्राम के खजाने में मिली कई अन्य विलासितापूर्ण वस्तुएँ यूनान और रोम की थी। इसके अलावा 79 ईस्वी में हुए पोम्पेई (Pompeii) शहर के विनाश के बाद उसके अवशेषों में भारत में निर्मित “पोम्पेई लक्ष्मी” की मूर्ति पाई गई थी, जो कि हाथीदांत से बनी थी। भारत में हाथियों के संरक्षण के लिए संभवतः सभी प्रकार के कानून बनाए गए हैं। 1986 में भारतीय वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत हाथीदांत और उसके उत्पादों की घरेलू बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन फिर भी अफ्रीकी (African) हाथीदांत की आड़ में एशियाई (Asian) हाथीदांत बेचे जा रहे थे। 1991 में एक संशोधन द्वारा अफ्रीकी हाथीदांत के आयात, नक्काशी और बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। जानवर हमारे पारिस्थितिक तंत्र का एक अनिवार्य अंग हैं, और यदि हम उनके आवासों को नष्ट करते रहेंगे या उन्हें मारते रहेंगे, तो हमारा पूरा पारिस्थितिक तंत्र जल्द ही नष्ट हो जाएगा, परिणामस्वरूप मनुष्य भी विलुप्त हो जाएंगे।

संदर्भ:
https://tinyurl.com/2p95972z
https://tinyurl.com/m5u7bp4d
https://tinyurl.com/mr3hbcrx
https://tinyurl.com/rvhh2spx
https://tinyurl.com/24h9e47w
https://tinyurl.com/j5vxf2wh
https://tinyurl.com/mwsmnj5
https://tinyurl.com/57hvrn8w
https://tinyurl.com/2p8m7ss9

चित्र संदर्भ
1. भेड़ के ऊन से निर्मित कपड़ों को दर्शाता चित्रण (Hippopx, Wallpaper Flare)
2. जानवर की खाल पहने महिला को दर्शाता चित्रण (Wallpaper Flare)
3. लैसकॉक्स गुफाओं में जानवरों की छवियों को दर्शाता चित्रण (World History Encyclopedia)
4. घोड़े की पूँछ के साथ एक बालिका को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. गोजे, उत्तरी घाना का एक दो-तार वाला वायोला है। इसमें साँप की खाल से पोरोंगो कटोरे को ढका जाता है, और एक घोड़े के बाल वाली रस्सी को ऊपर लटका दिया जाता है। गोजे को एक डोरी वाले धनुष के साथ बजाया जाता है। इसका प्रयोग अक्सर हौसा संगीत में किया जाता है। को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
6. मोर के पंखों से निर्मित सामग्री को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
7. बेग्राम हाथीदांत, एक हजार से अधिक सजावटी पट्टिकाओं, छोटी आकृतियों इत्यादि का समूह है, जिन्हें हाथी के दांत और हड्डी से बनाया गया था। को दर्शाता चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id