रूढ़िवादी विचारों को झुठलाकर, विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में विश्व में सबसे आगे हैं भारतीय महिलाएं

जौनपुर

 11-02-2023 10:54 AM
आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

भारत प्राचीन काल से ही, विज्ञान और गणित के क्षेत्र में अपने समृद्ध योगदान के लिए प्रसिद्ध है। भारत का इतिहास कई महान गणितज्ञों और वैज्ञानिकों के उदाहरणों से भरा पड़ा है, जिन्होंने पूरे देश को गर्व करने का मौका दिया है। इस सूची में कई भारतीय महिला वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ भी शामिल हैं, जिन्होंने विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत के लिए गर्व की बात है कि हमारे देश में शिक्षित महिलाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है और आज हमारे देश की होनहार महिलाएं, कई अन्य विकसित देशों की महिलाओं की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
पिछले दो दशकों में, भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिला शोधकर्ताओं की भागीदारी में भारी वृद्धि हुई है। ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग’ (Department of Science and Technology (DST) के आंकड़े बताते हैं कि 2015 में महिला शोधकर्ताओं का प्रतिशत 13.9 से बढ़कर 2018 में 18.7 प्रतिशत हो गया। साथ ही, पिछले कुछ वर्षों के दौरान शिक्षा के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। एक साप्ताहिक अखबार ‘एजुकेशन टाइम्स’ (Education Times) के अनुसार, सामाजिक विज्ञान और मानविकी में महिला शोधकर्ताओं की वृद्धि (36.4 प्रतिशत) उत्साहजनक रही है। साथ ही, प्राकृतिक और कृषि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी में 22.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही सरकार और निजी संस्थाओं द्वारा भर्ती के तरीके में बदलाव किये जाने पर भारत के अनुसंधान और विकास क्षेत्र में लैंगिक असमानता समाप्त भी की जा सकती है। एक सामाजिक उद्यम ‘एलएमएफ नेटवर्क’ (LMF Network) की संस्थापक सोन्या बारलो (Sonya Barlow) के अनुसार “विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान क्षेत्रों में लिंग अनुपात को सुधारने के लिए, हमें महिला प्रतिभागियों के कौशल विकास में निवेश करना चाहिए।” 50 प्रतिशत महिलाओं के अनुसार उन्हें आगे बढ़ने के लिए समर्थन और संरक्षण की जरूरत है, क्योंकि यह उनके आगे बढ़ने के अवसर को 5 गुना बढ़ा सकता है। विद्यालयों में भी विज्ञान तथा अनुसंधान प्रयोगशालाओं में रूचि लेने वाली छात्राओं की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इन शोधकर्ताओं और छात्राओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है।
महिलाओं को प्रोत्साहित करने और सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा कई पहलें शुरू की गई हैं। जैसे:
१. ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग’ द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए ‘नॉलेज इनवॉल्वमेंट इन रिसर्च एडवांसमेंट फॉर नर्चरिंग’ (Knowledge Involvement in Research Advancement for Nurturing (KIRAN) योजना शुरू की गई है। किरण के तहत, ‘महिला वैज्ञानिक योजना' बेरोजगार महिला वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को अध्येतावृत्ति (Fellowship) प्रदान करती है। इस योजना के तहत, लगभग 110 महिलाओं को 95 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है।
२. वैज्ञानिक अनुसंधान में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत कुछ किया जा रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इंडो-यूएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी फोरम (Indo-US Science and Technology Forum (IUSSTF) के साथ साझेदारी करके एसटीईएम (STEM) में महिलाओं के लिए भारत-अमेरिका फैलोशिप (Indo-US Fellowship) भी शुरू की है। एसटीईएम (STEM), एक संयुक्त शब्द है, जिसका उपयोग विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के विशिष्ट लेकिन संबंधित तकनीकी विषयों को समूहबद्ध करने के लिए किया जाता है। यह शब्द आमतौर पर शिक्षा नीति या स्कूलों में पाठ्यक्रम विकल्पों के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है। इस प्रयास से छात्राओं को संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख विश्वविद्यालयों में अनुसंधान गतिविधियों को करने का अवसर मिलेगा जिससे महिला शोधकर्ताओ की क्षमता और समझ विकसित होगी।
