भारत आज पूरी दुनिया में एक वैश्विक नेता के रूप में उभर रहा है। साथ ही, भारत के शिक्षा संस्थानों से निकले हुए होनहार युवा, आज दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी कंपनियों में सर्वोच्च पदों पर भी सेवा दे रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य से, इसके विपरीत भारत में हजारों भारतीय ऐसे भी हैं, जो विदेशियों या खासतौर पर अमेरिकियों से ठगी करने के गैर कानूनी कृत्यों में संलग्न हैं। तथा उनके यह कृत्य पश्चिमी समाज में भारत की छवि को धूमिल कर रहे हैं।
अमेरिका में जालसाज़ी का खुलासा करने वाले व्यक्ति अर्थात् स्कैम बेटर (ScamBaiter ) जिम ब्राउनिंग (Jim Browning) के अनुसार, बीते दशक के दौरान भारत कॉल सेंटरों (Call Centres) के माध्यम से ‘टेक सपोर्ट स्कैम इंडस्ट्री’ (Tech Support Scam Industry) अर्थात तकनीकी सहायता का भरोसा दिलाकर जालसाजी करने वाले उद्योग के एक नेता के रूप में उभरा है।
इन जालसाज कॉल सेंटरों के माध्यम से 95% से अधिक वैश्विक जालसाज फ़ोन‘कॉल’ (Fraud Phone Calls) केवल हमारे देश से की जाती हैं।
वरिष्ट पत्रकार पूनम स्निग्धा के अनुसार भारत में ‘तकनीकी सहायता घोटाला उद्योग’ 2000 के दशक की शुरुआत में वास्तविक ‘आउटसोर्स कॉल सेंटरों’ (Outsource Call Centers) में आए बड़े उछाल के कारण तेज़ी से बढ़ा, और जालसाजों ने “इन बड़ी तकनीकी कंपनियों से वास्तविक (ग्राहकों की) निजी जानकारी को चुराकर शुरुआत की। और इसके बाद उन्होंने इन छोटे ‘कॉल केंद्रों’ को स्थापित करना शुरू कर दिया, जहां इनके पास पहले से ही उद्योग नेटवर्क था। जालसाज, पीड़ितों से उनके कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस (Remote Access) लेकर तथा उनके कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) या एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर (Antivirus Software) से त्रुटि संदेश दिखाकर हेरफेर कर सकते हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (Department of Justice) की एक एजेंसी, फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन एफबीआई (Federal Bureau of Investigation (FBI) के ‘इंटरनेट क्राइम कंप्लेंट सेंटर’ (Internet Crime Complaint Center) ने 2021 में तकनीकी सहायता फ्रॉड से $347.66 मिलियन का नुकसान होने की सूचना दी, जिसमें से पिछले साल कुल $6.9 बिलियन का नुकसान इंटरनेट घोटालों से हुआ। हालांकि, यह निर्धारित करना मुश्किल है कि तकनीकी सहायता धोखाधड़ी से कितना नुकसान हुआ है, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण समस्या बनी हुई है।
भारत का फलता-फूलता यह घोटाला उद्योग हरियाणा के गुरुग्राम जैसे क्षेत्रों में पाया जा सकता है, जहां वास्तविक व्यवसायों और घोटाले के संचालन के बीच अंतर करना मुश्किल हो गया है। घोटाले के इस उद्योग में रिटर्न (Returns) अर्थात जालसाजी का पैसा भी बहुत अधिक मात्रा में मिलता है, जिसके तहत जालसाज भारत के एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के औसत वेतन से कई गुना अधिक कमा लेते हैं और एक महीने या एक साल की मेहनत के बराबर पैसा एक ही रात में बनाने की क्षमता रखते हैं। हालांकि, अधिकारियों द्वारा समय-समय पर इन झूठे कॉल सेंटरों के पीछे छिपे व्यक्तियों को बेनकाब करने के निरंतर प्रयास किए जाते हैं, किंतु इसके बावजूद, भारत में तकनीकी सहायता घोटाला उद्योग निरंतर फल-फूल रहा है।
एफबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अवैध कॉल सेंटरों और इंटरनेट द्वारा जालसाजी करने वाले गिरोहों (Phishing Gangs) द्वारा संचालित प्रेम संबंधी धोखाधड़ी (Romance -related frauds) और तकनीकी सहायता धोखाधड़ी के कारण अमेरिकी नागरिकों को $3 बिलियन से अधिक का नुकसान हुआ है। धोखाधड़ी के शिकार अधिकांश पीड़ितों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है और अधिकांश नुकसान निवेश, व्यापार ईमेल समझौता, व्यक्तिगत डेटा उल्लंघन, प्रेम संबंध और तकनीकी सहायता के कारण होते हैं।
