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विश्वभर में पक्षियों को बेहतर समझने, संरक्षित करने में “द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट” की अनोखी पहल

जौनपुर

 01-03-2023 12:48 PM
पंछीयाँ

दुनिया भर के नवागत और अनुभवी पक्षी प्रेमी पक्षियों के बारे में जानने एवं उनके जीवन का दस्तावेजीकरण करने के लिए ‘द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट’ (The Great Backyard Bird Count (GBBC) नामक एक विशाल वैश्विक पहल के रूप में हर साल फरवरी महीने के किन्ही चार दिनों के लिए अपने पसंदीदा स्थानों पर जाते हैं।
इस कार्यक्रम का आयोजन वैज्ञानिकों को दुनिया भर के पक्षियों को बेहतर तरीके से समझने और उनकी रक्षा करने में मदद करने के लिए एक वैज्ञानिक डेटाबेस को बनाए रखने के उद्देश्य से किया जाता है। इस वर्ष 17 से 20 फरवरी के बीच ‘कॉर्नेल लैब ऑफ ऑर्निथोलॉजी एंड नेशनल ऑडबोन सोसाइटी,अमेरिका’ (Cornell Lab of Ornithology and National Audubon Society, (U.S.), ‘बर्ड्स कनाडा’ (Birds Canada) और ‘ईबर्ड’ (eBird) द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन 17 से 20 फरवरी के बीच किया गया था। इस कार्यक्रम का लक्ष्य मुख्य रूप से कुछ मिनटों के लिए पक्षियों का पर्यवेक्षण करना, उनकी पहचान करना तथा उनकी गिनती करना है। इस अभ्यास को दिन में कई बार दोहराया जा सकता है तथा पक्षियों की सूची, विवरण और तस्वीरें ‘ईबर्ड’ नाम की वेबसाइट पर अपलोड की जाती हैं। इस कार्यक्रम की शुरूआत 1998 में ‘संयुक्त राष्ट्र अमेरिका’ (United States of America) में की गई थी। फिर 2013 के बाद से यह कार्यक्रम वैश्विक रूप से किया जाने लगा। पक्षियों को घंटों तक एक शौक के रूप में देखने वाले पक्षी प्रेमियों की संख्या हमारे देश में भी तेजी से बढ़ रही है और आज पहले की तुलना में कहीं अधिक पक्षी प्रेमी हमारे देश में मौजूद हैं। पक्षियों के बेहतर प्रलेखन और उनकी निगरानी करने के लिए बर्डवॉचिंग के डेटाबेस से मिली जानकारी अत्यधिक उपयोगी साबित हो सकती है। संगठनों और समूहों के एक सहयोगी कार्यक्रम “बर्ड काउंट इंडिया” (Bird Count India) द्वारा पक्षी वितरण और आबादी के प्रति लोगों में जागरूकता एवं सामूहिक ज्ञान को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।“बर्ड काउंट इंडिया” का लक्ष्य एक छोटे से क्षेत्र से लेकर सम्पूर्ण देश में पक्षियों के वितरण का दस्तावेजीकरण करना है। एक लंबी अवधि में पक्षियों के वितरण और उनकी संख्या में क्या परिवर्तन आया है, इस बात की निगरानी करने में ‘बर्ड काउंट इंडिया’ द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया जाता है। अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ये संगठन और समूह विभिन्न पक्षी कार्यक्रमों और गतिविधियों का संचालन करते हैं, और व्यक्तिगत पक्षी प्रेमी समूहों को अपने स्वयं के कार्यक्रम आयोजित करने में सहायता प्रदान करते हैं।
