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क्या ए आई मानव विशेषज्ञता तथा शिक्षा क्षेत्र के लिए खतरा है?

जौनपुर

 21-01-2023 12:46 PM
वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

क्या आपने कभी चैटजीपीटी (ChatGPT, Generative Pre-trained Transformer) के बारे में पढ़ा या सुना है ? चैटजीपीटी एक प्रकार का कंप्यूटर प्रोग्राम है जो लेख या संदेश उत्पन्न करने के लिए ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ (Artificial Intelligence (AI) का उपयोग करता है। इस प्रोग्राम को मानव-निर्मित शब्दों के एक बड़े डेटासेट (Data set) पर प्रशिक्षित किया गया है; सरल भाषा में, इसने विशेष तरह से लिखना सीखा है, जो मानवों के लिखने के समान लगता है। ChatGPT का उपयोग सवालों या संकेतों के जवाब उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है, और यह मनुष्य के समानथ बातचीत भी कर सकता है। यह टूटे हुए कोड को ठीक करने और निबंध लिखने में भी मदद कर सकता है। अपने वर्तमान संस्करण में, इस प्रभावशाली संवादी कंप्यूटर प्रोग्राम ने प्रश्नों की मानव-जैसी व्याख्या करने, मानव-जैसी समझ प्रदर्शित करने, और हम जो कुछ भी पूछते हैं, उसके विशेषज्ञों जैसे उत्तर प्रदान करने की अपनी क्षमता से अत्यधिक प्रभावित किया है।
यह एआई इंजन, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (Natural Language Processing) में नवीनतम प्रगति का लाभ उठाकर, उपरोक्त क्षमता को प्राप्त करता है। यह एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर को मौखिक संचार का आकलन करने और व्याख्या करने में सक्षम बनाती है, जो कि विशाल भाषा डेटाबेस(database) से मेल खाते शब्दों और वाक्यों पर आधारित है, और जो मानव संचार में पाए जाने वाले कुछ अंतःक्रियात्मक तरीकों की बारीकी से नकल करती है। एक ऐसे युग में जहां मानव के ज्ञान को मापना या समझना असंभव लगता है, उल्लेखनीय प्रासंगिकता और सटीकता के साथ अकल्पनीय रूप से बड़ी संख्या में विषयों और प्रश्नों को संबोधित करने के लिए चैटजीपीटी की प्रभावशाली क्षमता इसे एक बहुश्रुत प्रतिभा के तकनीकी समकक्ष के रूप में रखती है। इसलिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है, कि मानव विशेषज्ञता के संदर्भ में इसका क्या अर्थ है? क्या सर्वज्ञानी मशीनों के युग में मानव विशेषज्ञता का कोई भविष्य है भी या नहीं? और यदि हां, तो हमें मानव विशेषज्ञता पर पुनर्विचार कैसे करना चाहिए?
मनुष्य खुद को स्मार्टफोन में घटा देने में खुश हैं और सोशल मीडिया के आदी तो अपना अधिकांश समय, अनजाने में ही अपनी पसंद और इच्छाओं की भविष्यवाणी करने के लिए एआई को प्रशिक्षित करने में, खर्च करते हैं। साथ ही चूंकि तकनीकी या एआई मनुष्यों का हर काम करने के लिए सक्षम माने जा रहे है,यह खतरा है कि कही हम मानव विशेषज्ञता को भूल न जाए। आज औद्योगिक क्षेत्रों में काम कर रहे ऐसे अनेक लोग और कर्मचारी है जिनका काम शायद आगे जाकर एआई ले लेगा। आमतौर पर इसे ‘स्वचालन’ (Automation) मतलब, मशीनों तथा प्रौद्योगिकी द्वारा मनुष्यों का काम करने की क्षमता के नाम से जाना जाता है।
चूंकि अधिकांश प्रौद्योगिकियां दक्षता के उद्देश्यों के लिए निर्मित की गई हैं, इसलिए मानव आलस्य को जगाने के लिए अधिकांश तकनीकी नवाचारों की एक सामान्य प्रवृत्ति है। अगर हम मशीनों पर बढ़त बनाए रखना चाहते हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि हम पूर्ण रूप से एआई पर अपनी निर्भरता को कम करें । जब तक हम ऐसा नहीं करते हैं, हम पाएंगे कि वास्तविक खतरा एआई स्वचालन नहीं है, बल्कि हमारी खुद को स्वचालित करने की प्रवृत्ति है। जिस तरह से हम, औद्योगिक क्षेत्रों में स्वचालन के कारण चिंतित है, ठीक उसी प्रकार आज शिक्षक भी एआई की वजह से परेशान दिखते है। आइए इसका कारण देखते है। चैटजीपीटी ओपनएआई (OpenAI) द्वारा विकसित एक एआई टूल (AI Tool) है, जो निबंध लिखने, विस्तृत कोड लिखने और यहां तक ​​कि गणित की समस्याओं को हल करने में सक्षम है।