३. छात्राओं को प्रेरित करने के लिए ‘साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड’ (Science and Engineering Research Board (SERB) ने भी ‘एसईआरबी-पाव’र (SERB Power) नामक कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम भारतीय महिला वैज्ञानिकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और अनुसंधान में विविधता बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस कार्यक्रम के तहत, महिला शोधकर्ताओं को अनुसंधान अनुदान और अध्येतावृत्ति से भी लाभान्वित किया जाता है।
४.जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान के क्षेत्र में महिला वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक समान पहल, ‘जैव प्रौद्योगिकी कैरियर एडवांसमेंट एंड री-ओरिएंटेशन प्रोग्राम’ (Biotechnology Career Advancement and Re-orientation Program) की भी शुरुआत की गई है । ‘दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया मार्केट फॉर थॉटवर्क्स’ (South East Asia and Australia Market for ThoughtWorks) की तकनीकी प्राचार्या पूजा सुब्रमण्यन के अनुसार “एसटीईएम और अनुसंधान में भविष्य बनाने की चाह रखने वाली महिलाओं की संख्या में क्रमिक वृद्धि हो रही है।
एक प्रौद्योगिकी अनुसंधान समूह ‘451 रिसर्च’ (451 Research) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के आईटी उद्योग (IT Industry) में 34 प्रतिशत महिलाएं कार्यरत हैं, जिसमें एसटीईएम स्नातकों के बीच लिंग समानता दर 50:50 प्रतिशत रही है। 51 प्रतिशत महिलाएँ प्रवेश-स्तर के पदों पर हैं, 25 प्रतिशत प्रबंधकीय पदों पर हैं, और 1% से कम कंपनी के शीर्ष प्रबंधन पदों पर विराजमान हैं। आईटी क्षेत्र पर टिप्पणी करते हुए यूकेनोवा ( uKnowva) में सह-संस्थापक और रचनात्मक निदेशक (Creative Director), प्रियंका जैन कहती हैं कि “पहले इंजीनियरिंग और आईटी क्षेत्र को केवल पुरुष क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब महिलाएं इस रूढ़िवादिता को तेजी से तोड़ रही हैं। आईटी कंपनियों के प्रबंधकीय विभाग, अनुसंधान एवं विकास में आज महिलाएं भूमिका निभा रही हैं।
व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं, पारिवारिक दबाव और मातृत्व अवकाश के कारण, पहले महिलाएं उच्च प्रबंधकीय स्तर तक नहीं पहुंच पाती थी । हालांकि, महामारी के बाद अब दुनिया तेजी से डिजिटल (Digital) हो रही है। आज ढेरों कंपनियां लचीली एव मैत्रीपूर्ण कार्यशैली अपना रही हैं। जिस कारण आज महिलाओं की भी आईटी उद्योग में काम करने में रूचि बढ़ रही।
अगले कुछ वर्ष भारत के लिए अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बनने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए अधिक से अधिक शोधकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें और सरकारी संस्थाएं लगातार अनुसंधान और विकास क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रही हैं। इस तरह के प्रयास भारतीय संदर्भ में लैंगिक अंतर को भी पाटेंगे और देश को उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
