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क्या वास्तव में फ्रोज़न खाद्य पदार्थ की बढ़ती लोकप्रियता ने बदल दिया है भारतीय खाद्य उद्योग को?

जौनपुर

 24-06-2022 09:52 AM
स्वाद- खाद्य का इतिहास

आज की रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में, लोग हर गुजरते दिन के साथ व्यस्त होते जा रहे हैं और काम व् निजी जीवन में संतुलन बनाना एक ऐसा कौशल बन गया है, जिसमें हर कोई महारत हासिल करने का प्रयास कर रहा है।इस परिदृश्य में, एक मास्टर कुंजी जो सभी घरों में मुस्कान ला रही है, वह है फ्रोज़न खाद्य पदार्थ (Frozen Foods),जो न केवल पकाने के लिए सुविधाजनक होते हैं, बल्कि समान रूप से स्वस्थ और स्वादिष्ट भी होते हैं। हालांकि कुछ साल पहले तक,यह अवधारणा भारत में अकल्पनीय और एक विदेशी धारणा थी।लेकिन अब फ्रोज़न और खाने के लिए तैयार भोजन की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के कारण भारत में खाद्य बाजार प्रभावी रूप से बदल रहा है। एक समय था जब जमे हुए खाद्य पदार्थ में केवल आइसक्रीम (Ice Cream) या कुछ आयातित फ्रोज़न फलों (जिन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा भारतीय बाजार में आपूर्ति की जाती थी) की ही मांग को देखा जाता था,लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह नाटकीय रूप से बदल गया है क्योंकि हम भारतीय उपभोक्ताओं के बीच इसकी नाटकीय रूप से वृद्धि और लोकप्रियता को देखा गया है। विश्लेषकों और शोध के अनुसार, फ्रोज़न खाद्य व्यंजनों का बाजार 2020 में 99 अरब रुपये था और 2025 तक यह बाजार 18.17 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से 225.00 अरब रुपये तक बढ़ने का अनुमान है। इस वृद्धि के पीछे का मुख्य कारण सुविधा और जीवन की गति की इच्छा ने अर्ध-शहरी और शहरी आबादी को अपनी बढ़ती सुलभ आय, समय की कमी, और घर से प्रत्येक सदस्य के काम में चले जाना है।
फ्रोज़न खाद्य पदार्थों की वृद्धि और लोकप्रियता में योगदान देने वाला एक अन्य कारक ऑनलाइन (Online) या ऑफलाइन (Offline)प्रणाली के माध्यम से उन्हें आसानी से प्राप्त करना है। ऊपर सूचीबद्ध कारकों के अलावा, कई अन्य कारक इनकी वृद्धि में योगदान दे रहे हैं। फ्रोज़न उत्पादों का उपयोग कुछ ही मिनटों में स्वादिष्ट भोजन बनाने के लिए किया जा सकता है। नई चीजों को बनाने के लिए उत्प्रेरित युवा के लिए जमा हुआ भोजन कई स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों को पकाने में सहायक साबित होता है।
वहीं महामारी के समय भी, जमे हुए खाद्य पदार्थ अपनी सुविधा और सामर्थ्य के कारण लोगों के बीच लोकप्रिय बने हुए थे। लोगों द्वारा अक्सर बार-बार विक्रेताओं पर जाने के बजाय फ्रोज़न भोजन का भंडारण करना पसंद करते थे। मीटिंगटन (Meatington) द्वारा जमे हुए भोजन का सबसे अधिक विकल्प प्रदान किए जाते हैं।इन उत्पादों की लोकप्रियता और वृद्धि के परिणामस्वरूप, ये उत्कृष्ट स्वाद, विविधता और श्रेणी के साथ बड़ी विविधता में उपलब्ध हैं। वहीं जमे हुए उत्पादों को किसी भी अतिरिक्त परिरक्षकों की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि व्यंजनों में सूक्ष्मजीव तब नहीं बढ़ते जब भोजन का तापमान -9.5 डिग्री सेल्सियस (15 डिग्री फारेनहाइट) से नीचे होता है, जो भोजन को खराब होने से बचाने के लिए काफी होता है। हालांकि भोजन के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए और भी कम तापमान पर खाद्य भंडारण की आवश्यकता हो सकती है। वहीं जमे हुए भोजन में कार्बोक्सिमिथाइलसेलुलोज (Carboxymethylcellulose - एक बेस्वाद और गंधहीन स्थिरक), को आमतौर पर डाला जाता है, क्योंकि यह उत्पाद की गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करता है।