पिछले 11 महीनों में, इंटरनेट और कॉल सेंटर से संबंधित धोखाधड़ी में अमेरिकियों द्वारा खोए गए कुल धन में 47% की वृद्धि हुई है, जो कि पिछले साल 6.9 बिलियन डॉलर की तुलना में बढ़कर 10.2 बिलियन डॉलर हो गया है। एफबीआई ने इस प्रकार की धोखाधड़ी से निपटने के लिए, इन गिरोहों को गिरफ्तार करने और तार और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से धन के हस्तांतरण को रोकने के लिए, सीबीआई (CBI), इंटरपोल (Interpol) और दिल्ली पुलिस जैसी स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ काम करने के लिए नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में एक स्थायी प्रतिनिधि भेजा है। संबंधित अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि पुलिस इन गिरोहों का भंडाफोड़ करेगी और भारत की धरती से संचालित जालसाज गिरोहों से , तार और क्रिप्टो मुद्राओं के माध्यम से हस्तांतरित किये गए धन को जब्त करेगी।
हाल के वर्षों में, ‘यूट्यूब’ (YouTube) पर काम करने वाले व्यक्तियों (YouTubers) का एक समूह, जिसमें नासा के पूर्व इंजीनियर, मार्क रॉबर्ट (Mark Robert), जिम ब्राउनिंग (Jim Browning) और ट्रिलॉजी मीडिया (Trilogy Media) शामिल हैं, कोलकाता, भारत में चल रहे एक कॉल सेंटर घोटाले को रोकने के लिए एक साथ आए। समूह ने पाया कि कॉल सेंटर, बुजुर्गों सहित कई लोगों को धोखा देकर प्रति दिन $60,000 और प्रति वर्ष लगभग $18 मिलियन कमा रहे हैं। इस दौरान यह समूह कोलकाता में स्थित एक फर्जी कॉल सेंटर को इंगित करने में सक्षम भी हो गया था। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप फर्जी कॉल सेंटर को सफलतापूर्वक बंद किया गया और घोटाले के संचालन में शामिल लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। हालांकि, भारत में कॉल सेंटरों के घोटाले वाले मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं माना जा सकता है, लेकिन यह देश की प्रतिष्ठा को अवश्य प्रभावित कर सकता है। सीबीआई और इंटरपोल इन अपराधों की जांच में प्रभावी भागीदार रहे हैं और साथ ही ये एजेंसियां एफबीआई द्वारा प्रदत्त साक्ष्यों के प्रावधान के माध्यम से जालसाजी में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाने में स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करने के लिए तैयार है।
इंटरनेट सुरक्षा के बारे में बच्चों और माता-पिता तथा आम जनता को शिक्षित करने के लक्ष्य के साथ इंटरनेट के सुरक्षित और बेहतर उपयोग को बढ़ावा देने वाली एक यूरोपीय संस्था इंसेफ (InSafe) द्वारा 20वां ‘सुरक्षित इंटरनेट दिवस’ (Safer Internet Day (SID) आज 7 फरवरी, 2023 को दुनिया भर में मनाया जा रहा है । इस वार्षिक कार्यक्रम का उद्देश्य सभी के लिए सुरक्षित और बेहतर इंटरनेट को बढ़ावा देना है। आज के दिन करीब 15 देशों में उत्सव मनाया जा रहा है । 2009 में शुरू हुआ यह आयोजन दुनिया भर के लोगों को एक सुरक्षित ऑनलाइन समुदाय बनाने में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है। इनसेफ इंटरनेट सुरक्षा के बारे में चिंतित व्यक्तियों को शिक्षा और सहायता प्रदान करता है। सुरक्षित इंटरनेट दिवस सभी कंपनियों के लिए, ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में उपभोक्ताओं की समझ बढ़ाने का एक अवसर है।
संदर्भ
https://bit.ly/3WZ057r
https://bit.ly/3YeMzOd
https://bit.ly/3HlVOFr
https://bit.ly/40kL0Ak
चित्र संदर्भ
1. फर्जी कॉल सेंटर’ को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. ‘टेक सपोर्ट स्कैम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. तकनीकी सहायता धोखाधड़ी को दर्शाता एक चित्रण (Creazilla)
4. मार्क रॉबर्ट (Mark Robert), द्वारा पकड़े गए फर्जी कॉल सेंटरको दर्शाता करता एक चित्रण (youtube)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.