समयसीमा 237
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 948
मानव व उसके आविष्कार 726
भूगोल 236
जीव - जन्तु 275
जौनपुर के विकास या कृषी में यहाँ की नदियों का योगदान महत्वपूर्ण है। यहाँ की प्रमुख नदियों में से सई नदी का प्रमुख योगदान है, सई नदी की संरचना व इसके बहाव आदि को निम्नलिखित रूप से देख सकते हैं। भौगोलिक पृष्ठभूमि सई नदी का उद्गम स्थल उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के उत्तरी भाग में ग्राम बिजवान (पिहानी) में स्थित एक झील से है। यह हिमालयी या तराई क्षेत्र की नदी न होकर धरातलीय नदी है, जो गोमती की सहायक नदी है। सई नदी का बहाव क्षेत्र दन्तुरित (टेढ़ा-मेढ़ा) है तथा कहीं-कहीं पर ऊँचे कंकरीले दरारों का निर्माण करती है। सई नदी के जल को सिंचाई में प्रयोग किया जाता है तथा साथ ही यह नदी उपजाऊ मिटटी का भी निर्माण करती है। सई नदी द्वारा आप्लावित क्षेत्र के अन्तर्गत हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़ तथा जौनपुर जनपद के क्षेत्र आते हैं। भौगोलिक आकृति एवं भूमि के उच्चावच के अनुसार सई नदी के समस्त अपवाह क्षेत्र को अध्ययन की सुविधा के लिए दो भौगोलिक इकाईयों में विभक्त किया गया है। (1) उच्च सई नदी का अपवाह क्षेत्र (2) निम्न सई नदी का अपवाह क्षेत्र उच्च सई नदी घाटी उत्तर प्रदेश राज्य के 80° 15 से 82° 47 पूर्वी देशान्तर तथा 27° 25 से 26° 17 उत्तरी अक्षांश के मध्य अवस्थित है। इस क्षेत्र में हरदोई, उन्नाव तथा लखनऊ जनपद आते है यह क्षेत्र उच्च गंगा घाटी में अवस्थित है। निम्न सई नदी घाटी उत्तर प्रदेश राज्य के दक्षिण पूर्व में 81° 1 से 82° 48 पूर्वी देशान्तर तथा 25° 39 से 26° 32 उत्तरी अक्षांश" के मध्य अवस्थित है। इस क्षेत्र में रायबरेली (लखनऊ प्रशासनिक प्रभाग) प्रतापगढ़ (इलाहाबाद प्रशासनिक प्रभाग) जौनपुर (वाराणसी प्रशासनिक प्रभाग) जनपद आते हैं। निम्न सई घाटी का क्षेत्र मध्य गंगा घाटी में अवस्थित है। इसका सम्पूर्ण बहाव क्षेत्र लगभग 237 किमी है। भारत की जनगणना 2011 के अन्तिम आंकड़े के अनुसार इस क्षेत्र की कुल आबादी 11053928 है जिसमें स्त्री-पुरुष अनुपात 968:1000 है। साक्षरता दर 71. 93 प्रतिशत है। कुल जनसंख्या में 92.65 प्रतिशत ग्रामीण तथा 7.35 प्रतिशत शहरी जनसंख्या है। सई नदी द्वारा आप्लावित क्षेत्र में रायबरेली जनपद के महराजगंज, रायबरेली, सलोन तहसील प्रतापगढ के कुण्डा, बेला रानीगंज व पट्टी तहसील तथा जौनपुर के बदलापुर, मछलीशहर, मड़ियाहूँ तहसील आती हैं। वर्तमान काल में यह नदी जौनपुर के कृषी के लिये वरदान का कार्य कर रही है तथा जौनपुर का एक बड़ा हिस्सा इस नदी के किनारे रहता है। 1. निम्न सई नदी घाटी में मानव अधिवास का स्थानीय वितरण, प्रारंभ से प्रारंभिक ऐतिहासिक युग तक, कन्हैया लाल यादव, प्रतिभा प्रकाशन
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