Post Viewership from Post Date to 13-Jul-2023
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1710 575 2285

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

इस मॉनसून, सतर्कता व् जागरूकता अपनाकर, जीतेगा जौनपुर, डेंगू से जंग

जौनपुर

 01-06-2023 09:52 AM
तितलियाँ व कीड़े

हमारे देश में हर साल 16 मई को ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ (National Dengue Day) के रूप में मनाया जाता है, ताकि मानसून के दौरान होने वाले डेंगू बुखार की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए जागरूकता पैदा की जा सके।साथ ही उन उपायों को भी अपनाया जा सके, जिनसे डेंगू बुखार जैसी बीमारी को कम किया जा सकता है। इस वर्ष ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ के लिए " डेंगू से लड़ें और जान बचाएं" (Fight Dengue and Save Lives) विषय चुना गया है। ‘केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय’ देश भर में कई स्तरों पर ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है। सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ पर विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों के साथ ‘जागरूकता अभियान’ चलाना ,शैक्षिक सामग्री वितरित करना, कार्यशालाओं और सेमिनारों (seminars) का आयोजन करना, और डेंगू-नियंत्रण की जानकारी के प्रसार का आयोजन करना, आदि प्रयास किए जाते हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य व्यक्तियों और समुदायों को बीमारी से निपटने के लिए सशक्त बनाना है। हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले साल इस बीमारी का खतरनाक प्रकोप देखा गया था। जिसमें डेंगू बुखार से पीड़ित लोगों की संख्या के मामले में हमारा शहर जौनपुर भी उच्च स्थान पर था। पिछले साल डेंगू से पीड़ित सर्वाधिक मरीजों वाले जनपदों की सूची में 390 डेंगू के मामलों के साथ, जौनपुर छठवें स्थान पर था। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम डेंगू बुखार के प्रति जागरूक हों तथा इससे बचने के लिए सावधानी बरतें।
डेंगू बुखार एक विषाणु जनित बीमारी है, जो संक्रमित मच्छर के काटने से फैलती है। यह डेंगू विषाणु (DENV) के कारण होती है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, लगभग 4 अरब लोग या दुनिया की लगभग आधी आबादी ऐसे क्षेत्रों में रहती है, जहां डेंगू की समस्या आम है। डेंगू बुखार चार अलग-अलग विषाणुओं के कारण होता है और मादा एडीज (Aedes) मच्छर द्वारा फैलता है। मादा एडीज पीला बुखार, ज़ीका विषाणु (Zika viruses) और चिकनगुनिया बुखार को भी प्रसारित करती है। डेंगू मादा एडीज एजिप्टी (Aedes Aegypti) मच्छर के काटने से फैलता है, जो डेंगू उत्पन्न करने वाले चार प्रकार के डेंगू विषाणुओं में से किसी एक से भी संक्रमित हो सकती है। संक्रमित मच्छर द्वारा व्यक्ति को काटने के 3 से 14 दिन के अंदर ही डेंगू के लक्षण विकसित होने लगते हैं। जिन लोगों का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है, वे डेंगू से तुरंत ही प्रभावित हो जाते हैं। मानसून के बाद का मौसम हमेशा अपने साथ डेंगू लेकर आता है। यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां डेंगू का प्रकोप है, तो आपको इस बीमारी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें पता होनी चाहिए। मादा एडीज मच्छर डेंगू विषाणु को खून में स्थानांतरित करती है, जो बाद में डेंगू बुखार का कारण बनता है। इस बीमारी के लक्षणों में सिरदर्द, तेज बुखार, उल्टी, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द आदि शामिल है। डेंगू मच्छर से संक्रमित होने की संभावना सबसे अधिक तब होती है, जब आप एक स्थिर जल निकाय, दलदल और झाड़ियों वाले ऐसे स्थानों के पास रहते हो जहां मच्छरों को अंडे देने के लिए पर्याप्त जगह और अनुकूल वातावरण प्राप्त हो। इसलिए यह आवश्यक है कि आप कुछ ऐसी सावधानियां बरतें, जिनके जरिए आप इस बीमारी से बच सकते हैं। उदाहरण के लिए मच्छरों के आवासों को नष्ट करें। मच्छरों के आवास मुख्य रूप से ऐसे स्थान हो सकते हैं, जहां रुका हुआ पानी मिलता है। जैसे प्लास्टिक की बोतलों, गमलों, पुराने टायरों आदि में। रुके हुए पानी में मच्छरों का प्रजनन अधिक होता है, जो डेंगू फैलाने में मदद करता है। यदि आपके पड़ोस में कोई