साथ ही ठंड के मौसम में लोगों द्वारा सदियों से प्राकृतिक खाद्य ठंडक का उपयोग किया जाता रहा है। 1861 में सिडनी (Sydney), ऑस्ट्रेलिया (Australia) में डार्लिंग हार्बर (Darling Harbour) में थॉमस सटक्लिफ मोर्ट (Thomas Sutcliffe Mort) की स्थापना की गई थी, जो दुनिया का पहला जमाने वाला काम था, जो बाद में न्यू साउथ वेल्स फ्रेश फूड एंड आइस कंपनी (New South Wales Fresh Food and Ice Company) बन गया। मोर्ट द्वारा यूजीन डोमिनिक निकोल (Eugene Dominic Nicolle -एक फ्रांसीसी मूल के इंजीनियर (Engineer) जो 1853 में सिडनी पहुंचे थे और 1861 में अपना पहला बर्फ बनाने का पेटेंट (Patent) पंजीकृत किया था) के प्रयोगों को वित्तपोषित किया गया था।लंदन (London) में फ्रोज़न मांस के पहले परीक्षण का पोत लदान 1868 में हुआ था। साथ ही 1885 तक सर्दियों का उपयोग करके कम संख्या में मुर्गियों और गीज़ (Geese) को रूस से लंदन में विद्युत-रोधित तरीके से भेजा जा रहा था। साथ ही जमे हुए खाद्य पदार्थ की तरह ही खाने को जमाने की तकनीक तेजी से, अधिक कुशल और अधिक लागत प्रभावी बनने के लिए विकसित हो रही है। जैसा कि बर्डी (Birdeye) के काम से प्रदर्शित होता है, तेजी से जमने का अर्थ है बर्फ के छोटे मणिभ और एक बेहतर संरक्षित उत्पाद।तरल नाइट्रोजन में विसर्जन का उपयोग करते हुए बर्डी के मूल क्रायोजेनिकफ्रीजिंग (Cryogenic freezing) प्रस्ताव का अभी भी उपयोग किया जाता है।हालांकि, इसकी लागत के कारण, उपयोग मछली, समुद्री भोजन, फल और जामुन (Berries) तक सीमित है। अधिकांश जमे हुए भोजन को सामान्य फ्रीजर के समान वाष्प-संपीड़न प्रशीतन तकनीक का उपयोग करके यांत्रिक प्रक्रिया का उपयोग करके जमाया जाता है।
जमाना खाद्य संरक्षण का एक प्रभावी रूप है क्योंकि भोजन को खराब करने वाले रोगजनक मर जाते हैं या कम तापमान पर बहुत तेजी से नहीं बढ़ते हैं। वहीं उबालने जैसी ऊष्मीय तकनीकों की तुलना में खाद्य संरक्षण में प्रक्रिया कम प्रभावी है, क्योंकि रोगजनकों के गर्म तापमान के बजाय ठंडे तापमान से बचने में सक्षम होने की अधिक संभावना होती है। खाद्य संरक्षण की एक विधि के रूप में फ्रीजिंग के उपयोग के आसपास की समस्याओं में से एक यह खतरा है कि इस प्रक्रिया से निष्क्रिय हुए रोगजनक (लेकिन मारे नहीं गए) एक बार फिर से सक्रिय हो सकते हैं और इससे जमे हुए भोजन के खराब होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।खाद्य पदार्थों को जमाने से कई महीनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। लंबे समय तक जमे हुए भंडारण के लिए -18 डिग्री सेल्सियस (0 डिग्री फारेनहाइट) या उससे कम के निरंतर तापमान की आवश्यकता होती है। इन जमे हुए खाद्य पदार्थों को पकाने से पहले पिघलाने की आवश्यकता होती है। अधिमानतः, कुछ जमे हुए मांस के सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए उसे पकाने से पूर्व पिघलाने की आवश्यकता होती है और फिर उन्हें अच्छे से पकाया जाता है। आदर्श रूप से, अधिकांश जमे हुए खाद्य पदार्थों को रोगजनकों के विकास से बचने के लिए रेफ्रिजरेटर में पिघलाया जाना चाहिए। हालाँकि, इसके लिए काफी समय की आवश्यकता हो सकती है।समय की कमी या अज्ञानता के कारण लोग कभी-कभी कमरे के तापमान पर जमे हुए खाद्य पदार्थों को पिघला देते हैं। इस तरह के खाद्य पदार्थों का पकाने के तुरंत बाद सेवन किया जाना चाहिए और कभी भी दुबारा जमाना नहीं चाहिए या फ्रिज में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि दुबारा जमाने की प्रक्रिया द्वारा रोगजनकों को नहीं मारा जाता है।

संदर्भ :-

https://bit.ly/3bcHW3X
https://bit.ly/3b7ELKQ

चित्र संदर्भ
1. जमे हुए भोजन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. फ्रोज़न खाद्य स्टोर को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. फ्रोज़न सब्जियों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. खाद्य पदार्थों की फ्रोजेन प्रक्रिया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. अजीनोमोटो फ्रोजन फूड्स संग्रह को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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