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हमें अचानक होने वाली असहजता और घबराहट, जिससे हमें उल्टी भी हो सकती है, एक अत्यंत पीड़ादायक अनुभव होता है। इस असहज अनुभूति को मतली (Nausea) कहा जाता है, जबकि हमारे जठर से होने वाले दूषित पदार्थों के निष्कासन को उल्टी (Vomiting) कहा जाता है। उल्टी और मतली दरअसल एक-दूसरे से संबंधित ही होती हैं। मतली तीव्र और अल्पकालिक हो सकती है, या कभी–कभी यह लंबे समय तक भी रह सकती है। लंबे समय तक रहने पर, यह स्थिति को कठिन बना सकती है और शरीर में निर्जलीकरण का कारण बन सकती है। आयुर्वेद, मतली को ‘ह्रिल्लासा’ के रूप में संदर्भित करता है, जिसमें अक्सर उल्टी (चर्डी) और लार (प्रसेका) होती है। यह स्थिति आमतौर पर असंतुलन दोष और अपच (अजीर्ण) से जुड़ी होती है। वात, कफ और पित्त इन तीनों दोषों के बीच संतुलन हमारे स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखता है। हालांकि, उल्टी या मतली कभी-कभी फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि यह शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करती है। ये दोनों स्थितियां अक्सर हमारे पेट में उच्च पित्त दोष के संकेत होती हैं।
हालांकि, ऐसे कुछ आयुर्वेदिक उपचार है जिनसे हम मतली और उल्टी से छुटकारा पा सकते हैं।
१. अदरक-
अदरक से प्राप्त प्रकंद निस्संदेह ही उन कुछ सबसे उल्लेखनीय औषधियों में से एक है, जो मतली, पेट दर्द और सूजन सहित पेट से संबंधित अन्य विसंगतियों से दो-दो हाथ करने में उत्कृष्ट है। अदरक में मौजूद वाष्पशील तेल न केवल पाचन में सहायता करता है बल्कि जठरांत्र पथ की मांसपेशियों में सुधार करता है और जठर की जलन को शांत करता है। इस जड़ी-बूटी को ताजा भी चबाया जा सकता है, खाना पकाने में प्रयुक्त किया जा सकता है या फिर इससे शानदार चाय बनाई जा सकती है।
२.कैमोमाइल (Chamomile)-
इस अद्भुत जड़ी बूटी के सुंदर सफेद फूल पेट दर्द, मतली, गैस या सूजन के मामले में राहत दिलाते हैं। आयुर्वेद इस जड़ी-बूटी के शांत और सुखदायक प्रभावों के कारण इसके उपयोग का सुझाव देता है। बच्चों की बीमारियों और पेट की समस्याओं में इसे मुख्य रुप से प्रयुक्त किया जाता हैं। सूखे कैमोमाइल की पंखुड़ियों से गर्म चाय बनाएं और मतली होने पर जल्द से जल्द राहत पाने हेतु इसका सेवन करें।
३. दालचीनी-
दालचीनी के अधिकांश सूजनरोधी, जीवाणुरोधी एवं दर्दरोधी गुण हमारे पाचन तंत्र को साफ करने और मतली का कारण बनने वाली किसी भी जठरांत्र समस्या से छुटकारा पाने में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। दालचीनी पाचन को बढ़ाने, सूजन को रोकने और इस प्रकार मतली या उल्टी का कारण बनने वाली समस्याओं से हमें राहत दिला सकती है। गर्म पानी में एक चौथाई चम्मच दालचीनी चूर्ण मिलाकर इसका काढ़ा बनाएं और इसका सेवन करें।
४. पुदीना-
पुदीने की ताजी पत्तियों को उनके विशिष्ट स्वाद और चिकित्सीय लाभों के कारण व्यापक रूप से प्रयुक्त किया जाता है। इसके शीतलन प्रभाव और जैव सक्रिय घटकों के दोष संतुलन गुणों के कारण पुदीने का उपयोग आमतौर पर अपच और मतली के लिए आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। यह जठर की मांसपेशियों को आराम देता है और उन्हें ऐंठन से बचाता है। इसका चाय अथवा गोली के रूप में सेवन या फिर हाथ पर इसके तेल को मसलकर सूंघना भी इस अविश्वसनीय जड़ी-बूटी के गुणों का लाभ हमें प्रदान करता है।
५. आंवला-
आंवले में विटामिन सी (Vitamin C) की प्रचुर मात्रा होती है। मतली, उल्टी, चक्कर आना या अन्य पाचन संबंधित समस्याओं में आंवला जठरांत्र समस्याओं के खिलाफ उपचारात्मक प्रतिरक्षा प्रदान करता है। यह न केवल हार्मोन (Hormone) को नियंत्रित करता है, बल्कि पाचन रसों को भी संतुलित करता है। आंवले की गोली, आंवला रस या आंवला मुरब्बा के सेवन से, मतली की स्थिति में काफ़ी राहत मिलती है।
