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क्या जौनपुर के बाजार में आपने भी चखा है लौंगलता का स्वाद?

जौनपुर

 25-05-2023 10:11 AM
स्वाद- खाद्य का इतिहास

बंगाली मिठाइयों का नाम आते ही सबसे पहले हमारे मन में रसगुल्ले का ख्याल आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बंगाली मिठाई ऐसी भी है जो बंगाली भाषा की मिठास को अपने रूप और रस में घोलती है, इसे ‘लौंगलता’ के नाम से जाना जाता है । स्वाद और सुगंध से गहरा लगाव रखने वाले हमारे जौनपुरवासी इस मिठाई की तुलना समोसे के साथ कर सकते है, लेकिन यह समोसा मीठा होगा। लौंगलता का स्वाद और नाम जितना दिलचस्प है, उससे भी अधिक रोचक इसकी उत्पत्ति का इतिहास रहा है। जौनपुर के घरों एवं बाज़ारों में आपको विविध प्रकार के व्यंजन देखने और खाने को मिल जाएंगे। इनमें साधारण दैनिक भोजन से लेकर लज़ीज व्यंजन भी शामिल हैं। लेकिन हमारे जौनपुर में इन सभी व्यंजनों में अवधी व्यंजन (उत्तरी भारत में अवध क्षेत्र का मूल व्यंजन) सबसे लोकप्रिय माने जाते हैं। जौनपुर में बनने वाले अवधी व्यंजन, मुगलई व्यंजनों के समान होते हैं, लेकिन मुगलई व्यंजनों की तुलना में इनमें मसालों और क्रीम (Cream) का उपयोग बहुत कम मात्रा में किया जाता है। आप जौनपुर में कई प्रकार के अवधी व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं, जिनमें से अधिकांश व्यंजनों को मुगल व्यंजनों की तरह तंदूर के बजाय तवे पर पकाया जाता है। जौनपुर में अवधी व्यंजन पकाने के लिए उपयोग किए जाने वाले पारंपरिक बर्तनों में माही तवा, सीनी, लगन, भगोना या पतीली, देग या देगची, लोहे का तंदूर और कढ़ाई शामिल हैं। वहीं कुछ लोकप्रिय अवधी व्यंजनों में कबाब, गलावती कबाब, काकोरी कबाब, शमी कबाब, परसिंदे कबाब, निहारी, रेजाला, कुंदन कालिया, शाही कोरमा कालिया और चावल के व्यंजन जैसे नूर महल पुलाव, जर्दा, शीरमाल आदि तथा हलवा, खीर और मलिदा आदि जैसी मिठाईयां शामिल हैं। जौनपुर में कई हिंदू समुदाय शाकाहारी भी हैं, और उनके भोजन में ‘आलू-पुरी’ जैसे शाकाहारी व्यंजन तथा मिठाइयां शामिल होती हैं। जौनपुर की व्यस्त गलियां और सड़कें, अनगिनत खाद्य स्टालों (Food Stalls), गाड़ियों, छोटी दुकानो और कैफे (Cafe) से भरी पड़ी हैं। यहाँ मिलने वाले कुछ उल्लेखनीय स्ट्रीट फूड (Street Food) की सूची आगे दी गई है: १. समोसा: जौनपुर और वाराणसी दोनों ही शहर अपने स्वादिष्ट समोसों के लिए जाने जाते हैं। समोसे का असली आनंद इसे गरमा गरम खाने पर आता है। यह लोकप्रिय स्नैक(snack), पूरे शहर के कई स्टालों पर आसानी से उपलब्ध हो जाता है। २. बनारसी मीठा पान: जौनपुर, बनारस की गलियां और नब्बे के दशक की फ़िल्में, बनारसी पान के बिना फीकी-फीकी सी नजर आती हैं। यह पान का पत्ता, इलायची, कत्था, गुलकंद, मुखवास, सूखा नारियल या अन्य सूखे फलों, सहित विभिन्न खाद्य सामग्रियों से भरा होता है। इसके अलावा इसका स्वाद, इसे बनाने वाले के हाथों पर भी निर्भर करता है। ३. इमरती: इमरती जौनपुर का एक पसंदीदा मीठा व्यंजन है। यह जलेबी जैसी दिखाई देती है, लेकिन इसका आकार अलग और रंग चटकीला लाल या गहरा नारंगी होता है। उड़द दाल के घोल से बनी इस इमरती को देसी घी में तला जाता है और फिर चीनी की चाशनी में भिगोया जाता है। जौनपुर में बेनी राम की दुकान जौनपुर की सबसे स्वादिष्ट इमरती के लिए मशहूर है। ४. लस्सी: लस्सी, जो एक पारंपरिक दही-आधारित पंजाबी पेय है, हमारे जौनपुर और वाराणसी में, विशेष रूप से गर्मियों में, काफी लोकप्रिय है। हालांकि इन सभी व्यंजनों के बारे में तो आपने सुना ही होगा और यकीनन इनको चखा भी होगा किंतु आज हम आपको हमारे जौनपुर में मिलने वाले एक ऐसे व्यंजन के बारे में बताएंगे जिसके बारे में शायद आपने न सुना हो।