Post Viewership from Post Date to 11-Sep-2023
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2118 587 2705

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

आपने भी गौर किया: कोरोना महामारी के बाद लोग अधिक स्वार्थी हो गए हैं!

जौनपुर

 11-08-2023 09:40 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

कोरोना महामारी के दौरान जब सभी लोग अपने-अपने घरों में बंद थे, और चाहकर भी घर से बाहर नहीं जा सकते थे, उस समय लोगों को एक सामाजिक जीवन और अपने जीवन में दूसरे लोगों की अहमियत का पता चलना चाहिए था। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि, महामारी के बाद, अधिक सामाजिक और दयालु होने के बजाय “लोग अधिक स्वार्थी हो गए हैं।”, आखिर लोगों के व्यवहार में यह अनअपेक्षित और अजीब सा परिवर्तन भला क्यों आया? 2020 के बाद दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन (Lockdown) ने, कई नए विभाजन कर दिए और असमानताएं पैदा कर दी हैं। महामारी के दौरान, भारत में कोरोना का प्रभाव, दो वर्गों (अमीर और गरीब) में बटा हुआ नजर आया। इस दौरान एक ओर जहां अमीर लोग भव्य अपार्टमेंट (Grand Apartment) में रहते थे और सोशल मीडिया पर अपनी कसरत का वर्कआउट वीडियो (Workout Video) साझा कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर गरीब परिवार तंग अकेले कमरों में सामाजिक दूरी का चाहकर भी पालन नहीं कर पा रहे थे।
इस संकट के समय "बुनियादी सुविधाएँ" और "बुनियादी आवश्यकताएँ" जैसे शब्द अपना एकल अर्थ खो चुके थे। इस दौरान जहां कई सोशल मीडिया (Social Media) पर लोगों को घर बैठे फैंसी ब्रेड, केक, पेस्ट्री (Fancy Bread, Cake, Pastry) बनाते हुए देख रहे थे, वहीं दूसरी ओर समाचारों में कई ऐसे छोटे-छोटे बच्चे भी दिखाई दे रहे थे, जो नंगे पैर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर भूखे पेट कड़ी धूप में अपने गांव वापस जा रहे थे। आपको जानकर आश्चर्य और दुःख भी होगा कि कोरोना के दौरान घरेलू हिंसा और दुर्व्यवहार भी बढ़ रहे थे। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं (Online Classes) का प्रचलन भले ही बढ़ रहा था, लेकिन उस समय या आज भी हर कोई इंटरनेट (Internet) तक नहीं पहुंच सकता है। इस दौरान वेतन में कटौती और कर्मचारियों की छँटनी के कारण आर्थिक रूप से कमजोर तबके पर और भी कड़ी मार पड़ी। अब कुछ हालियां घटनाएं भी सामने आई हैं, जो बता रही हैं कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी के बाद लोग और अधिक स्वार्थी हो गए हैं? दर्शकों के साथ बातचीत करने और मजाक करने के आदी रहे कई स्टैंड-अप कॉमेडियन (Stand-Up Comedian), यह देख रहे हैं कि उनके कई दर्शक यह भी भूल गए हैं कि, सार्वजनिक स्थानों में आखिर कैसे व्यवहार करना है। एक हास्य अभिनेता डैनी जॉन्स (Danny Johns) के अनुसार जब से प्रतिबंध हटाए गए हैं और उनके लाइव (Live) दर्शक वापस मंच पर आए हैं, तब से अशिष्टता, उत्पीड़न, आक्रामक व्यवहार, धक्का-मुक्की, प्रदर्शन में बाधा डालना और यहां तक कि लोगों के मंच पर चढ़ जाने की घटनाएँ भी बढ़ी हैं। एक भारतीय हास्य अभिनेता को तो मजबूरी में अपने एक दर्शक को उसके अजीब व्यवहार के कारण उसका शो छोड़कर जाने के लिए भी कहना पड़ गया। अपने इंस्टाग्राम (Instagram) पर इस बारे में बात करते हुए उस हास्य अभिनेता ने बताया कि उस व्यक्ति ने नस्लवादी टिप्पणी की थी। हैमरस्मिथ अपोलो (Hammersmith Apollo) में घटित एक ऐसी ही अन्य घटना में एक महिला को रोमेश रंगनाथन (Romesh Ranganathan) के शो