दूसरी ओर, मतली और उल्टी की स्थिति में अर्क तेल के उपचार भी महत्त्वपूर्ण साबित होते हैं। अर्क तेल पौधों में पाए जाने वाले सक्रिय यौगिक होते हैं। इनमें कई गुण होते हैं, जो जीवाणुओं से लड़ने, मांसपेशियों को आराम देने, दर्द से राहत देने, पाचन में सुधार करने और मतली को ठीक करने का काम कर सकते हैं।
आइए, मतली और उल्टी की स्थिति में लाभदायक अर्क तेलों के विषय में जानते हैं-
लैवेंडर का तेल (Lavender Oil)-
यदि आपको चिंता या शारीरिक दर्द के कारण मतली होती है, तो लैवेंडर तेल की आरामदायक शक्ति आपकी सहायता कर सकती है। तेल विसारक में लैवेंडर अर्क तेल की कुछ बूंदें डालकर धीरे-धीरे सांस लेने पर आप आराम पा सकते हैं।
अदरक का तेल (Ginger Oil)-
अदरक के तेल को तेल विसारक के माध्यम से हवा में फैलाकर सांस लेने से, माथे और कलाई पर दबाव बिंदुओं पर रगड़ने से या मतली में सुधार करने के लिए सीधे पेट पर रगड़ने से भी इसकी कार्यक्षमता को आजमाया जा सकता है। एक नैदानिक परीक्षण से पता चला है कि यह उपाय सर्जिकल एनेस्थीसिया (Surgical Anesthesia) से उबरने के दौरान मतली का अनुभव करने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से प्रभावी है। अदरक तेल को मतली का अनुभव करने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित माना जाता है!
पुदीने का तेल (Peppermint Oil)-
पुदीने का तेल जठर की मांसपेशियों को आराम देता है और उन्हें ऐंठन या अधिक संकुचन से बचाता है। अगर हमें मतली महसूस हो, तो पुदीने के तेल का सेवन करने से इसके लक्षणों में सुधार होता है। इसके साथ ही, पुदीने की ताज़ा खुशबू, इसके तेल के मेन्थॉल (Menthol) घटक के साथ मिश्रित होकर, मतली के बावजूद भी आपको अधिक सतर्क और सांस लेने में सक्षम बनाती है।
स्पीयरमिंट का तेल (Spearmint Oil)-
मतली से राहत पाने के लिए स्पीयरमिंट अर्क तेल को दबाव बिंदुओं पर लगाया जा सकता है, पेट पर आंतों के क्षेत्र पर धीरे से इसकी मालिश की जा सकती है, या इसे तेल विसारक के माध्यम से सांस में लिया जा सकता है।
इलायची का तेल (Cardamom Oil)-
कुछ अन्य अर्क तेलों के साथ मिश्रित करने पर, इलायची का तेल भी एक मतली रोधक घटक बन जाता है। तेल विसारक में इसकी कुछ बूँदें डालें और सांस लें। इलायची की समृद्ध और मसालेदार खुशबू आपको आराम प्रदान कर सकती है।
सौंफ का तेल (Fennel Oil)-
सौंफ पाचन तंत्र को आराम देने में सक्षम होती है। सौंफ अर्क तेल का उपयोग करने से भी समान प्रभाव प्राप्त किया जा सकता है। सौंफ के तेल को शरीर के दबाव बिंदुओं पर लगाया जा सकता है या विसारक में डाला जा सकता है।
मतली और उल्टी के लिए अर्क तेलों या अरोमाथेरेपी (Aromatherapy) के उपयोग से संबंधित कुछ लेख एक प्रयोग में इकट्ठा किए गए थे। इन लेखों में सभी प्रकार के साक्ष्य जैसे कि गैर-प्रायोगिक, प्रयोगात्मक और केस रिपोर्ट (Case report) शामिल थे। मतली और उल्टी के लक्षणों का इलाज करने के लिए अर्क तेलों की वाष्प में सांस लेकर इनकी कार्यक्षमता को जांचा गया था।
इनमें से, पांच लेख जिनमें 328 लोगों के अनुभवों को शामिल किया गया था अर्क तेलों की कार्यक्षमता की जांच करने वाले मानदंडों को पूरा करते हैं। उनके निष्कर्ष के अनुसार, पुदीना या अदरक अर्क तेलों की वाष्प के कारण कई लोगों ने मतली और उल्टी की घटनाओं में कमी का अनुभव किया। इसके परिणामस्वरूप, लोगों की संतुष्टि में भी सुधार हुआ था। अतः अर्क तेलों का बीमारियों में उपयोग सही साबित हो सकता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/yc3pvkse
https://tinyurl.com/2jsuhja2
https://tinyurl.com/2p8yuh2s
चित्र संदर्भ
1. अर्क तेलों को दर्शाता चित्रण (pxhere)
2. मतली को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. अदरक को संदर्भित करता एक चित्रण (Pixabay)
4. कैमोमाइल को दर्शाता चित्रण (Wallpaper Flare)
5. दालचीनी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
6. पुदीने को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
7. आंवले को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
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