इन कारणों की वजह से यह टूल एक बार फिर “एआई बनाम शिक्षा” बहस को छेड़ता है। कई शैक्षणिक विशेषज्ञ इस प्रश्न में उलझे हुए हैं कि क्या एआई तकनीक शिक्षा के लिए खतरा है? ये सुलभ उपकरण जो छात्रों को बिना अधिक प्रयास के गृहकार्य पूरा करने की अनुमति देते हैं, धोखाधड़ी, शैक्षणिक विघटन और सबसे बढ़कर सीखने की क्षमता के नुकसान की चिंता पैदा करते हैं। शिक्षकों को डर है कि एआई की मुट्ठी में आने से छात्र आलसी विचारक बन जाएंगे और महत्वपूर्ण सोच, शोध या लेखन जैसे आजीवन कौशल विकसित करने में विफल रहेंगे। ऑनलाइन कक्षाओं में, जहां शारीरिक संपर्क अनुपस्थित होता है, निरंतर संपर्क बनाए रखना बहुत कठिन होता है। और छात्रों द्वारा अति शीघ्रता सेअलगाव के नए व्यवहार जैसे की कैमरा बंद करना, खुद को मूक (mute) करना, यहां तक कि बाद में केवल रिकॉर्डिंग देखने के लिए कक्षा को छोड़ देना, आदि विकसित कर लिए जाते हैं। न्यूयॉर्क शहर (New York City) के शिक्षा विभाग ने तो शहर के स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों द्वारा ChatGPT के उपयोग पर प्रतिबंध भी लगा दिया है, क्योंकि इसके उपयोग से ‘सीखने में बाधा’ और गलत सूचना के बारे में गंभीर चिंताएँ हैं। कुछ लोगों को डर है कि निरंतर इस टूल के उपयोग से छात्रों को कभी भी लिखने की कला को सीखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, क्योंकि वे केवल चैटजीपीटी पर निर्भर हो सकते हैं। हालांकि, उपकरण प्रश्नों के त्वरित और आसान उत्तर प्रदान करने में सक्षम हो सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण सोच और समस्या को सुलझाने के कौशल का निर्माण नहीं करता है, जो शैक्षणिक और आजीवन सफलता के लिए आवश्यक हैं। हालांकि, कुछ मौलिक खामियों के कारण, चैटजीपीटी द्वारा निर्मित निबंध अभी भी मानव-निर्मित निबंधों की तुलना में एआई-निर्मित के रूप में पहचाने जा सकते हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में एआई छात्रों के विकास के दुश्मन के रूप में भूमिका निभाता है परंतु यदि इसका उचित प्रकार उपयोग किया जाए, तो यह एक मित्र की भूमिका भी निभा सकता है । आइए जानते है वह कैसे? एआई लेखन एक लाभकारी शैक्षणिक भूमिका निभा सकता है, जिससे छात्रों को उनकी शैली में जागरूकता, सामग्री संशोधन और लेखन शैली कौशल तैयार करने में मदद मिलती है।
जिस तरह गणित की कक्षाओं में छात्रों के लिए कैलकुलेटर (Calculator) एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है, उसी तरह चैटजीपीटी में उन लेखकों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बनने की क्षमता है जो अपने संचार कौशल के साथ-साथ अपने महत्वपूर्ण सोच कौशल को भी सुधारना चाहते हैं। इसका उपयोग करके छात्र किसी परियोजना के लिए कार्यक्रम की प्रारंभिक प्रतिक्रिया का मूल्यांकन कर सकते हैं, फिर इस पर विचार कर सकते हैं कि संशोधन के माध्यम से उसे किस प्रकार सुधारा जा सकता है । उच्च शिक्षा में, हम खुले तौर पर अपने छात्रों को उनके नियुक्त किए गए कार्यों के लिए के लिए चैटजीपीटी का उपयोग करने दे सकते हैं, और यहां तक ​​कि पहला ड्राफ्ट बनाने के लिए कक्षा में इसका उपयोग भी कर सकते हैं। छात्र उस समय इससे यहसीख सकते हैं कि अपने निबंधों को बेहतर बनाने के लिए सही प्रारूप क्या हो सकता है और कैसे आगे बढ़ा जा सकता है।सही तरीके से उपयोग किए जाने पर, चैटजीपीटी हमारे छात्रों के लिए एक अद्भुत उपकरण सिद्ध हो सकता है।
इस तरह, हमने देखा की एआई आज के विश्व में क्या समस्याएं ला रहा है तथा इन्हें सुलझाने के लिए शिक्षण संस्थानों द्वारा किस प्रकार के प्रयत्न किए जा रहे हैं है। एआई तकनीक चाहे कितनी भी उन्नत क्यों ना हो जाए, वह मनुष्यों की विशेषज्ञता की बराबरी नहीं कर सकती है एवं उसका स्थान कभी नहीं ले सकती है । दूसरी तरफ, एआई तकनीक का उद्देश्य भी कभी भी शिक्षा का अंत करने का नहीं है, यह केवल शैक्षिक परिवर्तन में तेजी लाने की काफी संभावनाएं प्रदान करती है। अब समय आ गया है कि शिक्षण संस्थान नई तकनीकों की एआई की शक्ति का उपयोग बेहतर शिक्षण वातावरण बनाने के लिए करें जो प्रत्येक छात्र के लिए समावेशी, लचीला और उत्तरदायी हो।

संदर्भ
https://bit.ly/3izu3RD
https://bit.ly/3ZBXUcJ
https://bit.ly/3QKuWTR
https://brook.gs/3COQ3hY

चित्र संदर्भ
1. एक रोबोट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. ओपन AI को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. चैट जीपीटी द्वारा दिए गए एक जवाब को संदर्भित करता एक चित्रण (chat.openai)
4. चैट जीपीटी लिखे गए एक कोड को संदर्भित करता एक चित्रण (chat.openai)
5. विभिन्न AI अनुप्रयोगों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)



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