पक्षी प्रेमी ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेते हैं तथा देखी गई सभी प्रजातियों की सूची बनाते हैं। अनेकों पक्षी प्रेमियों द्वारा बनाई गई सूचियों के आधार पर पक्षियों के वितरण और प्रचुरता के बारे में बड़ी मात्रा में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त होती है। पक्षी सूचियों के संग्रह और मिलान की सुविधा के लिए ‘बर्ड काउंट इंडिया’ साझेदारी वैश्विक मंच ‘ईबर्ड’ (eBird) के साथ काम करती है और परिणामों को सार्थक तरीके से सारांशित और प्रदर्शित करती है। परिणामस्वरूप ईबर्ड डेटाबेस में भारत से मिली सूचना की मात्रा में तीव्र वृद्धि हुई है। 2014 के बाद से, लगभग 20 हजार पक्षी प्रेमियों ने 150 लाख से भी अधिक अवलोकनों को ईबर्ड वेबसाइट पर अपलोड किया है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवरित करते हुए 600 से अधिक जिलों से, हर महीने 150,000 से अधिक नए अवलोकन शामिल किए गए हैं। बर्ड काउंट इंडिया साझेदारी ने पूरे देश में पक्षियों से संबंधित कई कार्यक्रमों को संचालित किया है जिसमें वैश्विक कार्यक्रम ‘ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट’ (Great Backyard Bird Count), भारत व्यापी कार्यक्रम ‘स्थानिक पक्षी दिवस’ (Endemic Bird Day), ‘बिग बर्ड डे’ (Big Bird Day), केरल का ‘ओणम पक्षी गणना’, तमिलनाडु का ‘पोंगल पक्षी गणना’, असम का ‘बिहू पक्षी गणना’ आदि कार्यक्रम शामिल हैं।
‘द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट’ कार्यक्रम में तमिलनाडु बड़े पैमाने पर सहभागिता निभाता है। इस वर्ष दक्षिण के 35 जिलों के 425 पक्षी प्रेमियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और पक्षियों की अपनी सूची प्रस्तुत की। विरुधुनगर जिले के राजापलायम के 5 पक्षी प्रेमियों ने पक्षियों की 178 प्रजातियों का अवलोकन करके चौथा स्थान प्राप्त किया । कोयंबटूर में 234, उसके बाद सेलम में 184 और नीलगिरी में 182 पक्षियों की प्रजातियां दर्ज की गई । उत्तर प्रदेश ने भी फरवरी में ‘यूपी बर्ड एंड नेचर फेस्टिवल’ (UP Bird and Nature Festival) के 7वें संस्करण की मेजबानी की। ‘यूपी बर्ड एंड नेचर फेस्टिवल’ 2023 का आयोजन 1 से 3 फरवरी के बीच बुंदेलखंड क्षेत्र के ‘विजय सागर पक्षी विहार’ में किया गया था। बुंदेलखंड क्षेत्र के महोबा जिले में स्थित, ‘विजय सागर पक्षी अभयारण्य’ में कई स्थानीय और प्रवासी पक्षी निवास करते हैं तथा फरवरी के महीने में इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में शीतकालीन प्रवासी पक्षी देखने को मिलते हैं। उत्तर प्रदेश में यह वार्षिक पक्षी उत्सव मुख्य रूप से प्रकृति प्रेमियों का ध्यान उत्तर प्रदेश की अद्भुत पक्षी प्रजातियों की ओर आकर्षित करने के लिए आयोजित किया जाता है। लेकिन यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश के जंगलों में केवल पक्षी ही नहीं, बल्कि अन्य वन्यजीव जैसे बाघ, गैंडा, हाथी, भालू, बारासिंघा, तेंदुआ, सियार, मगरमच्छ, सरीसृप आदि भी दिखाई देते हैं। यह महोत्सव उत्तर प्रदेश के वन विभाग और पारिस्थितिकी पर्यटन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है। इस उत्सव का मुख्य आकर्षण विजय सागर झील है, जिसे 11वीं सदी में चंदेल वंश के शासक विजय पाल चंदेला द्वारा बनवाया गया था। हर साल इस उत्सव में न केवल भारत के, बल्कि दुनिया भर के पक्षी विशेषज्ञ भाग लेते हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/3XXv2K1
https://bit.ly/41qjmCr
https://bit.ly/3IUWfZm

चित्र संदर्भ
1. द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट" को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. एक उड़ती चिड़िया को दर्शाता एक चित्रण (Twinkl)
3. पक्षी दर्शियों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. विभिन्न पक्षियों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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