समय - सीमा 267
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1034
मानव और उनके आविष्कार 800
भूगोल 264
जीव-जंतु 304
| Post Viewership from Post Date to 23- Aug-2022 (5th Day) | ||||
|---|---|---|---|---|
| City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Messaging Subscribers | Total | |
| 142 | 1 | 0 | 143 | |
| * Please see metrics definition on bottom of this page. | ||||
मानवता के लिए प्रदूषण, भविष्य का सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होने जा रहा है, और दुनियाभर में इस सिरदर्द अर्थात सभी प्रकार के प्रदूषणों के टिकाऊ उपचार, लंबे समय से खोजे जा रहे हैं। लेकिन हाल ही में वैज्ञानकों को इस संदर्भ में एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है जहां जल, रसायन एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जीवित कोशिकाओं का रचनात्मक प्रयोग किया जा रहा है।
शोधकर्ता पर्यावरण में रसायनों का पता लगाने और सतहों को जंग तथा मोल्ड से बचाने के लिए बैक्टीरिया से बने पुन: प्रयोज्य फिल्टर (reusable filters) विकसित कर सकते हैं। सारा मोलिनारी (Sarah Molinari) जो की एक सिंथेटिक जीवविज्ञानी हैं ने अपने हाल ही में प्रकाशित शोध में, जीवाणुओं को जीवित सामग्री (living material) के रूप में प्रोग्राम किया, जिन्हे न केवल विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए संशोधित किया जा सकता है, बल्कि यह त्वरित एवं उत्पादन में भी आसान है। दरसल जीवित सामग्री एक प्रकार की मिश्रित सामग्री होती है, जिसमें जीवित तत्व निर्जीव घटकों में एकीकृत होते हैं। यह “जीवित कोशिकाओं और निर्जीव पदार्थों” दोनों के लाभों को जोड़ती है और उन्नत निर्माण तकनीकों को सक्षम करती है।
मानव कोशिकाओं की तरह, बैक्टीरिया में भी डीएनए (DNA) होता है, जो शरीर में प्रोटीन बनाने के निर्देश प्रदान करता है। आज विज्ञानं की मदद से बैक्टीरियल डीएनए को संशोधित किया जा सकता है, ताकि कोशिका को नए प्रोटीन बनाने का निर्देश दिया जा सके, जिसमें वे प्रोटीन भी शामिल हैं जो प्रकृति में मौजूद नहीं हैं। शोधकर्ता यह भी नियंत्रित कर सकते हैं कि ये प्रोटीन कोशिका के भीतर कहाँ स्थित होंगे।
चूंकि जीवित सामग्री, जीवित कोशिकाओं से बनी होती हैं, इसलिए उन्हें भी मोबाइल के ऐप्स के साथ सेलफोन प्रोग्रामिंग (cellphone programming) की भांति विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए आनुवंशिक रूप से इंजीनियर (संशोधित) किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, शोधकर्ता कुछ अणुओं की उपस्थिति में रंग बदलने के लिए, बैक्टीरिया को पर्यावरण प्रदूषकों हेतु सेंसर के रूप में बदल सकते हैं। शोधकर्ताओं ने चूना पत्थर के कण बनाने के लिए भी बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया है।
संशोधित जीवित सामग्री के लिए एक प्राथमिक चुनौती यह पता लगाना है कि उन्हें मैट्रिक्स (matrix), या कोशिका के आस-पास के पदार्थों का उत्पादन करने के लिए कैसे प्रेरित किया जाए, जिससे शोधकर्ताओं को अंतिम सामग्री के भौतिक गुणों, जैसे कि इसकी चिपचिपाहट, लोच और कठोरता को नियंत्रित करने की अनुमति मिल जाती है।
सारा मोलिनारी और उनकी टीम ने बैक्टीरिया के डीएनए में इस मैट्रिक्स को एनकोड करने के लिए एक सिस्टम बनाया है। उन्होंने कलोबैक्टर क्रेसेंट बैक्टीरिया (Caulobacter Crescent Bacteria) के डीएनए को संशोधित किया ताकि जीवाणु कोशिकाएं अपनी सतहों पर बड़ी मात्रा में लोचदार प्रोटीन से बने मैट्रिक्स का उत्पादन कर सकें। इन लोचदार प्रोटीनों में एक दूसरे से बांधने और हाइड्रोजेल बनाने की क्षमता होती है। जब दो आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवाणु कोशिकाएं निकट आती हैं, तो ये प्रोटीन भी एक साथ आते हैं और कोशिकाओं को एक दूसरे से जोड़े रखते हैं। इस चिपचिपी, लोचदार सामग्री के साथ प्रत्येक कोशिका को घेरने से, जीवाणु कोशिकाएं एक साथ मिलकर एक जीवित स्लाइम (living slime) का निर्माण करेंगी।
इसके अलावा शोधकर्ता अंतिम सामग्री के गुणों को बदलने के लिए लोचदार प्रोटीन को संशोधित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, वह बैक्टीरिया को कठोर निर्माण सामग्री में बदल सकते हैं जो क्षति की स्थिति में स्वयं-मरम्मत (self-repair) करने की क्षमता रखते हैं। जिनका उपयोग उत्पादों में भराव के रूप में किया जा सकता है। उनकी बायो डिग्रेडेबिलिटी (bio degradability) और न्यूनतम उत्पादन आवश्यकताएं, उन्हें टिकाऊ और किफायती उत्पादन की अनुमति देती हैं।
जीवित सामग्री बनाने की तकनीक अपरिष्कृत और सस्ती है। बैक्टीरिया से एक बहु-कार्यात्मक, उच्च प्रदर्शन वाली सामग्री विकसित करने के लिए केवल इनक्यूबेटर, प्रोटीन और शर्करा की आवश्यकता होती है। जीवाणुओं को जीवित पदार्थों में बदलना भी एक त्वरित प्रक्रिया है। यह अन्य सामग्रियों की निर्माण प्रक्रिया की तुलना में बहुत तेज़ है।
इसके अलावा, जीवित जीवाणु को परिवहन और स्टोर करना भी आसान है। यह कमरे के तापमान पर एक जार में तीन सप्ताह तक जीवित रह सकता है और फिर से बढ़ने के लिए इन्हे एक ताजा माध्यम में वापस रख दिया जाता है। यह इन सामग्रियों के आधार पर भविष्य की प्रौद्योगिकी की लागत को कम कर सकता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है की इंजीनियर जीवित सामग्री पर्यावरण के अनुकूल तकनीक है। क्योंकि वे जीवित कोशिकाओं से बने होते हैं, इसलिए वे जैव- संगत, या गैर-विषैले, और बायोडिग्रेडेबल, या स्वाभाविक रूप से विघटित हो जाते हैं।
सन्दर्भ
https://bit.ly/3eAaBlu
https://bit.ly/3gcoqHp
चित्र संदर्भ
1. आनुवंशिक रूप से इंजीनियर बैक्टीरिया को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. uv प्रकाश में बैक्टीरिया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. कलोबैक्टर क्रेसेंट बैक्टीरिया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. जीवित स्लाइम को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. समुद्री प्लास्टिक बायोडिग्रेडेशन के चरण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)