भारत को प्रकृति का वरदान है, “हिमालय”

पर्वत, पहाड़ियाँ और पठार
25-08-2023 09:34 AM
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भारत को प्रकृति का वरदान है, “हिमालय”

बर्फ से लदे विशालकाय हिमालय, भारत के भूगोल में बड़ी अहम भूमिका निभाते हैं। पूरी दुनिया के किसी भी अन्य देश की पर्वत श्रृंखला ने वहां लोगों के जीवन पर उतना बड़ा प्रभाव नहीं डाला है, जितना प्रभाव इन हिमालयों ने हमारे देश पर डाला है। इनकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि “हिमालय को भारत का दिल और आत्मा माना जाता है।” आज के इस लेख में हम यही जानेंगे कि भारत के लिए हिमालय इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं? हिमालय, दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है, जो भारत की उत्तरी सीमा के साथ-साथ चलती है। ये पर्वत भारत की जलवायु, जल आपूर्ति और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चलिए, जानते हैं कैसे?
1. जलवायु प्रभाव: हिमालय की पर्वत श्रृंखला भारत की जलवायु को नियंत्रित करने में बहुत बड़ा योगदान देती है। ये पर्वत मध्य एशिया से आने वाली ठंडी हवाओं को रोकते हैं और मानसून की बारिश लाने में मदद करते हैं। इससे भारतीय उपमहाद्वीप को अपेक्षाकृत ठंडा और नम रहने में मदद मिलती है।
2.रक्षा: हिमालय की ऊंची पर्वत श्रृंखला ने सदियों से भारत की आक्रमणकारियों के खिलाफ एक प्राकृतिक बाधा के रूप में भी काम किया है। वे इतने ऊँचे और ऊबड़-खाबड़ हैं, कि उन्हें पार करना आक्रमणकारियों के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है और इससे भारत को विदेशी हमलों से सुरक्षित रहने में मदद मिली है।
3. नदियों का स्रोत: हिमालय भारत की कई प्रमुख नदियों (जिनमें गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र शामिल हैं) का उद्गम स्थल है। ये नदियां भारत को पीने, सिंचाई करने और पनबिजली यानी पानी से बिजली बनाने के लिए जल उपलब्ध कराती हैं।
4.उपजाऊ मिट्टी: क्या आप जानते हैं कि, हिमालय उपजाऊ मिट्टी बनाने में भी मदद करता है। दरअसल, पहाड़ों से बहने वाली नदियां अपने साथ तलछट बहाकर लाती हैं, जो नीचे के मैदानों में जमा हो जाती है। यह तलछट, मिट्टी को बहुत उपजाऊ बनाती है, जो कि विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है।
5. जल-विद्युत: हिमालय जल-विद्युत शक्ति का भी एक प्रमुख स्रोत माना जाता है। पहाड़ों से बहने वाली नदियों का उपयोग बिजली पैदा करने के लिए किया जाता है, और इससे भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है। 6. वन संपदा: हिमालय में विभिन्न प्रकार के जंगल पाए जाते हैं, जो कि वहां रहने वाले लोगों को सामान्य लकड़ी, ईंधन की लकड़ी और अन्य संसाधन प्रदान करते हैं। वे जंगल बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) को अवशोषित और आक्सीजन छोड़कर पर्यावरण की रक्षा करने में भी मदद करते हैं। हिंदू महाकाव्य “रामायण” में वर्णित संजीवनी बूटी का भी पर्वतों में होने का उल्लेख मिलता है। इस जड़ी-बूटी को मृत संजीवनी के नाम से भी जाना जाता है। जब हनुमान जी ऋषभाद्रि पर्वत पर इसे खोजने के लिए जाते हैं तो, उन्हें संजीवनी सहित चार औषधीय जड़ी-बूटियां दिखाई देती हैं। संजीवनी बूटी वाले इस पर्वत को औषधि पर्वत भी कहा जाता है। जड़ी-बूटियों के इस पहाड़ का स्थान उत्तराखंड में बद्रीनाथ के पास फूलों की घाटी को माना जाता है, जो हिमालय की ढलान पर स्थित है। 7. कृषि: हिमालय अपनी तीव्र ढलानों और अधिक ऊंचाई के कारण कृषि के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते हैं। हालांकि, कुछ फसलें (जैसे चाय पत्ती) केवल सीढ़ीदार ढलानों पर उगाई जा सकती हैं। इसके अलावा सेब, आड़ू, अंगूर, नाशपाती, शहतूत, अखरोट, चेरी, खुबानी आदि जैसे विभिन्न प्रकार के फल भी हिमालय क्षेत्र में ही उगाए जाते हैं।
8. पर्यटन: हिमालय पर्वत भारत में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है और हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। ये विशालकाय पहाड़ सैलानियों को आश्चर्यजनक दृश्य प्रस्तुत करते हैं। हर साल लाखों लोग लंबी पैदल यात्रा, कैंपिंग (camping), स्कीइंग (skiing) और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए हिमालय जाते रहते हैं।
