किसानों के लिए खेती का एक बेहतर विकल्‍प हैं मिट्टी के केकड़े

समुद्री संसाधन
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किसानों के लिए खेती का एक बेहतर विकल्‍प हैं मिट्टी के केकड़े

भारत में समुद्री मत्स्य पालन में केकड़े एक महत्वपूर्ण संसाधन की भूमिका निभाते हैं और 1975- 2020 के दौरान इन्‍होंने कुल क्रस्टेशियन लैंडिंग (crustacean landings) में औसतन 9.6% का योगदान दिया। गुजरात ने भारत में कुल केकड़ा लैंडिंग में 25.7% का योगदान दिया, जनवरी से मार्च केकड़ों की लैंडिंग के लिए सबसे अधिक उत्पादक अवधि है, और 2018-2020 के दौरान वार्षिक केकड़ा लैंडिंग में 37.8% से 47.8% का योगदान दिया। मत्स्य पालन की समग्र प्रवृत्ति ने राष्ट्रीय स्तर पर वृद्धि का संकेत दिया, 2018 के दौरान 57354 टन की अधिकतम लैंडिंग और 1978 के दौरान 14202 टन का सबसे कम रिकॉर्ड दर्ज किया गया। 2007-2020 के दौरान मत्स्य पालन में तीन पोर्टुनिड (portunid) केकड़ों: पोर्टुनस सेंगिनोलेंटस (Portunus sanguinolentus), पोर्टुनस पेलाजिकस (Portunus pelagicus) और चारीबडिस फेरियाटा (Charybdis feriata) के साथ अनुमानित लैंडिंग का अधिकतम हिस्‍सा (59%) तमिलनाडु और गुजरात से था। मड क्रैब (mud crab) या मिट्टी के केंकड़े अपनी घरेलू और निर्यात बाजार में बड़ती मांग के कारण बहुत लोकप्रिय बन रहे हैं। यह व्‍यवसाय भारत और उसके पड़ोसी देशों के तटीय क्षेत्रों में बहुत तेजी से विकसित हो रहा है। अधिकांश एशियाई देशों में यह बहुत तेजी से विकसित हो रहे हैं। भारत में केरल, तमिलनाडु, प. बं., कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्‍ट्र, गोवा, ओडिशा में इनकी खेती की जाती है। मिट्टी के केंकड़े दुनिया के अधिकांश क्षेत्रों में पाए जाने वाले केकड़े की आर्थिक रूप से महत्‍वपूर्ण प्रजाति है। इस केकड़े के खोल का रंग गहरा, धब्‍बेदार हरा या गहरे भूरे रंग का होता है। मिट्टी के केंकड़े की खेती को एक महत्‍वपूर्ण माध्‍यमिक फसल के रूप में माना जाता है। स्काइला सेराटा (Scylla Serrata) और स्काईला ट्रैंक्यूबेरिका (scylla tranquebarica)केकड़ों की एक प्रकार की खाद्य प्रजातियां हैं। मिट्टी के केकड़े या हरे केकड़ों का सामान्‍य नाम स्‍काइला सेराटा है। इसके मांस की गुणवत्‍ता, आकार, उच्‍च कीमत और निर्यात मांग के कारण किसान इस प्रजाति के प्रति रूचि दिखा रहे हैं। भारत के अलग अलग राज्‍यों में मिट्टी के केकड़े को अलग अलग नामों से पुकारा जाता है।आमतौर पर मिट्टी के केकड़े बहुत बड़े आकार के लगभग 22 से 24 सेमी तक बढ़ते हैं और लगभग 2 से 2.5 किलोग्राम वजन के होते हैं। मादा केकड़े साइला ट्रेंक्‍यूबेरिका लगभग 12 से 13 सेमी और स्‍काइला सेराटा प्रजातियों लगभग 9 सेमी के आकार में यौन परिपक्‍वता प्राप्‍त कर लेती हैं।
केकड़े का जीवनकाल प्रजातियों पर निर्भर करता है।
नीले केकड़े का जीवन काल: 1 से 8 वर्ष
हर्मिट (Hermit) केकड़े का जीवन काल: 30 से 70 वर्ष
डेन्‍जनेस (Dungeness) केकड़ा का जीवन काल: 10 साल तक
होर्सशू (Horseshoe) केकड़े का जीवन काल: 20 साल
व्‍यवसायिक रूप से मुख्‍यत: दो प्रकार के केकड़ों की खेती की जाती है: हरे मिट्टी के केकड़े: इस प्रकार का केकड़ा बड़ी प्रजातियों के अंतर्गत आता है और अधिकतम आकार 21 से 22 सेमी चौड़ाई और 2.5 किलोग्राम वजन में बढ़ता है। इन प्रजातियों को बहुभुज चिन्‍हों द्वारा प्रतिष्ठित किया जाता है। लाल पंजे वाले केकड़े: यह केकड़े छोटी प्रजातियों के अंतर्गत आते हैं और इनका अधिकतम आकार 12.8 सेमी चौड़ा और 1.3 वजन में बढ़ता है। दोनों में ही अच्‍छा मुनाफा होता है क्‍योंकि अंतराष्‍ट्रीय और घरेलू बाजार में इनकी उत्‍कृष्‍ट मांग है।
मुख्‍यत: दो प्रकार से केकड़ों की खेती की जाती है:
• ग्रो आउट सिस्टम (Grow out System) (तालाब में): इस कृषि पद्धति में, युवा केकड़ों को 6 महीने तक पाला जाता है जब तक कि वे विपणन के आकार और वजन तक नहीं पहुंच जाते। इस प्रकार की केकड़ा खेती प्रणाली आम तौर पर तालाब में की जाती है।