से कथित तौर पर हास्य अभिनेता के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार करने के कारण बाहर निकाल दिया गया था। ये घटनाएं एक बड़े पैटर्न (Pattern) का हिस्सा लगती हैं। लेकिन व्यवहार में यह बदलाव केवल कॉमेडी क्लबों (Comedy Clubs) तक ही सीमित नहीं रहा है। कई जगहों पर सुपरमार्केट कर्मचारी (Supermarket Worker) और बस ड्राइवर जैसे अन्य नौकरीपेशा लोगों के ग्राहक भी उनके साथ ऐसे ही बदतर व्यवहार कर रहे हैं। यहां तक कि विदेशों में गैस स्टेशनों (Gas Stations) पर लाइन में इंतजार करने जैसी साधारण जगहों पर भी बहस और विवादों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।
जानकार मानते हैं कि ऐसा इसलिए हो रहा है, क्यों कि महामारी के बाद लोग यह महसूस करने लगे हैं कि “वह अपने जीवन के बचे हुए समय के बारे में कुछ नहीं जानते हैं।” इसलिए, कई लोग अपने पास मौजूद समय का अधिक से अधिक लाभ उठाने के बारे में सोचने लगे हैं। हो सकता है कि जीवन यापन की उच्च लागत, बढ़े हुए कर, उच्च मुद्रास्फीति, संभावित मंदी और यूक्रेन में युद्ध जैसी उभरती समस्याएं भी लोगों को ऐसा अमानवीय व्यवहार करने के लिए प्रेरित कर रही हैं, और उन्हें चिडचिड़ा बना रही हैं।
एक नए शोध के अनुसार पर्याप्त नींद न लेने के कारण भी लोग स्वार्थी व्यवहार कर सकते हैं। जी हाँ, आपने सही सुना। पीएलओएस बायोलॉजी (PLOS Biology) नामक जर्नल (Journal) में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि पर्याप्त नींद न लेने से भी दूसरों की मदद करने की हमारी क्षमता पर असर पड़ता है। हमारे शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए रात में अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी है। इस शोध का हिस्सा रहे विशेषज्ञ बेन साइमन (Ben Simon) के अनुसार "सिर्फ एक घंटे की नींद खोने से भी हमें दूसरों की मदद करने की संभावना कम हो सकती है।" बेन साइमन ने आगे कहा कि “नींद की गुणवत्ता भी मायने रखती है। दूसरों की मदद करने के लिए अच्छी और गहरी नींद लेना बहुत जरूरी है।"
इसके अलावा कुछ अन्य मनोवैज्ञानिक कारण भी होते हैं जिनकी वजह से लोग स्वार्थी व्यवहार करते हैं। कई लोग अपने अनुभव से बताते हैं कि “जो लोग स्वयं को ईश्वर या संपूर्ण भ्रमाण के नियम से अलग समझते हैं, वे स्वार्थी होते हैं।” यदि आपको यह एहसास नहीं है कि आप और इस सृष्टी में सभी जीव-जंतु एक दूसरे से सम्बंधित हैं, कि यह जीव आत्मा या प्राण या ईश्वर आपकी तरह ही हर किसी में मौजूद है, और हर घटना का एक कारण, परिणाम और स्थान निश्चित है, तो आप अपने अहंकार (सोचने का स्वार्थी तरीका जो आपको वास्तविकता से अलग कर देता है) में फंस जाते हैं। जब हम इंसान अपने अहंकार में फंस जाते हैं, तो हम अपने विचारों, भावनाओं और ऊर्जा को अपने आस-पास की हर चीज़ (समस्त ऊर्जा, जीवन और ईश्वर) से विभाजित कर देते हैं। इसलिए जब लोग अहंकार में फंस जाते है तब वे अपने ही विचारों और भावनाओं से अलग-थलग, भ्रमित और उदास रहने लग जाते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/y79ky4zf
https://tinyurl.com/9u3yc8pt
https://tinyurl.com/4en9845z
https://tinyurl.com/46a8ksc7
https://tinyurl.com/3525rnt4

चित्र संदर्भ
1. मास्क पहने युवती को दर्शाता चित्रण (Under the Button)
2. भारत में लॉक डाउन को दर्शाता चित्रण (pixahive)
3. घर में अकेली बैठी युवती को दर्शाता चित्रण (pxhere)
4. मास्क पहने व्यक्ति को दर्शाता चित्रण (Pixabay)
5. भड़के हुए लोगों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id