City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
3696 | 45 | 3741 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
नागालैंड (Nagaland), भारत का एक पूर्वोत्तर राज्य है और सबसे छोटे राज्यों में से एक है। इसकी सीमा
पश्चिम और उत्तर में असम, पूर्व में म्यांमार (Myanmar), अरुणाचल प्रदेश और दक्षिण में मणिपुर से लगती है।
नागालैंड के लगभग 68 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। यहां उगाई जाने वाली प्रमुख फसलें आलू, चावल, दालें,
मक्का, तंबाकू, बाजरा, मक्का, गन्ना, तिलहन और रेशे हैं।
नागालैंड का कोई प्रारंभिक लिखित इतिहास नही है,
जबकि पडोसी असम राज्य के 12 वीं और 13 वीं शताब्दी में अहोम साम्राज्य में नागा समुदाय, उनकी
अर्थव्यवस्था और रीती-रिवाजो का उल्लेख किया गया था। 1816 में जब म्यांमार के बर्मन ने असम पर
आक्रमण किया तो इसके परिणामस्वरूप 1819 में दमनकारी बर्मन शासन की नीव रखी गयी और 1826 में
असम में ब्रिटिश शासन की स्थापना तक यह शासन चला। 1947 में भारत की आज़ादी के बाद, नागा समुदाय
के लोग असम के छोटे से भाग में बसे हुए थे। जबकि मजबूत राष्ट्रिय अभियान के माध्यम से नागा समुदाय
के राजनितिक संघ की भी मांग की गयी। इस अभियान के चलते बहुत सी हिंसक गतिविधियाँ हुई और 1955
में भारतीय सेना को व्यवस्था पुनर्स्थापित करने का आदेश भी दिया गया। 1957 में नागा लीडर और भारत
सरकार के बीच समझौता करने के बाद, असम के पहाड़ी क्षेत्रो में रहने वाले नागा और तुएंसंग फ्रंटियर डिवीज़न
(Tuensang Frontier Division) के नागाओ को भारत सरकार के प्रशासन में एक ही छत के नीचे लाया गया।
समझौते के बावजूद भारत सरकार ने करों का भुगतान करने से इनकार कर दिया।
1960 में नागा लोगो के
सम्मलेन बैठक में इस बात को पेश किया गया की नागालैंड को भारतीय संघ का हिस्सा होना चाहिए। 1963
में नागालैंड को राज्य का दर्जा दिया गया और 1964 में लोकतांत्रिक ढंग से यहाँ के कार्यालय की स्थापना की
गयी थी। विद्रोही गतिविधियाँ जारी थी, साथ ही क्षेत्र में डाकुओ की संख्या भी बढ़ रही। मोल भाव कर कुछ
समय तक विद्रोह को रोका गया और मार्च 1975 में राज्य पर प्रत्यक्ष राष्ट्रपति शासन लागु किया गया। 1980
में शक्तिशाली समर्थक अलगाववादी चरमपंथी समूह, दी नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ़ नागालैंड (The
National Socialist Council of Nagaland) की स्थापना की गयी।
नागालैंड राज्य जितना प्राकृतिक दृष्टी से सुंदर है उतना ही यहाँ के जीवनशैली में खूबसूरती और विविधता
देखने को मिलती है। यहां कई प्रकार की जनजातियां रहती हैं जिनकी संस्कृति अलग अलग है, लेकिन सभी
किसी न किसी तरह से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, जिसमे से प्रमुख जनजाति है "नागा"। नागा जिसके ज्यादातर
लोग नागालैंड के पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं, आधिकारिक तौर पर 16 मान्यता प्राप्त नागा जनजातियाँ हैं (अंगमी,
आओ, चांग, कोन्याक, मरम, संगतम, तुत्सा, सुमी, वांचू, फोम, पोचुरी, संगमा, कूकी, चखेसंग, लोथा, दीमसा कचरी)।
हालांकि नागा जनजाति सभी 'नागा' शब्द के तहत जुड़े हुए हैं, लेकिन प्रत्येक जनजाति की अपनी अनूठी
संस्कृति, कपड़े, भोजन की आदतें, त्योहार, नृत्य रूप, भाषा आदि हैं। नागा लोग साथ मिल कर रहने वाले लोग
नहीं हैं। ये विभिन्न भाषाएँ बोलते हैं। ये परिधान तथा अन्य सांस्कृतिक विशेषताओं और शारीरिक संरचना में
भी एक-दूसरे से बहुत भिन्न हैं। एक जनजाति और दूसरी जनजाति के बीच और एक ही जनजाति के विभिन्न
लोगों के बीच विशेषताओं में अत्यधिक अंतर है।