• मेद प्रणाली (Fattening System):पॉन्ड फैटिंग सिस्टम (Pond Fattening System): मिट्टी के केकड़े को विकसित करने के लिए 0.025 से 0.2 हेक्टेयर पर फैले तलाब का चयन किया जाता है। उपयुक्त तालाब की गहराई लगभग 1.5 मीटर होती है।
• मिट्टी की गुणवत्ता : केकड़े की मोटाई के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी रेतीली मिट्टी है। रेतीले तल खोदने की प्रक्रिया को हतोत्साहित करते हैं।
• पानी की गुणवत्ता: पानी की गुणवत्ता एक अन्य प्रमुख कारक है जो इन केकड़ों की खेती को प्रभावित करती है।
• मिट्टी के केकड़े की खेती में तालाब निर्माण और प्रबंधन: उच्च पैदावार प्राप्त करने के लिए तालाब की तैयारी केकड़े की खेती में प्रमुख भूमिका निभाती है। जब तालाब के चयन और निर्माण की बात आती है, तो 0.025 से 0.1 हेक्टेयर तक के छोटे ज्वारीय तालाबों का उपयोग किया जाता है जिसमें पानी की गहराई लगभग 0.5 मीटर से 1 मीटर तक होती है। मिट्टी के केकड़े का विकास आमतौर पर तालाबों, बाड़ों या पिंजरों मेंकिया जाता है। मिट्टी के केकड़े की खेती के लिए तालाब के निर्माण में उचित देखभाल करनी चाहिए। तालाब का तल रेतीला होना चाहिए ताकि किसी भी तरह की खुदाई को रोका जा सके। चूंकि केकड़े मेढ़ों में दबकर भाग जाते हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि मेड़ों के शीर्ष पर कम से कम 1 मीटर की चौड़ाई हो। इस जोखिम के अलावा, वे बांधों पर भी चढ़ जाते हैं, जिन्हें बांधों पर ओवरहैंगिंग (overhanging) बाड़ लगाकर रोका जा सकता है। ज्वार के पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए स्लुइस गेट (sluice gate) का उपयोग किया जाना चाहिए। केकड़ों के पलायन को रोकने के लिए स्लुइस गेटों को बांस के पर्दे से सुसज्जित किया जाना चाहिए। पानी निकाल दें और सुनिश्चित करें कि तालाब में चूना डालने से पहले यह पूरी तरह से सूख गया है। यह रोगजनकों को रोकने में मदद करता है जो केकड़ों के लिए हानिकारक होते हैं। उच्च ज्वार या समुद्र के पानी का उपयोग करके तालाब को हमेशा 1.5 मीटर की अधिकतम ऊंचाई के साथ बनाए रखा जाना चाहिए। केकड़े की खेती में स्टॉकिंग (Stocking ):जब तालाब में स्टॉकिंग की बात आती है, तो बेहतर उपज के लिए केकड़ों की मोनो-कल्चर (mono-culture) को प्राथमिकता दी जाती है। आम तौर पर, 9 सेमी से अधिक चौड़ाई वाले नरम-खोल वाले केकड़ों या 575 ग्राम से अधिक वजन वाले केकड़ों को स्टॉक किया जाना चाहिए। पसंदीदा स्टॉकिंग घनत्व लगभग 1 से 3 केकड़े प्रति वर्ग मीटर पर होने चाहिए है। नरभक्षण और मृत्यु दर को रोकने के लिए समान आकार के केकड़ों का प्रयोग करें और तालाब में इकाइयाँ या डिब्बे बनाएँ। नर केकड़ों और मादा केकड़ों को भी अलग-अलग स्टॉक किया जा सकता है। तालाब में स्टोकिंग के लिए प्रमाणित हैचरी या नर्सरी से नरम-खोल वाले केकड़ों को प्राप्त करने की सलाह दी जाती है।
• केकड़ों को खोल के सख्त होने के बाद और अगले खोल बदलने से पहले बाजार में उतार देना चाहिए।
• केकड़ों को पकड़ने के लिए स्कूप नेट (Scoop nets) का उपयोग किया जा सकता है। यहां तक कि हाथ उठाकर भी काम चल सकता है।
• किसी भी गंदगी को हटाने के लिए केकड़ों को धो लें हां ध्‍यान रहे इनके पैरों को कोई नुकसान न पहुंचे।
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में जिंदा केकड़ों के निर्यात की अच्छी मांग है। निर्यात जानकारी के लिए बीज खाद्य कंपनियों या एजेंटों से संपर्क करें। भारत के बाजार में 1 किलो जीवित केकड़े की कीमत 300 से 500 रुपये तक है।

संदर्भ:
https://bit।ly/378QMhi
https://bit।ly/3IYYKqk
https://bit।ly/375Q6ZU

चित्र संदर्भ
1. भोजन के तौर पर केकड़े को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
2. स्काइला सेराटा (Scylla Serrata) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. हरे मिट्टी के केकड़े को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. लाल पंजे वाले केकड़े को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. केकड़े की खेती को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)