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हम अपने घर-आंगन की सफाई हर दिन करते हैं! साथ ही हम पूरी दुनिया को एक कुटुंब अर्थात परिवार मानते हैं, जहां सभी लोग एक साथ मिलकर पृथ्वी नामक एक घर में रहते हैं। लेकिन धरती को घर मानने से पहले यह जान लीजिये कि हमारे इस विशाल घर में11,000 वर्ग किमी के दायरे में प्लास्टिक कचरा (Plastic Waste) भी फैला हुआ है, जिसे साफ करने की जिम्मेदारी भी हमारी ही होनी चाहिए।
दुनिया भर में हर साल लगभग 400 मिलियन टन प्लास्टिक उत्पादों का उत्पादन किया जाता हैं। इनमें से आधे उत्पाद जैसे कि शॉपिंग बैग (Shopping Bags), कप (Cups) और पैकेजिंग (Packaging) का सामान आदि का उपयोग केवल एक बार ही किया जाता है। इस कुल प्लास्टिक कचरे में से प्रत्येक वर्ष लगभग 8-10 मिलियन टन कचरा, समुद्रों में फेंका जाता है। यह प्लास्टिक, मात्रा में इतनी अधिक है कि अगर आप इस प्लास्टिक को एक थैले की मोटाई के बराबर चपटा कर दें, तो यह 11,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को ढक सकती है।
अगर प्लास्टिक के उपयोग की वृद्धि दर इसी गति से बढ़ती रही और इसी दर से प्लास्टिक को फेंका जाता रहा, तो आने वाले 50 वर्षों में प्लास्टिक कचरा 550,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र से अधिक दायरे में फ़ैल सकता है, जो फ्रांस (France), थाईलैंड (Thailand) या यूक्रेन (Ukraine) जैसे पूरे देश को ढक सकता है। प्लास्टिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन महासागरों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। एक अध्ययन के अनुसार, समुद्रों में 80% प्लास्टिक, एशिया महाद्वीप (Asian Continent) से आती है। इन देशों में फिलीपींस (Philippines) पहले स्थान पर है, इसके बाद भारत, मलेशिया (Malaysia), चीन (China) और इंडोनेशिया (Indonesia) का नंबर आता है।
पिछले 100 वर्षों के दौरान, दुनियाभर में वैश्विक समुद्री सतह का तापमान भी लगातार बढ़ रहा है। ‘यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन’ (US National Oceanic And Atmospheric Administration (NOAA) के अनुसार, यह तापमान हर दस साल में लगभग 0.13 °c बढ़ रहा है।
प्लास्टिक प्रदूषण, मुख्य रूप से अपशिष्ट निपटान की कमी के कारण होता है, जहां लोग प्लास्टिक कचरे को नदियों और नालों में फेंक देते हैं। इसके साथ ही मछली पकड़ने के जाल और अन्य समुद्री उपकरणों के रूप में भी प्लास्टिक जहाजों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं द्वारा समुद्र में फेंक दी जाती है। माइक्रोप्लास्टिक (Microplastic) कहे जाने वाले प्लास्टिक के बहुत छोटे कण, जिनकी लंबाई 5 मिमी से कम होती है, वे समुद्री जीवन को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। आज समुद्र में पहले से ही खरबों की संख्या में माइक्रोप्लास्टिक मौजूद हैं। जानकारों के अनुसार, “माइक्रोप्लास्टिक हमारे या जानवरों के शरीर में भोजन के रूप में घुसकर, जिगर, गुर्दे और आंतों जैसे अंगों में जमा हो सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। इस प्लास्टिक में जहरीले रसायन होते हैं, जो मनुष्यों और जानवरों दोनों में हार्मोन (Hormones) की गड़बड़ी का कारण बन सकते हैं। प्लास्टिक के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह आसानी से प्राकृतिक रूप से नहीं टूटता है। प्लास्टिक के कण हमारे पर्यावरण में सैकड़ों वर्षों तक रह सकते हैं, जिससे गंभीर प्रदूषण उत्पन्न होता है।
