Post Viewership from Post Date to 22-Aug-2023
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3013 575 3588

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

जौनपुर में आधुनिक प्रौद्योगिकियों ने खेती को बना दिया मुनाफे का सौदा

जौनपुर

 22-07-2023 09:51 AM
भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

आजादी से पहले हमारे देश में अकाल और भुखमरी जैसी दयनीय घटनाएं अक्सर देखी जाती थीं। फसल कम उगने या मौसम के साथ न देने पर, हजारों लोग दाने-दाने के मोहताज हो जाते थे। हालांकि, इसके बाद कृषि कार्यों में ट्रैक्टरों (Tractors) और अन्य प्रौद्योगिकियों के आगमन के साथ ही पूरे देश में एक तरह से कृषि क्रांति ही आ गई। इसके बाद किसानों की मेहनत और मशीनों के प्रयोग की बदौलत, आज की तारीख में भारत को अनाज के सबसे बड़े निर्यातकों में गिना जाता है। भारत में किसानों को अच्छी फसल के साथ ही कई प्रकार कि समस्याएं भी प्राप्त होती हैं। इनमें टिड्डियों कि समस्या होना आम बात है। हाल ही में, जौनपुर के आसपास के क्षेत्रों में टिड्डियों के प्रकोप से निजात दिलाने में भी आधुनिक प्रौद्योगिकियों ने अहम भूमिका निभाई है।
पिछले दिनों जौनपुर के निकट वाराणसी जिले के कई गांवों के साथ-साथ आज़मगढ़ और भदोही जिले के कुछ इलाकों में टिड्डियों का झुंड घुस आया था, जिन्होंने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था। हालांकि, इसके तुरंत बाद ही स्थानीय अधिकारियों ने छिड़काव टीमें बनाकर और फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) के साथ मिलकर, इस स्थिति से निपटने की पूरी कोशिश की। अधिकारियों ने कीटनाशकों का उपयोग करने के लिए रात में ही फायर ब्रिगेड और मैनुअल स्प्रे पंपों (Manual Spray Pumps) को तैयार किया। टिड्डियों के झुंड के स्थान का पता लगाने के लिए उन्होंने विभिन्न विभागों के साथ मिलकर काम किया। इन तकनीकी उपायों के अलावा शोर मचाने से भी टिड्डियों के झुंड को भगाने में मदद मिली। ये स्थिति बताती है की किसी भी फसल के रखखाव में प्रौद्योगिकियां कितनी अहम् भूमिका निभा सकती है।
इसके अलावा अलग-अलग देशों में कृषि पद्धतियाँ भी भिन्न-भिन्न होती हैं। जैसे:
1. औद्योगिक कृषि: खेती करने की यह पद्धति समशीतोष्ण जलवायु वाले विकसित पश्चिमी देशों और उष्णकटिबंधीय देशों के कुछ विशेष क्षेत्रों में प्रचलित हैं।
2. हरित क्रांति कृषि: खेती करने की यह पद्धति एशिया, लैटिन अमेरिका (Latin America) और उत्तरी अफ्रीका में सिंचित मैदानों के साथ ही डेल्टा जैसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के समृद्ध क्षेत्रों में देखी जाती है।
3. संसाधन-विहीन कृषि: खेती करने की यह पद्धति शुष्क भूमि, जंगलों, पहाड़ों, छोटी पहाड़ियों, रेगिस्तानों और दलदलों जैसे कम अनुकूल क्षेत्रों में की जाती है। एशिया में लगभग 1 अरब लोग, उप-सहारा अफ्रीका में 300 मिलियन और लैटिन अमेरिका में 100 मिलियन लोग इस प्रकार की खेती पर निर्भर हैं। यहां पर फसल उत्पादन में मशीनों का उपयोग कम स्तर पर किया जाता है इसके बजाय यहां कई किसान महिलाएं खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
किसानों के लिए खेती के तरीके और उपकरण कृषि को और अधिक कुशल बनाते हैं और उनका समय भी बचाते हैं। यहां हम इसे उदाहरण के माध्यम से समझते हैं: 1. बीज-क्यारी तैयार करना: बीज बोने के लिए मिट्टी तैयार करना, खेती करने का प्रारंभिक चरण माना जाता है। मिट्टी को तैयार करने के लिए किसान फावड़े और कुदाल जैसे हाथ के औजारों का उपयोग करते हैं। इसके लिए वे ट्रैक्टरों या जानवरों द्वारा खींचे जाने वाले हलों का भी उपयोग कर सकते हैं। 2. बुआई/रोपण और उर्वरक प्रयोग: मिट्टी तैयार करने के बाद, खेतों में बीज बोए जाते हैं या पौधे रोपे जाते हैं। यह काम मैन्युअल (Manual) रूप से या प्लांट और सीड ड्रिल (Planters and Seed Drills) का उपयोग करके किया जा सकता है। इस प्रक्रिया के दौरान उर्वरक यानि खाद भी डाला जाता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है की अच्छी फसल वृद्धि के लिए बीज और उर्वरक का समान वितरण जरूरी होता है। 