City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
1272 | 90 | 1362 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हाल ही में रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) पर हमला किया
है। इस हमले के कारण रूस और यूक्रेन की आर्थिक स्थिति में जहां भारी गिरावट आई है,
वहीं बड़ी संख्या में नागरिकों और सैन्य कर्मियों की जानें भी जा रही हैं। यह युद्ध अन्य
यूक्रेन निवासियों के साथ उन भारतीय लोगों को भी प्रभावित करता है, जो यूक्रेन में रह रहे
हैं।तो आइए आज इस लेख के जरिए यूक्रेन में रहने वाले प्रवासी भारतीयों और वहां उनके
द्वारा किए जा रहे प्राथमिक व्यवसायों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
एक छोटा लेकिन जीवंत भारतीय समुदाय यूक्रेन में रहता है, जिसमें ज्यादातर व्यावसायिक
पेशेवर और छात्र शामिल हैं। भारतीय व्यावसायिक पेशेवर मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स
(pharmaceuticals), आईटी (IT), इंजीनियरिंग, चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हैं।
2001 में भारतीय प्रवासियों द्वारा स्थापित 'इंडिया क्लब' (India Club)यूक्रेन में भारतीय
प्रवासियों को सक्रिय रूप से शामिल करता है और कई तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन
करता है, जिनमें दिवाली त्योहार, क्रिकेट टूर्नामेंट, होली उत्सव, भारतीय नृत्य उत्सव, बॉलीवुड
फिल्मों की स्क्रीनिंग आदि शामिल है।
भारत के यूक्रेन के साथ व्यापक द्विपक्षीय संबंध हैं, जो सहयोग के सभी क्षेत्रों को आवरित
करते हैं।भारत यूक्रेन को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। भारत सरकार ने
दिसंबर 1991 में यूक्रेन गणराज्य को एक संप्रभु देश के रूप में मान्यता दी और जनवरी
1992 में राजनयिक संबंध स्थापित किए। कीव (Kyiv) में भारत का दूतावास मई 1992 में
खोला गया था। भारत का ओडेसा (Odessa) में एक वाणिज्य दूतावास था,जो 1962 से लेकर
मार्च 1999 तक कार्यशील था।यूक्रेन ने फरवरी 1993 में दिल्ली में अपना मिशन खोला, जो
कि एशिया (Asia) में इसका पहला मिशन था।
भारत और यूक्रेन ने विभिन्न क्षेत्रों में कई
समझौता ज्ञापनों या समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जैसे,राजनयिक संबंध, वीजा मामले,
कांसुलर (Consular) मामले, व्यापार और वाणिज्यिक मामले, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी,
रक्षा, आदि।पिछले 25 वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई
है और 2018-19 में यह लगभग 2.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। भारत एशिया-प्रशांत
(Asia-Pacific) में यूक्रेन का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है और कुल मिलाकर पांचवां सबसे बड़ा
निर्यात गंतव्य है। यूक्रेन से भारत को निर्यात की जाने वाली मुख्य वस्तुएं कृषि उत्पाद,
धातुकर्म उत्पाद, प्लास्टिक,पॉलिमरआदि से सम्बंधित हैं।जबकि फार्मास्यूटिकल्स
(pharmaceuticals), मशीनरी, रसायन, खाद्य उत्पाद, आदि यूक्रेन को प्रमुख भारतीय निर्यात
वस्तुएं हैं। रैनबैक्सी (Ranbaxy), डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज (Dr Reddy’s Laboratories), सन ग्रुप
(Sun Group) आदि जैसी कई भारतीय कंपनियों के यूक्रेन में उनके प्रतिनिधि कार्यालय मौजूद
हैं।सार्वजनिक स्तर पर यूक्रेन में भारतीय संस्कृति में बहुत रुचि है, जिसमें नृत्य, योग, दर्शन,
आयुर्वेद और आध्यात्मिकता जैसे विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।
देश भर में 30
से अधिक यूक्रेनी सांस्कृतिक संघ या समूह फैले हुए हैं, जो भारतीय कला रूपों और विशेष
रूप से भारतीय नृत्यों को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं।भारत यूक्रेन को भारतीय तकनीकी और
आर्थिक सहयोग कार्यक्रम,भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषदछात्रवृत्ति, केन्द्रीय हिंदी संस्थान
छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है।
यूक्रेन में लगभग 18,000 भारतीय छात्र मुख्य रूप से चिकित्सा के क्षेत्र में अध्ययन कर रहे
हैं। मई 1992 में भारत और यूक्रेन के बीच हस्ताक्षरित समझौते के तहत, परियोजनाओं के
कार्यान्वयन, प्रदर्शनियों के आयोजन और वैज्ञानिक अनुसंधान में सहयोग पर चर्चा करने के
लिए संयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समिति की सालाना बैठक होती है।
यह ध्यान देने योग्य है, कि जिस प्रकार से भारत और यूक्रेन के बीच विभिन्न प्रकार के
सम्बंध मौजूद हैं, ठीक उसी प्रकार से भारत और रूस के बीच मौजूद सम्बंध भी भारत के
लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।इस स्थिति में दोनों संबंधों के बीच संतुलन को बनाए रखना किसी
चुनौती से कम नहीं है।भारत और रूस के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं, और भारत निकट
भविष्य के लिए रूसी सैन्य हार्डवेयर, पार्ट्स और प्रौद्योगिकी पर निर्भर है।भारत ने रूस के
आक्रमण के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान से दूर रहने का फैसला किया
तथा स्वतंत्र और संतुलित स्थिति के लिए रूस से प्रशंसा भी प्राप्त की, लेकिन कुछ अमेरिकी
सांसद इस बात से निराश दिखे और आरोप लगाया कि भारत ने रूस के साथ अपने
रणनीतिक संबंधों को संतुलित करने की कोशिश की।भारत हथियारों की आपूर्ति, विशेष रूप से
रूस द्वारा विकसित S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए मास्को
(Moscow) पर अत्यधिक निर्भर है। इसके अलावा वह रूसी तेल, कोयला और गैस पर भी
अत्यधिक निर्भर है।विशेषज्ञों का मानना है, कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर
मतदान से दूर रहने के भारत के फैसले का मतलब रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण को
सहमति प्रदान करना नहीं है,बल्कि यह भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ संघर्ष में ऊर्जा,
हथियारों और समर्थन के लिए रूस पर भारत की निर्भरता को दर्शाता है।रूस पर पश्चिमी
देशों का दबाव इसे भारत के विरोधियों, चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) के करीब ले
जाता है, जो भारत के लिए अच्छा नहीं है।वहीं दूसरी ओर भारत के पश्चिमी देशों के साथ
सम्बंधों में भी संतुलन आवश्यक है, क्यों कि पूर्ण रूप से रूस का साथ देना भारत को
पश्चिमी राजधानियों से अलग करता है, जिसकी वजह से भारत के पश्चिमी देशों के साथ
संबंध मजबूत होने की जगह अत्यधिक खराब हो सकते हैं।स्पष्ट रूप से, संघर्ष से अपनी दूरी
के बावजूद, भारत, यूक्रेन में संघर्ष से अलग नहीं हो सकता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/35RFjC8
https://bit.ly/3CfQy3f
https://bit.ly/3sHKpd3
https://bit.ly/3MnG2vz
चित्र संदर्भ
1. विंडोज़ एज़ूर चैलेंज विजेता देशों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. भारत और यूक्रेन की भौगोलिक स्थिति को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. यूक्रेन के लुगांस्क क्षेत्र से कीव में स्थानांतरित भारतीय छात्रों को दर्शाता चित्रण (flickr)
4. S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.