इस संदर्भ में भारत का प्रदर्शन अन्य देशों से बहुत बेहतर है। आज भारत में लगभग 43% एसटीईएम स्नातक छात्राएं हैं। वहीं अन्य देशों में यह प्रतिशत (संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) 34%, कनाडा (Canada) 31% और यूके (UK) 38% ) है। उच्च शिक्षा पर ‘अखिल भारतीय सर्वेक्षण’ (All India Survey on Higher Education (AISHE) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एसटीईएम पाठ्यक्रमों को चुनने वाली महिलाओं की संख्या 2017-18 में 10,02,707 थी जो 2019-2020 में बढ़कर 10,56,095 हो गई। जबकि, एसटीईएम शिक्षा में पुरुष भागीदारों की संख्या 2018-2019 में 12,48,062 से घटकर 2019-2020 में 11,88,900 हो गई हैं। हालांकि, दुनिया भर में महिलाएं एसटीईएम क्षेत्र में कम शोध पत्र प्रकाशित करती हैं। लेकिन ‘स्कोपस डेटाबेस’ (Scopus Database) के अनुसार, भारत के 186 से अधिक क्षेत्रों में तीन में से एक शोध पत्र एक महिला लेखक द्वारा लिखा जा रहा है। गौरवान्वित कर देने वाली यह उपलब्धि भारत सरकार की महिला केंद्रित योजनाओं के बिना संभव नहीं हो सकती थी। एक अन्य उदाहरण के तौर पर ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग’ द्वारा वर्ष 2020 से विद्यालय स्तर पर ‘विज्ञान ज्योति योजना’ (Vigyan Jyoti scheme) शुरू की गई है । इस योजना के तहत विद्यालयों को एसटीईएम में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों, विशेष रूप से छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष व्याख्यान, कक्षाएं और विज्ञान शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया गया है । इसके अलावा भारत सरकार ने ‘अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद’ (All India Council for Technical Education) के माध्यम से प्रगति नामक छात्रवृत्ति की भी घोषणा की गई है। छात्रवृत्ति के कारण लड़कियों के लिए स्नातक और डिप्लोमा (Diploma) स्तर पर तकनीकी शिक्षा प्राप्त करना आसान हो गया है ।
हालांकि, इसके बावजूद देश में एसटीईएम से संबंधित नौकरी पाने में महिलाओं की भागीदारी केवल 14% है। संस्थागत लैंगिक भेदभाव, कड़ाई से परिभाषित लैंगिक मानदंड, पितृसत्तात्मक संस्कृति आदि इस बुरी स्थिति के प्रमुख कारण हैं। किंतु अब एक नई उम्मीद जगी है जिससे आने वाले समय में न केवल शिक्षा जगत में बल्कि कार्यक्षेत्रों में भी महिलाओं की संख्या बढ़ेगी।
एसटीईएम क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की पहुंच और भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष “विज्ञान के क्षेत्र में लड़कियों और महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस" (International Day of Women and Girls in Science) भी मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा (General Assembly of United Nations) द्वारा समर्थित है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा, ने 2015 में संकल्प 70/212 के माध्यम से 11 फरवरी को इस दिवस के रूप में घोषित किया। विज्ञान में लैंगिक समानता पर ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रत्येक वर्ष एक विषय का चयन किया जाता है। यह कार्यक्रम यूनेस्को (UNESCO) द्वारा ‘संयुक्त राष्ट्र महिला संघ’ (U N Women) के साथ साझेदारी में आयोजित किया जाता है और इसमें विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों की भूमिका को बढ़ावा देने और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए राष्ट्रीय सरकारों, अंतर-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों, निगमों और नागरिक समाज भागीदारों के साथ सहयोग भी शामिल है।

संदर्भ
https://bit.ly/3lj37q6
https://bit.ly/3I8DxgE
https://bit.ly/40Cv6kN

चित्र संदर्भ

1. कार्यालय में काम करती महिलाओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. भारतीय छात्राओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. महिला वैज्ञानिकों को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
4. यूकेनोवा ( uKnowva) में सह-संस्थापक और रचनात्मक निदेशक (Creative Director), प्रियंका जैन को दर्शाता करता एक चित्रण (uKnowva)
5. विज्ञान ज्योति योजना’ को दर्शाता करता एक चित्रण (vigyanjyot)



RECENT POST

  • बैरकपुर छावनी की ऐतिहासिक संपदा के भंडार का अध्ययन है ज़रूरी
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     23-11-2024 09:21 AM


  • आइए जानें, भारतीय शादियों में पगड़ी या सेहरा पहनने का रिवाज़, क्यों है इतना महत्वपूर्ण
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:18 AM


  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id