भारत में किसी भी अन्य जातीय समूह या राज्यों की तुलना में नागाओं की भाषा में विविधता अधिक है
हालाँकि, उनके द्वारा बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं के बीच कई समानताएँ हैं। 1967 में, नागालैंड
विधानसभा ने अंग्रेजी को नागालैंड की आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित किया और यह नागालैंड में शिक्षा
का माध्यम है। अंग्रेजी के अलावा, नागामी, असमिया भाषा का एक क्रियोल भाषा (creole language) रूप है, जो
व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। हालाँकि, नागालैंड में अंग्रेजी प्रमुख बोली जाने वाली और लिखित
भाषा है।
नागा लोगों को रंग पसंद हैं। कपड़ों के पैटर्न प्रत्येक समूह के लिए पारंपरिक होते हैं, और महिलाओं द्वारा बुने
जाते हैं। वे कांच, खोल, पत्थर, दांत, पंजे, सींग, धातु, हड्डी, लकड़ी, बीज, बाल और फाइबर सहित सामग्री की एक
विस्तृत श्रृंखला के साथ-साथ विविधता, प्रचुरता और जटिलता का उपयोग करते हैं। नागा व्यंजनों में स्मोक्ड
(smoked) और किण्वित (fermented) खाद्य पदार्थ होते हैं।
नागालैंड में जीवन पूरे वर्ष त्योहारों से भरा रहता है चूंकि सभी जनजातियों के अपने त्योहार हैं, जिनका वे बहुत
आनंद उठाते हैं। ये अपने त्योहारों को पवित्र मानते हैं और इनमें भाग लेना अनिवार्य होता है। ये अपने विशिष्ट
मौसमी त्योहार तड़क-भड़क, रंगों, संगीत तथा धूमधाम से मनाते हैं।इनमें से अधिकतर त्योहार कृषि पर
आधारित हैं, जो अभी भी नागा समाज का प्रमुख कार्य है। हालांकि इनमे कुछ धार्मिक और आध्यात्मिक
भावनाएँ तथा प्रथायें भी परस्पर घुली-मिली हुई हैं। पूरे वर्ष नागालैंड के लोग त्योहार मनाते हैं। वे जनवरी में
चखेसंग सुकृन्ये त्योहार से शुरुआत करते हैं, जिसके बाद फरवरी में कुकी मिमकूट, अंगमी सेक्रेनयी मनाया जाता
है।अप्रैल का महीना पहले सप्ताह में कोनयक आओलिंग और फोम मोनयू त्योहारों के साथ शुरू होता है। आओ
मोतसू और खियाम्निउंगन मिउ मई में मनाए जाते हैं, सुमी तुलूनी और चांग न्कन्युलूम त्योहार जुलाई के माह
में मनाए जाते हैं। अगस्त और सितंबर माह में यीम्चूंगर मेटेम्नेओ और संगतम मोङ्ग्मोंग त्योहार मनाए जाते
हैं। नवंबर माह में लोथा तोखू एमोङ्ग और रेंगमा नगाड़ा त्योहार मनाए जाते हैं। अंतिम महीने में जेलिंग ङ्गा-
ङ्गई त्योहार पूरे उल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है और इस त्योहार के साथ वर्ष समाप्त होता है और
अगला वर्ष शुरू होता है।
संगीत और नृत्य नागा संस्कृति में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। कोई भी पारंपरिक कार्यक्रम नहीं है जिसमें
पारंपरिक लोक गीत या नृत् य न हो। लोक गीत और नृत्य पारंपरिक नागा संस्कृति के आवश्यक तत्व हैं। यहाँ
लोक कथाओं और गीतों के माध्यम से मौखिक परंपरा को जीवित रखा जाता है। नागा लोक गीत ऐतिहासिक
घटनाओं की पूरी कहानियों को बयां करने वाले गीत हैं। मौसमी गीत एक विशेष कृषि चक्र में की गई
गतिविधियों का वर्णन करते हैं। कुछ प्रमुख लोक नृत्य निम्न हैं-
चांगसांग (चांग) (CHANGSANG (CHANG): चांगसांग नृत्य एक पारंपरिक लोक नृत्य है जो नागालैंड की चांग
नागा जनजाति द्वारा जुलाई के महीने में नक्युलुम (Naknyulüm) उत्सव के दौरान किया जाता है। चांगसांग
नृत्य मानव जाति और पृथ्वी के जन्म स्थान की स्तुति में किया जाता है।
चांग लो / सुआ लुआ (चांग) (CHANG LO / SUA LUA (CHANG)): चांग लो नृत्य जिसे 'सुआ लुआ' के नाम से
भी जाना जाता है, नागालैंड की चांग नागा जनजाति का एक पारंपरिक लोक नृत्य है। चंग लो नृत्य पारंपरिक
