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कोविड सहित मंकीपॉक्स रोग के दोहरे बोझ से बचने के लिए जरूरी उपाय करना आवश्यक है

जौनपुर

 29-06-2022 09:22 AM
कोशिका के आधार पर

हाल ही में चर्चा में रहे मंकीपॉक्स विषाणु ने पूरे विश्व को एक नई महामारी के आने का आभास दिया है। विश्व भर में कई राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंकीपॉक्स (Monkeypox - जो एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है) के मामलों की पुष्टि की है। वहीं हाल ही में किये गए एक सत्र में, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि आने वाले समय में विश्व भर में मंकीपॉक्स के मामलों में वृद्धि होने की आशंका बनी हुई है।
हालांकि पिछले पांच दशकों में, ऐसा माना गया है कि अफ्रीका (Africa) के बाहर अधिकांश देशों में मंकीपॉक्स के मामले उन्हीं लोगों में देखे गए हैं जिन्होंने या तो अफ्रीका की यात्रा की थी या अफ्रीका की यात्रा करने वाले व्यक्ति के संपर्क में आए थे। लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि 42 से अधिक देशों में अब 2,100 से अधिक मामले पाए गए हैं, और जिनमें से अधिकांश मामलों का अफ्रीका से कोई संबंध नहीं है। साथ ही ऐसा पहली बार हुआ है कि यह प्रकोप मध्य और पश्चिम अफ्रीका (Africa) के बाहर व्यापक रूप से फैल चुका है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क में आने से फैलता है। मंकीपॉक्स एक विषाणु संबंधी संक्रमण है, जो बुखार और अन्य गैर-विशिष्ट लक्षणों के संपर्क में आने के एक या दो सप्ताह बाद उत्पन्न होता है, और फिर चहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने उत्पन्न हो जाते हैं, जो आमतौर पर कुछ हफ्तों तक रहते हैं। मंकीपॉक्स विषाणु ऑर्थोपॉक्सवायरस (Orthopoxvirus) वंश से संबंधित विषाणु है, इसी ऑर्थोपॉक्सवायरस वंश से वेरियोला (Variola - जो चेचक रोग का कारण है) विषाणु भी संबंधित है।
हालांकि अब तक इस मंकीपॉक्स विषाणु के दो अलग-अलग आनुवंशिक समूहों की पहचान की जा चुकी है, कांगो बेसिन (Congo Basin) वंश और पश्चिम अफ्रीकी क्लैड (African clade) वंश। मनुष्यों में इन दो प्रकारों में से, पश्चिम अफ्रीकी प्रकार मध्य अफ्रीकी (कांगो बेसिन) प्रकार की तुलना में कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है। साथ ही वर्तमान प्रकोप से पहले के संक्रमणों में, ज्ञात संक्रमण वाले 1-3% लोगों की मृत्यु (बिना उपचार के) को दर्ज किया गया है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में रोग की स्थिति के गंभीर होने की अधिक संभावना होती है। हालांकि इसका कोई ज्ञात उपचार उपलब्ध नहीं है।
लेकिन वर्षों से, चेचक के टीकों का परीक्षण किया गया है और यह मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी भी पाया गया है।चेचक के टीके को संक्रमण को रोकने और रोग की गंभीरता को कम करने में लगभग 85% सुरक्षात्मक पाया गया है। परंतु चिंता का कारण यह है कि चेचक के टीकों का उपयोग दशकों पहले बंद कर दिया गया था और अब बहुत कम देशों में राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से ज्यादातर भंडार किए जाते हैं।
हालांकि अभी संशोधित टीके अंकारा (Ankara) पर आधारित एक नए चेचक और मंकीपॉक्स के टीके को मंजूरी दी गई है, लेकिन ये भी सीमित उपलब्धता के साथ।अन्य उपायों में नियमित रूप से हाथ धोना और बीमार लोगों और अन्य जानवरों के संपर्क में आने से बचना शामिल है।प्रकोप के दौरान एंटीवायरल (Antiviral) दवाएं, सिडोफोविर (Cidofovir) और टेकोविरिमैट (Tecovirimat), वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन (VacciniaImmune Globulin) और चेचक के टीके का उपयोग किया जा सकता है। वहीं मंकीपॉक्स के खिलाफ 'रिंग टीकाकरण' नामक उपाय को भी प्रभावी बताया गया है। इसमें संदिग्ध या पुष्ट मामले के सभी करीबी संपर्कों को टीकाकरण दिया जाता है।यह अनियंत्रित रूप से फैलने से पहले विषाणु को नियंत्रित करने में मदद करेगा। वहीं 2022 के प्रकोप से पहले, यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) ने मंकीपॉक्स के केवल सात मामले दर्ज किए थे, जिनमें से सभी अफ्रीका से आयातित मामले थे या उनके इलाज में शामिल स्वास्थ्य कार्यकर्ता थे। इस तरह के पहले तीन मामले 2018 में थे, उसके बाद 2019 में एक और मामला और 2021 में तीन और मामले सामने आए। 2022 से पहले एक पश्चिमी देश में दर्ज किया जाने वाला एकमात्र प्रमुख मंकीपॉक्स का प्रकोप संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) में 2003 का मिडवेस्ट मंकीपॉक्स (Midwest monkeypox) का प्रकोप था।