यह व्यंजन है लौंग लता। यहव्यंजन हम लोगों में से कई के लिए नया हो सकता है, इसलिए इसके बारे में हम विस्तार से जानेंगे। लौंग लता की गिनती कुछ प्रसिद्ध बंगाली मिठाइयों में की जाती है। बंगाल को उसकी अनोखी संस्कृति के अलावा स्वादिष्ट मिठाइयों के लिए भी जाना जाता है। यहां की पसंदीदा मिठाई लौंगलता, दिखती तो गुजिया की तरह है, लेकिन इसका स्वाद बिल्कुल अलग होता है। इस मिठाई को लौंग के साथ कई परतों में बनाया जाता है, और इसीलिए इस मिठाई को लौंगलता के नाम से जाना जाता है। हालांकि, अलग-अलग क्षेत्रों में इस मिठाई को अलग-अलग नामों से जाना जाता है, लेकिन बंगाल में इसे लौंगलता के नाम से ही पुकारा जाता है। बंगाल के साथ-साथ यह मिठाई हमारे जौनपुर और बनारस में भी लोकप्रिय है। इस मिठाई के नाम से जुड़ी एक अन्य कहानी भी बेहद रोचक है। कहा जाता है कि दाराशिकोह के गुरु पंडित जगन्नाथ एक बार मुग़ल शहज़ादी ‘लवंगी’ के प्रेम में पड़ गए। जिसके बाद लवंगी के साथ विवाह कर पंडित जगन्नाथ जी बनारस आ गए। लेकिन इसके बाद उन्हें पूरे समाज का बहिष्कार झेलना पड़ा, जिसके चलते उन्होंने लवंगी के साथ गंगा में अपने प्राणों की आहुति दे दी। किवदंतियों के अनुसार इस प्रेम की मृत्यु का भार अपने सीने से उतारने के लिए बनारस शहर ने लवंगी को लौंगलता के रूप में सदा के लिए अपना लिया।
लौंग लता ऐसी मिठाई और पकवान है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इसीलिए वे इस बंगाली मिठाई को बनाने में भी हिचकिचाते हैं। हालांकि, वास्तव में तो अपने घर पर लौंग लता बनाना एक स्वाद और रोमांच भरा काम है।
इसे बनाने के लिए नीचे दिए गए निर्देशों के अनुसार सामग्री को मिलाते जाएं:
➡ सबसे पहले मैदे को छान लें और एक छोटा चम्मच घी डालकर कम पानी में मुलायम आटा गूंथ लें।
➡ इसके बाद एक कढ़ाई में मावा डालकर धीमी आंच पर हल्का सुनहरा होने तक भून लें।
➡अब भरावन के लिए इसमें नारियल, इलायची पाउडर, खसखस और मेवा डालें।
➡अब एक दूसरे बर्तन में 2 कप चीनी और 1 कप पानी डालकर एक तार की चाशनी बना लें और चाशनी के तैयार होने पर इसमें गुलाब जल मिलाकर गैस बंद कर दें।
➡लौंग लता बनाने के लिए आटे की छोटी लोइयां बनाकर बेल लें।
➡अब एक बेली हुई रोटी में एक बड़ा चम्मच भरावन भरकर चौकोर आकार में चारों ओर से बंद कर लें और ऊपर से लौंग लगा दें।
➡अब कढ़ाही में घी डालकर मध्यम आंच पर गर्म होने के लिए रख दें।
➡घी गर्म होने पर लौंग लता डालकर सुनहरा होने तक तलें।
➡तलने के बाद सभी लौंग लता को 15 से 20 मिनट के लिए चाशनी में डालकर रख दें।
➡जब लौंग लता चाशनी में नरम हो जाए तो इन्हें निकालकर किसी प्लेट में रख दें।
लीजिये तैयार है आपकी गरमा-गरम और स्वादिष्ट लौंगलता! हमें यकीन है कि हमारे द्वारा बताई गई लौंगलता की विधि को जानकर आप अपने आप को इसे बनाने से रोक नहीं पाएंगे ।

संदर्भ
https://rb.gy/l0xn9
https://rb.gy/1t62e
https://rb.gy/7e6ek

 चित्र संदर्भ

1. लौंगलता को संदर्भित करता एक चित्रण (twitter)
2. जौनपुर की गलियों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. अवधी मटन बिरयानी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. समोसे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. पान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. इमरती के ढेर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. लस्सी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. लौंगलता को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)



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