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इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य उद्योगों के लिए क्यों जरूरी है स्थानीय भाषा का ज्ञान?

जौनपुर

 27-01-2023 12:08 PM
ध्वनि 2- भाषायें

इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य (Electronic commerce) या ई-व्यवसाय इंटरनेट के माध्यम से व्यापार का संचालन करने का एक रूप है, जिसमें केवल वस्तुओं का खरीदना और बेचना ही शामिल नहीं है, बल्कि ग्राहकों के लिये सेवाएं और व्यापार के भागीदारों के साथ सहयोग भी शामिल है। यह कंप्यूटर, टैबलेट, स्मार्टफोन और अन्य स्मार्ट डिवाइस पर आयोजित किया जाता है। ई-कॉमर्स के माध्यम से आज लगभग कुछ भी खरीदा जा सकता है; इस कारण से, ई- कॉमर्स अक्सर अत्यधिक प्रतिस्पर्धी होता है।
यह भौतिक रूप से विद्यमान दुकानों (bricks and mortar store) के लिए एक विकल्प हो सकता है, हालांकि कुछ व्यवसायों का संचालन भौतिक दुकानों एवं ई-कॉमर्स दोनों के माध्यम से किया जा सकता है। ई-कॉमर्स व्यवसाय से व्यवसाय (Business-to-Business (B2B), व्यवसाय से उपभोक्ता (Business-to-Consumer (B2C, उपभोक्ता से उपभोक्ता (Consumer-to-Consumer (C2C) और उपभोक्ता से व्यवसाय (Consumer-to-Business (C2B ) सहित आदि कई रूपों में बाजारों में काम करता है। ई-कॉमर्स के दिग्गज अमेज़न (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) भारतीय भाषाओं में व्यापार करते हैं, एवं Google कथित तौर पर भारतीय बाजार में विशेष रूप से स्थानीय उपयोगकर्ताओं के बीच विस्तार करना चाहता है एवं कर भी रहा है। भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry (CII) की एक रिपोर्ट के अनुसार: " राष्ट्रीय व्यापार नीति में क्षेत्रीय रणनीति अपनाई जा रही है"। ब्रांड्स और व्यवसायियों को आने वाले वर्षों में अपनी डिजिटल रणनीति के तहत क्षेत्रीय भाषा रणनीति के उपयोग पर ध्यान देना होगा। ऑडिट, टैक्स और सलाहकार सेवाएं प्रदान करने वाले एक वैश्विक संगठन ‘क्लाइनवेल्ड पीट मार्विक गोएर्डेलर’ (Klynveld Peat Marwick Goerdeler (KPMG) की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय भाषाओं में ई-कॉमर्स के आधारभूत उपयोगकर्ताओं में 32% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर   (Compound Annual Growth Rate (CAGR) के साथ आगामी पांच वर्षों में 120 मिलियन और उपयोगकर्ता जुड़ने की उम्मीद है।
क्षेत्रीय भाषाओं में चीजें उपलब्ध कराना भारत की 'अन-डिजिटाइज्ड' (undigitized) आबादी को इंटरनेट पर लाने के लिए अत्यधिक प्रासंगिक लगता है। आपको बता दें कि भारत में बढ़ते ई-कॉमर्स उद्योग में क्षेत्रीय भाषा का अत्यधिक महत्त्व है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India (TRAI) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कुल 1.15 बिलियन मोबाइल फोन उपयोगकर्ता हैं जिनमें से 520.1 मिलियन उपयोगकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं ।इन ग्रामीण उपयोगकर्ताओं तक प्रभावी ढंग से पहुँचने के लिए, भाषा के बंधन को दूर करना अत्यंत जरूरी है। उपभोक्ताओं की पसंदीदा बोली में डिजिटल रूप से बातचीत करने पर उनके साथ जुड़ाव व्यापार में आसमान छूता है क्योंकि यह सापेक्षता के तत्व को जोड़ता है और एक अत्यधिक व्यक्तिगत उपयोगकर्ता अनुभव बनाता है। स्थानीय भाषा बोलने के कारण लोग उस उद्योग से जुड़ जाते हैं। ‘स्नैपडील’ ( Snapdeal) और अमेज़ॉन जैसे ई-कॉमर्स व्यवसाय भी देश भर के छोटे शहरों और कस्बों में पैर जमाने के लिए अपने प्लेटफार्म पर स्थानीय भाषाओं को सक्षम करके बड़ा दांव लगा रहे हैं। भारतीय भाषाओं में उपलब्धता वास्तव में ऑनलाइन वाणिज्य को उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक सुलभ बना रही है। ई-कॉमर्स उद्योग न केवल भारत में विकसित हुआ है, बल्कि चीन और जापान जैसे देशों ने भी इसमें उच्च स्तर दर्जा हासिल किया है। स्थानीय भाषाओं के माध्यम से स्थानीयकरण पर इसके बढ़ते ध्यान को देखते हुए, भारत और अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में ई- कॉमर्स का स्थान मिनटों में अधिक सार्वभौमिक और समावेशित होता जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में इस क्षेत्र में कई भारतीय व्यापार कंपनियां एवं मोबाइल ऐप (Mobile App) उभरकर सामने आए हैं | जिसके तहत फेसबुक(Facebook) समर्थित मीशो(Meesho ) और बिकाई ( Bikayi )जैसे देसी प्लेटफॉर्म ने भी अपने ऐप क्रमशः 7 और 10 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराए हैं।
शेयरचैट (ShareChat)15 भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पेशकश करता है और गूगल(Google) भारतीय बाजार में विशेष रूप से स्थानीय उपयोगकर्ताओं के बीच विस्तार करने के लिए इसे हासिल करना चाहता है। 680 मिलियन से अधिक सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की तेजी से बढ़ती डिजिटल आबादी के साथ, जिनमें से 78% स्थानीय भाषाओं में सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं, देश में कॉमर्स के लिए भूख बढ़ रही है। ई-कॉमर्स के विस्तार से समाज में कई बदलाव आए हैं जिसके कारण बाजार पर अत्यधिक प्रभाव पड़ रहा है । अगर बात करें चलचित्र वाणिज्य (Video Commerce) की, तो स्थानीय भाषाओं में टिक टॉक (TikTok) ,इंस्टाग्राम रील्स (Instagram Reels) और अन्य कई प्लेटफॉर्म के माध्यम से लघु चलचित्र बनाने की दर में वृद्धि हुई है । इन छोटे-छोटे चल चित्रों में चित्रित किए जाने वाले गीत ज्यादातर भारतीय स्थानीय भाषाओं में होते हैं जो परिचित बोलियों के साथ इन चलचित्रों को आकर्षक बनाते हैं।लोग अपनी भाषा के गीतों को पसंद कर उन पर चलचित्र बनाते हैं । मनोरंजन के रूप में स्थानीय चलचित्र उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। ये वीडियो वाणिज्य एक अत्यधिक लंबा चलने वाला एवं पारस्परिक खरीदारी अनुभव बनाते हैं, जो निकट भविष्य में नई तकनीकों और प्रगति के साथ और भी विकसित होगा।

संदर्भ
https://bit.ly/3iPMd1B
https://bit.ly/3iMyBUR

चित्र संदर्भ
1. पोंधे की जाँच करते किसान को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य को संदर्भित करता एक चित्रण (Hippopx)
3. मोबाइल का प्रयोग करते भारतीय किसानों को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. इंस्टाग्राम के प्रयोग को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)



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