हालांकि उसमें सामुदायिक प्रसारण जैसी स्थिति को नहीं देखा गया था। वहीं पश्चिम अफ़्रीकी क्लैड के प्रकोप में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1% की मृत्यु दर दर्ज की गई है। अफ्रीका के बाहर देशों में पहले के मंकीपॉक्स के प्रकोप की तुलना में 2022 के प्रकोप के प्रसार का एक अलग स्वरूप नजर आ रहा है। इस प्रकोप में देखे गए मानव-से-मानव संचरण की असामान्य रूप से उच्च आवृत्ति को देखते हुए, और स्थानिक क्षेत्रों की यात्रा के इतिहास के बिना संभावित सामुदायिक संचरण,निकट संपर्क के माध्यम से वायरस के फैलने की अधिक संभावना है, और यौन गतिविधियों के दौरान संक्रमण के फैलना सबसे आम क्रम लग रहा है। साथ ही अधिकांश मामले पुरुषों में देखे गए हैं।
इस वर्ष की शुरुआत से लेकर 18 जून तक 42 देशों में इस बीमारी के 2,103 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विषाणु के इस त्वरित प्रसार को "असामान्य" बताया है।पिछले दो महीनों में कई देशों में अप्रत्याशित रूप से मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं, यहां तक कि स्थानिक देशों से सीधे संपर्क के अभाव में भी। यदि इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो इसके मामलों में अधिक वृद्धि होने की संभावना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस विषाणु से निपटने के प्रयासों के समन्वय के लिए स्थानिक और गैर-स्थानिक देशों के बीच के अंतर को समाप्त कर दिया है।भले ही भारत ने अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है, लेकिन देश में हर दिन कोविड -19 के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए दोहरे बोझ से बचने के लिए जरूरी उपाय करना आवश्यक है। यह समझना बहुत जरूरी है कि किसी भी संक्रमण, विशेष रूप से श्वसन मार्ग का उपयोग करके प्रसारित होने वाले विषाणु में एक बड़ी आबादी को संक्रमित करने की क्षमता होती है। इसलिए स्वास्थ्य कर्मियों और आम जनता को विषाणु के बारे में व्यापक रूप से जानकारी उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है। संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने में सूचना और शिक्षा अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही हमारे बड़े टीका निर्माण आधार का लाभ उठाते हुए, भारत को चेचक के टीके का निर्माण करना शुरू कर देना चाहिए, जब तक मंकीपॉक्स के टीके प्राप्त नहीं हो जाते। हमें रिंग टीकाकरण के लिए इन खुराकों का उपयोग करने के लिए भी खुद को तैयार करना चाहिए। रोग के नैदानिक चरणों की शुरुआत में, चेचक के टीके का उपयोग उपचार के लिए किया जा सकता है। हमें रोग का निदान करने और मामलों के फैलने से पहले उनका पता लगाने के लिए अपनी परीक्षण क्षमता में भी सुधार करना चाहिए।
हालांकि कोविड -19 महामारी के कारण हुई तबाही के बाद, विश्व भर के अधिकारी संभावित घातक संक्रमणों की लगातार तलाश कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में मामलों के अचानक फैलने के पीछे के कारण को जानने की कोशिश की जा रही है। साथ ही ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि चेचक के टीके के सफल उन्मूलन के बाद टीका लगाना बंद कर दिया गया था, जिस वजह से समय के साथ टीके की प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई, और विषाणु के उत्परिवर्तित होने की संभावना अधिक बढ़ गई और अब यह पहले की तुलना में अधिक संचरित हो रहे हैं, हालांकि, अभी तक इस रोग के फैलने का एक सटीक प्रमाण तो सामने नहीं आया है, लेकिन हम सभी इस से बचने के लिए हाथों को धोते रहें और लोगों से उचित दूरी बनाए रखें।

संदर्भ :-

https://bit.ly/3OEIazb
https://bit.ly/3QK9nCy
https://bit.ly/3xT8Y87

चित्र संदर्भ
1. मंकीपॉक्स रोग के लक्षण, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. मंकीपॉक्स वाइरस को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. एशिया में 2022 में फैले मंकीपॉक्स के प्रकोप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. मंकीपॉक्स नमूने को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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