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अथर्ववेद और आयुर्वेद में आपको उपचार के लिए जड़ी बूटियों के प्रयोग का वर्णन आमतौर पर देखने को मिल जायेगा। लेकिन आश्चर्य की बात है की, आज लगभग 5000 वर्षों बाद भी जड़ी बूटियों ने अपनी महत्ता नहीं खोई। बल्कि धीरे-धीरे उपचार क्षेत्र में पेड़-पौधों पर आधरित चिकित्सा प्रणाली “अरोमाथेरेपी (Aromatherapy)” आदि का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है।
अरोमाथेरेपी चिकित्सीय लाभ के लिए आवश्यक तेलों का उपयोग करने का अभ्यास है। सिरदर्द से लेकर सोने की तकलीफ और गले में खराश तक, हर समस्या से निजात पाने के लिए सुगंधित तेल या एसेंशियल ऑयल्स (Essential Oils) हाल ही में बहुत चर्चा में रहे हैं। सुगंधित तेल सुरक्षित तरीके से प्रयोग करने पर सुगंधित तेल आपके स्वास्थ्य और कल्याण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। दरअसल सुगंधित तेल मूल रूप से पौधे के अर्क होते हैं। उन्हें सुगंध पैदा करने वाले यौगिकों को एकत्र करने के लिए पौधे के विभिन्न हिस्सों (फूल, छाल, पत्ते या फल) को भाप या दबाकर बनाया जाता हैं। सुगंधित तेल की एक बोतल का उत्पादन करने में कई पौधे लग सकते हैं। पिछले साल अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में उपभोक्ताओं ने सुगंधित तेल उत्पादों पर 1 बिलियन डॉलर खर्च किए और वर्ष 2022 के अंत तक इसमें 11 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश होने की उम्मीद है।
सुगंधित तेल के मिश्रण के साथ अरोमाथेरेपी का उपयोग सदियों से किया जाता रहा है।
जब साँस ली जाती है, तो आवश्यक तेलों में सुगंधित अणु, घ्राण तंत्रिकाओं से सीधे मस्तिष्क तक जाते हैं और विशेष रूप से मस्तिष्क के भावनात्मक केंद्र अमिगडाला (Amygdala) को प्रभावित करते हैं। आवश्यक तेलों को त्वचा द्वारा भी अवशोषित किया जा सकता है। मालिश करने वाला चिकित्सक रगड़ (मालिश करने) के दौरान तंग मांसपेशियों को ढीला करने और राहत पहुंचाने के लिए तेल में एक या दो बूंद विंटरग्रीन (Wintergreen) मिला सकता है। बाजार में अलग-अलग सुगंध और रासायनिक श्रृंगार के साथ दर्जनों सुगंधित तेल उपलब्ध हैं। कौन से सुगंधित तेल सबसे अच्छे होते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किन लक्षणों को कम करना चाहते हैं, कुछ सबसे लोकप्रिय सुगंधित तेल में शामिल हैं:
१. लैवेंडर का तेल (Lavender Oil): कई लोगों को लैवेंडर की खुशबू आराम देती है। इसका उपयोग अक्सर तनाव और चिंता को दूर करने तथा अच्छी नींद लेने में मदद के लिए किया जाता है।
२. चाय के पेड़ का तेल: इसे मेलेलुका (Melaleuca) भी कहा जाता है, इस सुगंधित तेल का उपयोग ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी लोगों द्वारा घाव भरने के लिए किया जाता था। आज, यह आमतौर पर मुँहासे और कीड़े के काटने के लिए उपयोग किया जाता है।
३. पेपरमिंट तेल (Peppermint Oil): विशेषज्ञों के अनुसार पेपरमिंट एसेंशियल तेल, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome (IBS) या पेट की समस्या के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है। साथ ही यह तनाव, सिरदर्द से भी छुटकारा दिला सकता है।
४. नींबू का तेल: बहुत से लोगों को नींबू के तेल की खट्टी महक बहुत पसंद आती है। यह अक्सर घर के सफाई उत्पादों में भी प्रयोग किया जाता है।