रूप से एक दुश्मन पर जीत का जश्न मनाने के लिए किया जाता है।
मोन्यू आशो (फोम) (MONYU ASHO (PHOM ) मोन्यू अशो एक पारंपरिक लोक नृत्य है जो फोम नागाओं
द्वारा फोम मोनयू (Phom Monyu) उत्सव के दौरान किया जाता है जो कि फोम नागा जनजाति का सबसे बड़ा
त्योहार है। यह अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। यह सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है।
मेलो फिता (अंगामी) (MELO PHITA (ANGAMI): मेलो फ़िटा एक पारंपरिक लोक नृत्य है जो अंगामी नागाओं
द्वारा फरवरी के महीने में सेक्रेन्यि (Sekrenyi) उत्सव के दौरान किया जाता है। यह युवा लोगों के वयस्कता
की शुरुआत का भी प्रतीक है।
उडोहो (अंगामी) (UDOHO (ANGAMI): उडोहो नृत्य अंगामी नागा जनजाति का एक पारंपरिक युद्ध नृत्य है।
उडोहो का शाब्दिक अर्थ है भाला पकड़ना और शत्रु पर चिल्लाना है। इसमें गांव में योद्धा की स्थिति को दर्शाया
गया है।
अंगुशु किघिल्हे (सुमी) (ANGUSHU KIGHILHE (SUMI ):अंगुशु किघिल्हे नृत्य सुमी जनजाति के पुरुषों द्वारा
किया जाने वाला एक पारंपरिक युद्ध नृत्य है।
रुक्यो शारू (लोथा) (RUKHYO SHARU (LOTHA ): रुख्यो शारू लोथा नागा जनजाति द्वारा किया जाने वाला
पारंपरिक लोक नृत्य है।
लंगन्यू-खियामत्संगशे (खियामनियुंगन) (LANGNYU-KHIAMTSANGSHE (KHIAMNIUNGAN): 'लंगन्यु-
खियामत्सांगशे' नृत्य एक पारंपरिक लोक नृत्य है जो नागालैंड के खियामनिउंगन नागा जनजाति द्वारा उनके दो
सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों यानी मिउ और त्सोकुम (Miu and Tsokum) के दौरान किया जाता है।
अकोक-खी (संगतम) (AKOK-KHI (SANGTAM): अकोक-खी मोंगमोंग (Mongmong) उत्सव के दौरान
संगतमजनजाति द्वारा किया जाने वाला एक नृत्य रूप है।
खुपीलिली (पोचुरी) (KHUPIELILIE (POCHURY): खुपीलिली नृत्य नागालैंड की पोचुरी नागा जनजाति की
महिलाओं द्वारा किया जाने वाला एक पारंपरिक लोक नृत्य है। यह नृत्य हर साल फरवरी के महीने में पोचुरी
जनजाति के नाजू (Nazu) उत्सव का एक अभिन्न अंग है।
कुकुयिपेटो (चाकेसांग) (KUKUYIPHETO(CHAKESANG ): कुकुयिफेटो नृत्य चाकेसांग नागाओं द्वारा किया जाने
वाला एक पारंपरिक लोक नृत्य है। यह नृत्य एक भव्य दावत के दौरान किया जाता है जिसे 'फीस्ट ऑफ मेरिट'
(‘Feast of Merit) के रूप में जाना जाता है।
कुलु-त्सेन (यिमखिउंग) (KULU-TSEN (YIMKHIUNG): 'कुलु-त्सेन' यिमखिउंग जनजाति के एक पारंपरिक नागा
लोक नृत्य का नाम है। यह एक विजय नृत्य है।
नोकिनकेटर त्सुंगसांग (आओ) (NOKINKETER TSUNGSANG (AO): नोकिंटेकर त्सुंगसांग नृत्य आओ नागा
जनजाति का एक नागा पारंपरिक नृत्य है।
बटरफ्लाई डांस (ज़ेलियानग्रोंग) (BUTTERFLY DANCE (ZELIANGRONG): बटरफ्लाई डांस जेलियांग्रोंग जनजाति
से जुड़ा है।
बैमैजई (कचरी) (BAIMAIJAI (KACHARI): बैमैजई नृत्य दीमसा कचरी का एक पारंपरिक लोक नृत्य है। नृत्य
युवा लड़कियों या महिलाओं द्वारा प्लेट या डिश ( Dish) के साथ किया जाता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3HUI1pb
https://bit.ly/3HTaBr7
https://bit.ly/3I239tN
https://bit.ly/3HTQV6m
चित्र संदर्भ
1. नागालैंड में नागा लोगों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. हॉर्नबिल महोत्सव, कोहिमा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. त्योहार के दौरान पारंपरिक पोशाक में तस्वीर खिंचवाते जोड़े को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. हॉर्नबिल फेस्टिवल ग्राउंड में पारंपरिक नृत्य करती नागा जनजाति को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.