आपने कहीं ना कहीं, किसी सड़क के किनारे कचरे के ढेर को अवश्य देखा होगा, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ऐसे ही कई कचरे के ढेर समुद्र के अंदर भी हैं। क्या आप जानते हैं कि दो समुद्री कचरे के ढेर तो इतने बड़े हैं कि उन्हें अपनी विशेष पहचान मिली हुई है। इन्हें ग्रेट पैसिफिक गारबेज पैच (Great Pacific Garbage Patch) कहा जाता है। इनमें से एक जापान (Japan) के निकट है और दूसरा हवाई (Hawaii) तथा कैलिफोर्निया (California) के बीच में मौजूद है।
कचरे के ये विशालकाय ढेर उत्तरी प्रशांत उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (North Pacific Tropical Convergence Zone) से जुड़े हुए हैं, जो हवाई के उत्तर में कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभिसरण क्षेत्र वह जगह है जहां दक्षिण प्रशांत का गर्म पानी, आर्कटिक (Arctic) के ठंडे पानी से मिलता है। कचरे से ढका पूरा क्षेत्र, घूमने वाली समुद्री धाराओं की एक बड़ी प्रणाली ‘उत्तरी प्रशांत उपोष्णकटिबंधीय चक्र’ (North Pacific Subtropical Gyre) से घिरा हुआ है। समुद्री धाराएं भंवर के रूप में, तेजी से प्लास्टिक कचरे के ढेर को एक जगह एकत्र कर देती हैं। इससे कचरा केंद्र में एकत्र हो जाता है और वहीं फंस जाता है। कूड़े के इस ढेर में प्लास्टिक की मात्रा बहुत अधिक है। प्लास्टिक नष्ट नहीं होता है, बस छोटा और छोटा होता जाता है।
कचरे के अधिकांश बड़े ढेर, प्लास्टिक के छोटे टुकड़ों (माइक्रोप्लास्टिक्स) से बने होते है। इस कचरे में फिशिंग गियर (Fishing Gear) और जूते जैसी बड़ी चीजें भी हैं।
कचरे के ढेर में जमा प्लास्टिक, समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचा सकती है। उदाहरण के तौर पर कछुए, प्लास्टिक की थैलियों को भोजन समझ कर खा सकते हैं। पक्षी अपने चूजों को प्लास्टिक खिला सकते हैं। मछली पकड़ने के जाल में सील (Seal) फंस सकती है और डूब सकती है। कचरा सूरज की रोशनी को भी रोक सकता है और समुद्र में खाद्य श्रृंखला को बाधित कर सकता है।
अब प्रश्न उठता है कि क्या इस कचरे को साफ नहीं किया जा सकता? वास्तव में इस कचरे के ढेर को साफ करना बहुत कठिन कार्य है, क्योंकि यह समुद्र तट से बहुत दूर-दूर तक फैला हुआ है। इसे साफ करने के लिए बहुत अधिक धन तथा समय की आवश्यकता है। पैच कचरे को साफ़ करने का सबसे अच्छा तरीका डिस्पोजेबल प्लास्टिक (Disposable Plastic), यानी कभी नष्ट न होने वाले प्लास्टिक, के उपयोग को सीमित करना और बायोडिग्रेडेबल (Biodegradable), या पुन: प्रयोज्य सामग्रियों का उपयोग करना हो सकता है। महासागरों के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने,और इसके सतत उपयोग और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए, संयुक्त राष्ट्र (United Nation) ने 8 जून को ‘विश्व महासागर दिवस’ (World Ocean Day) के रूप में भी नामित किया है।
संदर्भ
https://shorturl.at/fpMXZ
https://shorturl.at/adCUV
https://shorturl.at/aisFL
चित्र संदर्भ
1. समुद्र किनारे पड़े कूड़े को दर्शाता एक चित्रण (NDLA)
2. समुद्र के भीतर तैरते प्लास्टिक को दर्शाता चित्रण (PixaHive)
3. माइक्रोप्लास्टिक को दर्शाता चित्रण (The Australian Institute of Marine Science)
4. मृत मछली को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. एक समुद्री पक्षी के पेट में प्लास्टिक को दर्शाता चित्रण (NDLA)
6. समुद्री तट पर एकत्र प्लास्टिक को संदर्भित करता एक चित्रण (Pxfuel)
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