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किसी भी चार्ज (Charge) करने योग्य उपकरण या इलेक्ट्रॉनिक (Electronic) की तरह इलेक्ट्रिकवाहनों और प्लग-इन हाइब्रिड (Plug-in hybrid) इलेक्ट्रिक वाहनों दोनों की बैटरी (Battery) को पूरा
चार्ज रखने के लिए ईवी(EV)चार्जर की आवश्यकता होती है। तथा कई विशेषज्ञ भारत (जहां बुनियादी
ढांचे की कमी है) जैसे देशों में चार्जिंग की समस्या को हल करने के लिए बैटरी अदला-बदली को एक
व्यवहार्य विकल्प के रूप में देखते हैं।सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Society
of Manufacturers of Electric Vehicles) के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 के दौरान भारत में 155,400 ईवी
चार्जर बेचे गए थे। इस न्यूनतम मात्रा के बावजूद, ईवीचार्जर के उपयोग में अचानक वृद्धि को
समायोजित करने के लिए पर्याप्त विश्वसनीय चार्जिंग सुविधाएं भारत में अभी उपलब्ध नहीं हैं।
प्रत्येक
ईवी को चलाने के लिए बैटरी मुख्य भूमिका निभाती है और इन बैटरियों को चार्ज करने में काफी
लंबा समय लगता है।इसलिए इलेक्ट्रिक वाहनों का समर्थन व अधिक बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट
2022-23 में ईवी चार्जिंग खंड का समर्थन करके स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए एक मजबूत
पहल का निर्माण किया है, जिसने हमें कम लागत वाली नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों के साथ ईवी को
चार्ज करने में आसानी को बढ़ावा देने के तरीकों का पुनर्मूल्यांकन करने की स्वतंत्रता दी है।इलेक्ट्रिक
वाहनों के लिए बैटरी की अदला-बदली पर नीति लाने का मुख्य उद्देश्य, यह है कि बैटरी की चार्जिंग
खत्म होने पर वाहन चालक एक चार्ज बैटरी से उसको बदल सकता है तथा उसे बैटरी चार्ज करने के
लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा, साथ ही इस योजना से 2030 तक 852 मिलियन डॉलर का व्यवसाय
होने का अनुमान लगाया गया है।भारत में ईवी चार्जिंग से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को हल करने
के लिए बैटरी की अदला-बदली को एक व्यवहार्य विकल्प माना गया है।होंडा (Honda), केटीएम (KTM),
यामाहा (Yamaha) और पियाजियो (Piaggio) ग्रुप द्वारा संयुक्त रूप से अदला-बदली वाली बैटरी
मोटरसाइकिल (Motorcycle) सहायता संघ के हालिया निर्माण से पता चलता है कि इस तकनीक ने
विश्व भर में वाहन निर्माताओं के हितों पर काफी लाभ पहुंचाया है।चिंता, आवर्ती पूंजीगत व्यय चुनौती
और ईवी के संचालन की आर्थिक व्यवहार्यता के संभावित समाधान के साथ, बैटरी अदला-बदली ईवी
ड्राइवरों (Driver) के लिए एक त्वरित रिचार्ज विकल्प हो सकता है।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना स्वामित्व की उच्च लागत के कारण बाधित है। इस तथ्य को
स्वीकार करते हुए सरकार ने वर्ष 2020 में समीकरण से बैटरी निकालने का फैसला किया था। 2020
में, सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बिना बैटरी के बेचने और पंजीकृत करने की अनुमति दी।स्पष्ट
रूप से, ईवीचार्जर की लागत में बैटरी की हिस्सेदारी 40-45% होती है और इसलिए इसे हटाने से
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर या थ्री-व्हीलर की अग्रिम लागत उनके आंतरिक दहन इंजन समकक्षों के मुकाबले
कम हो जाएगी। इस कदम ने बैटरी की अदला-बदली में काफी बड़ी प्रेरणा दी है।वित्त मंत्री ने कहा कि
निजी क्षेत्र को सेवा के रूप में बैटरी या ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कंपनियों के लिए बैटरी की अदला-बदली के कारोबार में उतरने के