3. पौध संरक्षण: अच्छी पैदावार के लिए फसलों को कीटों और खरपतवारों से बचाना आवश्यक होता है। इसलिए कीटनाशकों और शाकनाशी रसायनों का प्रयोग किया जाता है। इन रसायनों का उपयोग करते समय सुरक्षात्मक कपड़े पहनना और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी होता है। 4. सिंचाई: शुष्क यानी सूखे क्षेत्रों में फसल की वृद्धि के लिए सिंचाई करना जरूरी होता है। यहां पर पानी लाने और इसे खेतों में वितरित करने के लिए पारंपरिक और आधुनिक उपकरणों सहित विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है। 5. निराई-गुड़ाई और अंतरवर्ती खेती: फसल के स्वास्थ्य के लिए अवांछित पौधों और खरपतवारों को हटाना जरूरी होता है। इस प्रक्रिया में कुदाल जैसे हाथ के उपकरण, साथ ही यांत्रिक निराई मदद करते हैं। सही उपकरणों का उपयोग करके निराई को अधिक कुशल बनाया जा सकता है। 6. कटाई: जब फसल तैयार हो जाती है, तो उसकी कटाई की जाती है। ऐसे में आमतौर पर दरांती या हंसिया से हाथ से कटाई करना अधिक आसान माना जाता है। लेकिन बड़े पैमाने पर खेती के लिए कंबाइन हार्वेस्टर (Combine Harvester) जैसी मशीनों का भी उपयोग किया जाता है। 7. मड़ाई करना और झाड़ना: कटाई के बाद अनाज को बाकी पौधे से अलग करना पड़ता है। मड़ाई करने के मैनुअल तरीकों (Manual Methods) में फसलों को पीटना या मैकेनिकल पैडल (Mechanical Paddles) या पावर थ्रेसर (Power Threshers) का उपयोग किया जाता है। 8. कटाई के बाद के कार्य: मड़ाई के बाद, सफाई, ग्रेडिंग और छिलाई (Grading and Peeling) जैसी आगे की प्रक्रियाओं की आवश्यकता हो सकती है। ये कार्य भी मैनुअल या मशीन की सहायता से किये जा सकते हैं। 9. मैनुअल सामग्री-हैंडलिंग कार्य (Manual Material-Handling Tasks): खेती में अनाज का भार उठाने, ले जाने और परिवहन जैसे जटिल शारीरिक कार्य भी शामिल होते हैं। यहां पर भी नवीन उपकरण और तकनीक किसानों के शरीर के तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं। इन सभी के अलावा भी मैनुअल खेती और यांत्रिक खेती के अपने-अपने फायदे और नुकसान होते हैं ।
उदाहरण के तौर पर- हाथ से कटाई के लाभ:
1. यह एक कुशल तरकीब होती है और काम अच्छे से पूरा हो जाता है।
2. कटाई के बाद सफाई करना आसान होता है।
3. इस पर मौसम की स्थिति का कम प्रभाव पड़ता है।
हाथ से कटाई की खामियां:
1. उच्च श्रम लागत।
2. कुशल लोगों की आवश्यकता होती है।
3. इस प्रक्रिया के दौरान अनाज को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है।
यांत्रिक कटाई के लाभ:
1. इसकी मदद से बड़ी मात्रा में फसलों की कटाई की जा सकती है।
2. कम मजदूरों की आवश्यकता होती है।
3. खेत के आकार की परवाह किए बिना अच्छा काम होता है।
4. कृषि उत्पादन बढ़ता है।
यांत्रिक कटाई की कमियां:
1. मशीनरी के लिए उच्च प्रारंभिक लागत की आवश्यकता होती है।
2. कुछ फसलों के लिए अधिक प्रभावी नहीं है।
3. श्रम आवश्यकताओं में कमी के कारण कृषि क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ सकती है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/y9962amc
https://tinyurl.com/26z3rb23
https://tinyurl.com/muuzz5m8
https://tinyurl.com/3kw43zkv

चित्र संदर्भ

1. खेत में ट्रेक्टर चलाते किसानों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. खेत में टिड्डियों के हमले को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. ट्रेक्टर चलाते किसानों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. बुवाई मशीन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. कीट नाशकों का छिड़काव करते किसान को दर्शाता चित्रण (Max Pixel)
6. सिंचाई पाइपों को संदर्भित करता एक चित्रण (Rawpixel)
7. खेत में गुड़ाई करती महिला किसान को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
8. कंबाइन हार्वेस्टर को संदर्भित करता एक चित्रण (Pixabay)
9. पावर थ्रेसर को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
10. सेब की ग्रेडिंग को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
11. मैनुअल सामग्री-हैंडलिंग मशीन को दर्शाता चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id