जल निकाय है जिसमें स्थिर पानी है, तो आपको तुरंत संबंधित सरकारी प्राधिकरण से संपर्क करना चाहिए और क्षेत्र को साफ कराना चाहिए। आप ऐसे पौधों को उगा सकते हैं, जो मच्छर भगाने वाली प्राकृतिक गैसों को उत्सर्जित करते हैं। उदाहरण के लिए, लेमनग्रास (Lemongrass), तुलसी, नीम आदि कुछ ऐसे पौधे हैं, जो मच्छरों की आबादी को कम करने में सहायक हैं। मच्छरों के काटने से बचने के लिए आप मच्छरों को दूर रखने वाले लेप और क्रीम (Mosquito Repellents) का उपयोग कर सकते हैं। वर्तमान समय में बाजारों में इस तरह की कई सामग्री मौजूद हैं, जैसे मॉस्किटो रिपेलेंट क्रीम (Mosquito Repellent Cream), मॉस्किटो पैच (Mosquito Patch), रिपेलेंट बैंड (Repellent Band), मॉस्किटो वाइप्स (Mosquito Wipes) आदि। यदि आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां स्थिर जल वाला तालाब या गंदगी है, तो आपको अपने घर के अंदर रहना चाहिए, तथा घर के दरवाजों पर जाली का उपयोग करना चाहिए ताकि मच्छर घर के अंदर प्रवेश ना कर सकें। यदि आप यात्रा कर रहे हैं, तो ऐसे क्षेत्रों में जाने से बचें, जहां मच्छरों की अत्यधिक आबादी हो। डेंगू से बचाव का एक और तरीका सुरक्षात्मक कपड़े पहनना है, जो आपकी त्वचा को मच्छर के सीधे संपर्क में आने से रोकता है। आप त्वचा को जितना ढक कर रखेंगे, मच्छरों के काटने से बचाव उतना ही अधिक होगा। इसके अलावा रंग के अनुसार कपड़ों का चुनाव भी आपको मच्छरों से बचने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप गहरे रंग के बजाय हल्के रंग के कपड़े पहनते हैं, तो आप मच्छरों के संपर्क में आने से बच सकते हैं। क्योंकि गहरे रंग मच्छरों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। बिस्तर पर मच्छरदानी का प्रयोग भी आपको मच्छरों से दूर रखने में मदद कर सकता है।
किंतु यदि दुर्भाग्य से आप डेंगू से संक्रमित हो जाते हैं तो डॉक्टरी परामर्श के साथ, आप कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं जिनकी सहायता से आप शीघ्र ही ठीक हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, नीम की पत्तियां सफेद रक्त कोशिकाओं और रक्त प्लेटलेट्स (platelets) दोनों की वृद्धि में सहायक होती हैं। यह आपके शरीर को डेंगू से उबरने में मदद कर सकती है। पपीते के पत्तों का रस डेंगू बुखार को ठीक करने में आपकी मदद कर सकता है।पपीते के पत्तों में विटामिन-C (Vitamin C) और एंटीऑक्सीडेंट (antioxidants) की उच्च मात्रा होती है। ये दोनों तत्व प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। बकरी के दूध और गिलोय के रस की तरह, पपीते के पत्ते का अर्क खून में प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद कर सकता है। कीवी का जूस भी डेंगू से लड़ने में आपकी मदद कर सकता है। कीवी (kiwi) में कई खनिज और पोषक तत्व होते हैं जो डेंगू से ठीक होने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) नाम का यौगिक होता है। यह यौगिक आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद कर सकता है। हल्दी की तरह ही तुलसी और काली मिर्च दो ऐसी सामग्रियां हैं जिनका इस्तेमाल हमारे पूर्वज दवाइयां बनाने में करते रहे हैं। तुलसी और काली मिर्च दोनों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। तुलसी और काली मिर्च को थोड़ी मात्रा में नियमित रूप से लेने से आपको डेंगू के असर को खत्म करने में मदद मिल सकती है।
डेंगू बुखार के लक्षणों के बारे में जागरुकता डेंगू से बचाव का सबसे सफल तरीका है। बुनियादी बातों का ज्ञान भी आपको या आपके प्रियजन को बार-बार अस्पताल जाने से बचा सकता है। जागरुक रहें, स्वस्थ रहें!

संदर्भ:
https://t.ly/OBK9
https://t.ly/fu0v
https://t.ly/UBjS
https://t.ly/-1xs

 चित्र संदर्भ
1. डेंगू के मच्छर को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
2. 2012 में प्रति मिलियन व्यक्तियों में डेंगू से मृत्यु के आँकड़े को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. डेंगू के मच्छर को दर्शाता चित्रण (Openclipart)
4. संक्रमण की तीव्र अवस्था में डेंगू बुखार के दाने दबाने पर फूल जाते हैंको संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. डेंगू और वेस्ट नाइल वायरस ट्रांसमिशन की रोकथाम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id