नए रास्ते खुलेंगे। पारस्परिकता सहित बैटरी की अदला-बदली नीति इस क्षेत्र में पहले से काम कर रहे
सभी स्टार्टअप (Startup) के लिए एक बड़ा वर्धक हो सकती है।वर्तमान में, देश में 50 से अधिक
स्टार्टअप इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और उनमें से लगभग सभी ने व्यवसाय निष्पादन के लिए एक
साझेदारी प्रतिमान को अपनाया है।एक और समानता यह है कि उनका केंद्र क्षेत्र काफी हद तक
दोपहिया और ई-रिक्शा खंड तक ही सीमित है।वहीं ईटी ऑटो(ET Auto) के शोध के अनुसार केवल
20% स्टार्टअप के पास इंट्रा-सिटी (Intra-city) इलेक्ट्रिक हल्के वाणिज्यक वाहनों के लिए बैटरी की
अदला-बदली समाधान मौजूद हैं।इस क्षेत्र में सबसे परिपक्व सन मोबिलिटी (Sun Mobility) है, जो
बेंगलुरु में स्थित एक तकनीकी स्टार्ट-अप है। इन्होंने स्वचालित बैटरी की अदला-बदली करने वाली
मशीनों के साथ-साथ तेजी से बदलने के लिए तीव्र हल्की बैटरी विकसित की है।जहां देश में बैटरी की
अदला-बदली के संजाल के विकास से सार्वजनिक परिवहन और माल परिवहन को लाभ होगा, वहीं
यह व्यक्तिगत गतिशीलता को भी बढ़ावा देगा। देश भर में राजमार्गों के साथ-साथ एक मजबूत
चार्जिंग आधिकारिक संरचना के निर्माण से लोगों द्वारा अंतरराज्यीय यात्रा के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों
के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। यह उन यात्रियों के लिए काफी लाभदायक होगा जो इलेक्ट्रिक वाहनों
में लंबी दूरी तक सफर करना चाहते हैं।
बैटरी अदला-बदली की तकनीक की कुछ सीमाएं भी हैं। जैसे विश्व स्तर पर, बैटरी अदला-बदली की
तकनीक ने 2013 में अपने अग्रणी बेटर प्लेस (Better Place) के दिवालिया होने के बाद अपनी
चमक खो दी थी।
यूरोप (Europe) और चीन (China) के परिपक्व ईवी बाजारों में बैटरी की अदला-
बदली का समर्थन करने वाले लगभग किसी भी नए बीईवी मॉडल (BEV model) को पेश नहीं किया
गया। मुख्य चुनौती यह है कि अदला-बदली के बुनियादी ढांचे के लिए वाहन निर्माताओं को
सामुदायिक वाहनों और बैटरी पैक पर सहयोग करने की आवश्यकता होगी। बाधा की व्याख्या करते
हुए, लॉरेंस उलरिच स्पेक्ट्रम (Spectrum) में लंबे समय तक योगदान देने वाले संपादक और एक
प्रसिद्ध ऑटो मेवेन (Auto Maven)) ने हाल के एक लेख में लिखा, "इसके लिए हर प्रमुख वाहन
निर्माता को मौजूदा और भविष्य की उत्पाद योजनाओं के लक्ष्य को खोजने की आवश्यकता है और
साथ ही इसे शून्य से शुरू करना होगा। लेकिन इससे क्या लाभ होगा?" दूसरा चिंता का विषय यह है
कि सभी ईवी निर्माताओं को संयुक्त बैटरी तकनीक की छत्रछाया में काम करना होगा, जो आज
वास्तविकता से बहुत दूर है। निस्संदेह, दोपहिया वाहनों में बैटरी की अदला-बदली अधिक मूल्य को
जोड़ती है,लेकिन यह अभी भी यात्री कारों और मध्य-टन भार वाले एलसीवी (LCV) के लिए व्यवहार्य
नहीं है क्योंकि बड़ी बैटरी की अदला-बदली एक काफी जटिल तस्वीर को दिखाती है।लेकिन बैटरी और
चार्जिंग आधिकारिक संरचना के मामले में भारत की ईवी विकास में बैटरी की अदला-बदली और
स्थायी चार्जिंग प्रतिरूप दोनों को ही विकसित किया जाएगा।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3guS1IM
https://bit.ly/3rsGNek
https://bit.ly/3J61m6h
https://bit.ly/35SBE71
https://bit.ly/3J9MZhr
चित्र संदर्भ
1. इलेक्ट्रिक स्कूटी की बैटरी बदलती महिला को दर्शाता एक चित्रण (Bloomberg)
2. इलेक्ट्रिक वाहन में रखी बैटरी को दर्शाता एक चित्रण (mass-foundation)
3. सन मोबिलिटी (Sun Mobility) के इलेक्ट्रिक वाहन को दर्शाता एक चित्रण (
TheThird Pole)
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