ठंड के मौसम में लज़ीज़ खानों का मजा ही कुछ और है। और हो भी क्यों नहीं। सही कहें तो खाने का मजा ठंड के मौसम में ही मिलता हैं । देश के किसी भी हिस्से में आप रहें। खाना और स्वाद हमेशा अपने आप में निराला रहा हैं । आइए हम आज आपको बताते है कि मटर सब्जियों में कितना महत्त्वपूर्ण हैं
जौनपुर में सर्दियों के मौसम में उगायी जाने वाली फसलों आलू, मटर, गेंहू आदि हैं|इनमे से मटर का महत्वपूर्ण स्थान है। इसमें न केवल प्रोटीन तत्व ज्यादा मात्रा में होते हैं बल्की इसमें विटामिन, फ़ॉस्फ़रस तथा लौह तत्व भी काफ़ी मात्रा में उपलब्ध होते हैं। देश भर में इसकी खेती व्यापारिक स्तर पर की जाती है। मटर और आलू दो ऐसी सब्जियाँ हैं जो प्रतेक सब्जियों के साथ मिला के पकाई जा सकती हैं| उत्तर भारत की पहाड़ियों में मटर की गर्मी और पतझड़ के उगायी जाती हैं ।
मटर के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है और गर्मी के मौसम में भारी गर्मी पड़ने पर इसकी फ़सल अच्छी नहीं होती है। यह मौसम झुर्रीदार बीज वाली क़िस्मों के लिए बिल्कुल सही नहीं हैं । जब फ़सल पर्याप्त ठंडी जलवायु में पकती है तब हरी फलियाँ की पैदावार अधिक होती है। इसके फूल और फलियां पाले से अधिक प्रभावित होती है। हालांकि पाले का प्रभाव पौधों की पत्तियों और तनों पर भी हो सकता है, बीज को उगने के लिय तापमान 5 डिग्री सेल्सियम न्यूनतम, 22 डिग्री सेल्सियम अधिकतम होना अच्छा रहता है।
यह झुर्रीदार बीज वाली क़िस्म है। पौधे बौने, हरे रंग के मजबूत और उंचाई में 35-45 से०मी० होते हैं। फूल सफेद व फलियों आकर्षक गहरे रंग की व 8 सें. मी. लंबी होती है। इनमें 7-8 गहरे रंग के मीठे दाने भरे होते हैं। बीज जब पूरी तरह पक जाते हैं तो हल्के हरे रंग के और झरियां होते हैं। बुआई के 55 से 60 दिन के बाद फलियों की पहली तुड़ाई होती है
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