मानव व कुत्तों का एक लम्बा इतिहास है, यही कारण है कि इज़राईल के एक कब्र से कुत्ते का कब्र मिला जिससे यह अन्दाजा लगाया गया कि मानव व कुत्ते प्राचीन काल से ही साथ हैं। भारत में मोहनजोदड़ो की खुदाई से कुत्ते की मिट्टी की बनी मूर्ती मिली जिसपर कॉलर या पट्टा बंधा हुआ दिखाई देता है। ये सारे साक्ष्य व कुत्तों की स्वामीभक्ति के किस्से मानव व कुत्तों के रिस्ते की महत्ता को साबित करते हैं। सुरक्षा से लेकर शिकार तक कुत्तों ने मानव का साथ दिया है तथा वर्तमान जगत में कई प्रकार व नस्ल के कुत्तों का भी जन्म हुआ जैसे कि रामपुर का हाउण्ड कुत्ता। जौनपुर में पाया जाने वाले कुत्ते प्रमुखता से पेरियाह व पान्डिकोना नस्ल के हैं। पेरियाह नस्ल के कुत्ते विश्व के प्राचीनतम कुत्तों में से एक हैं। यहाँ पर पाया जाने वाला कुत्ता अत्यधिक सामाजिक व अत्यन्त सजग किस्म के होते हैं। पेरियाह देख रेख करने के अलावाँ अत्यन्त समझदार तथा मिलनसार भी होते हैं। वर्तमान काल में लोगों का विदेशी नस्ल की तरफ झुकाव यहाँ के देशी कुत्तों के लिये संकट पैदा कर रहा है तथा शिकार की कमी इनके जीवनकाल को घटाने का भी कार्य कर रही है। 1. द बुक ऑफ इंडियन डॉग्स, एस. थियोडोर बास्करन
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