अध्ययन दावा करते हैं कि एसेंशियल ऑयल्स / सुगंधित तेल कई बीमारियों के लिए प्राकृतिक उपचार हैं, लेकिन मानव स्वास्थ्य में उनकी प्रभावशीलता निर्धारित करने के लिए पर्याप्त शोध आज भी नहीं है। किन्तु लैब अध्ययन के परिणाम आशाजनक हैं, जिसमें पाया गया है कि कुछ एसेंशियल ऑयल्स एंटीबायोटिक दवाओं (Antibiotic Medicines) की तुलना में एक प्रकार के लाइम बैक्टीरिया (Lyme Bacteria) को बेहतर तरीके से मार सकते हैं। कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि एसेंशियल ऑयल्स का उपयोग करने से लाभ होता है जबकि अन्य अध्ययन लक्षणों में कोई सुधार नहीं दिखाते हैं। आपको एसेंशियल ऑयल्स के सुरक्षित रूप से उपयोग करने की जानकारी अवश्य होनी चाहिए, उदाहरण के लिए, सिरदर्द के लिए अक्सर पुदीने के तेल की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर आप इसे 30 महीने से कम उम्र के बच्चे के आसपास इस्तेमाल करते हैं, तो बच्चा उत्तेजित हो सकता है, और इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, तेज दिल की धड़कन वाला व्यक्ति पुदीना के प्रति प्रतिकूल प्रतिक्रिया कर सकता है।
जैतून, जोजोबा या नारियल के तेल जैसे वाहक तेल के साथ सुगंधित तेल का मिश्रण जलन पैदा कर सकता हैं। त्वचा पर बहुत अधिक मात्रा में इनका इस्तेमाल करने से बचें। इन के प्रयोग से कुछ लोगों को जलन या एलर्जी का अनुभव हो सकता है। यदि तेल लगाने के बाद आपको लाल, खुजलीदार दाने या पित्ती हो जाती है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ।
नैदानिक परीक्षणों में पाया गया की एसेंशियल ऑयल्स निम्नलिखित स्थितियों को कम कर सकते हैं:
१. चिंता
२. डिप्रेशन (तनाव)
३. जी मिचलाना
४. अनिद्रा
५. भूख कम लगना
६. शुष्क मुँह
जब आप तेल खरीदते हैं, तो यह सुनिश्चित करना जरूरी हो जाता है कि वे मिश्रित सिंथेटिक अवयवों और अन्य हानिकारक पदार्थों के बजाय उच्च गुणवत्ता वाले और शुद्ध पोंधों से निर्मित हो, अन्यथा ये अंततः आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
शुद्ध एसेंशियल ऑयल्स / सुगंधित तेल की पहचान कैसे करें?
यदि आपको लगता है कि निम्न श्रेणी के तेलों को खरीदने से आपको अच्छा सौदा मिल रहा है, तो एक बार पुनः विचार कर लीजिये। वास्तव में आप पैसे बचा नहीं रहे हैं बल्कि इसके बजाय, आप अपना पैसा उन तेलों पर बर्बाद कर रहे हैं, जो आपकी भलाई के बजाय आपको नुकसान पंहुचा सकते हैं।
उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध तेल, पौधों से बने होते हैं और प्राकृतिक होते हैं। अधिकांश सिंथेटिक तेलों में एक सुगंध भी होती है, जो अक्सर कार्सिनोजेन्स (Carcinogens), श्वसन संबंधी जलन, एलर्जी, न्यूरोटॉक्सिक रसायनों, अंतःस्रावी व्यवधानों और अन्य जहरीले अवयवों के मिश्रण से बनाई जाती है जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होती हैं।
इसलिए तेलों को खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
१. एसेंशियल ऑयल्स को अंधेरे, कांच की बोतलों में समाहित किया जाना चाहिए, और उसके
लेबल पर पौधे का वैज्ञानिक नाम अवश्य होना चाहिए।
२. जाँच कीजिए की क्या तेल से प्राकृतिक गंध आ रही ?
३. पौधे की उत्पत्ति के बारे में जानकारी के साथ सभी बोतलों को लेबल किया जाना चाहिए, और आपको यह भी पता होना चाहिए कि यह कहां से आया है।
४. कुछ कंपनियां अपने तेलों को 100 प्रतिशत शुद्ध बता सकती हैं, लेकिन यह हमेशा सच नहीं हो सकता है। अपने तेलों को केवल उतामा स्पाइस (Utama Spice) जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों से खरीदना सुनिश्चित करें।
संदर्भ
https://bit.ly/3As3R0I
https://bit.ly/2HskYnK
https://bit.ly/3VdOD7s
https://bit.ly/3Avg05g
चित्र संदर्भ
1. परफ्यूम की जाँच को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. चिकित्सा प्रक्रिया अरोमाथेरेपी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. बोतलों में रखे एसेंशियल ऑयल्स को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. नीलगिरी ग्लोब्यूलस को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. सुगंधित एसेंशियल ऑयल्स को दर्शाता एक चित्रण (Stockvault )
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