9. खनिज: प्राचीन टेथिस सागर में तलछट जमा होने की प्रक्रिया के कारण हिमालय क्षेत्र में बहुमूल्य खनिज भी पाए जाते हैं। इन पहाड़ों के नीचे तेल, कोयला, तांबा, सोना और कीमती पत्थरों जैसे कई दुर्लभ खनिज दबे हुए हैं। हालांकि, जटिल भूभाग और युवा पर्वत श्रृंखला को अस्थिर करने की क्षमता के कारण इन खनिजों को निकालना काफी मुश्किल और खतरनाक माना जाता है।
10. तीर्थयात्रा: हिमालय को देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। वेदों में कैलाश पर्वत का उल्लेख भगवान शिव के निवास स्थान के रूप में किया गया है। हर साल हजारों तीर्थयात्री इन पवित्र तीर्थस्थलों पर अपनी श्रद्धा अर्पित करने के लिए हिमालय के कठिन इलाकों से होकर गुजरते हैं। कैलाश, अमरनाथ, बद्रीनाथ, केदारनाथ, तुंगनाथ, वैष्णो देवी, ज्वाला जी, उत्तरकाशी, गंगोत्री, यमुनोत्री आदि यहां के कुछ महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान हैं। इन सभी तीर्थ स्थलों में कैलाश पर्वत हिमालय पर्वत के भीतर तिब्बत के सुदूर दक्षिण पश्चिम भाग में स्थित एक उल्लेखनीय पर्वत माना जाता है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 6638 मीटर (21778 फीट) है और यह हिमालय के सबसे ऊंचे स्थानों में से एक है। यह पर्वत इसलिए भी खास है, क्योंकि इसे एशिया की कुछ सबसे लंबी नदियों का प्रारंभिक बिंदु माना जाता है। तिब्बत में, इसे गैंग टाइज़ा गैंग रिनपोचे (gang ties or gang rinpoche) कहा जाता है। इस पर्वत का आकार चमकदार हीरे जैसा दिखाई देता है। यह पर्वत गहरे रंग की चट्टान से बना है और ऊबड़-खाबड़ और शुष्क लेकिन सुंदर परिदृश्य से घिरा हुआ है। बौद्ध, जैन, हिंदू और तिब्बती बॉन धर्म जैसे विभिन्न धार्मिक समूहों के लिए ये पर्वत बेहद पवित्र माना जाता है। हर साल दुनिया भर से सैकड़ों लोग कैलाश पर्वत की तीर्थयात्रा करते हैं। हजारों वर्षों से अलग-अलग मान्यताओं के अनुयायी इस पर्वत पर परंपरा के रूप में घूमते आ रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से सौभाग्य आता है और पाप धुल जाते हैं। हालांकि, यह एक आसान यात्रा नहीं है, क्योंकि यहां पहुंचने के लिए, शारीरिक और मानसिक रूप से काफी मजबूत होने की आवश्यकता होती है। अधिकांश लोगों को इस यात्रा को पूरा करने में लगभग 3 दिन लगते हैं। हिंदू किवदंतियों के अनुसार, “पर्वत के शीर्ष पर भगवान शिव निवास करते हैं।” कई हिंदू इस पर्वत को स्वर्ग, का प्रवेश बिंदु और दुनिया का केंद्र मानते हैं। वहीं तिब्बती बौद्धों का मानना है कि कैलाश पर्वत में बुद्ध डेमचोक (Buddha Demchok) रहते हैं। जैनियों में, कैलाश पर्वत को अष्टापद पर्वत कहा जाता है और यहीं पर जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान ऋषभदेव ने पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति प्राप्त की थी। सनातन धर्म में एक किवदंती प्रचलित है, जिसमें पृथ्वी, भगवान विष्णु से पूछती है कि, “आप अपने वास्तविक रूप में न आकर पर्वतों के रूप में क्यों आते हैं?” इस सवाल के उत्तर में भगवान विष्णु बताते हैं कि “पहाड़ों का आनंद, जीवित प्राणियों से भी कहीं अधिक है, क्योंकि उन्हें न तो गर्मी, न सर्दी, न दर्द, न क्रोध, न भय और न ही खुशी महसूस होती है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mrxmp8j8
https://tinyurl.com/734acy8b
https://tinyurl.com/yr53ejaa
https://tinyurl.com/4kej3mbw

चित्र संदर्भ
1. पंचाचूली की चोटियों को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
2. दार्जिलिंग हिल्स से कंचनजंगा को दर्शाता चित्रण (flickr)
3. हिमालय के निकट जंगलों को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
4.  बद्रीनाथ के पास फूलों की घाटी को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
5. कैलाश पर्वत को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
6. कैलाश पर्वत के निकट तीर्थ स्थलों को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
7. एलोरा, गुफा 29, रावण कैलाश पर्वत को हिला रहा है, इस दृश्य को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)