एटम बम का नाम सुनते ही दिमाग में धमाका और सिहरन ही उठता है परन्तु जौनपुर में यह नाम सुनते ही मुह में पानी आ जाता है। एटम बम यहाँ के सुजानगंज बाजार का प्रमुख मिष्ठान है जो अन्यत्र और कहीं नही पाया जाता है। इस मिठाई को यदि देखा जाये तो प्रथम दृष्टि में यह एक अत्यन्त बड़े हल्के पीले रंग के रसगुल्ले की तरह दिखाई देता है परन्तु यह रसगुल्ला बिलकुल नही है। रसगुल्लों के बारे में अभी हाल में ही कई वाद-विवाद हुये हैं जिसमें यह सिद्ध किया जा रहा है कि असलियत में यह उड़ीसा में बना था या बंगाल में परन्तु एटम बम के साथ ऐसा कोई भी वाद-विवाद दिखाई नही देता। राज-भोग ही वह मिठाई है जो इसके समतुल्य आती है परन्तु इसमें और राज-भोग में भी बहुत अंतर है। यह विषय अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि यह शब्द एटम बम आया कहाँ से और इस मिठाई को एटम बम क्युँ कहा जाता है? इसके पीछे पहला कारण इस मिठाई का आकार है तथा दूसरा कारण आण्विक बम है। यह मिठाई सुजानगंज में कई वर्ष पहले से बनती आ रही है इस लिये इसका ताल्लुक प्रथम बार परमाणु बम के धमाके से लगाया जा सकता है। यह कहना कतिपय गलत नही होगा की जिस प्रकार बिकनी आइलैंड पर हुये परमाणु धमाके के कारण वर्तमान के टू पीस बिकनी का नाम पड़ा ठीक वैसे ही परमाणु या एटम बम का विश्व युद्ध में प्रयोग होने के बाद ही इसका नाम एटम बम पड़ा। इस मिठाई का आकार तीन इंच या उससे कुछ बड़ा होता है तथा इसमें छेना (दूध की रबड़ी) भरा जाता है। आज यह मिठाई मात्र सुजान गंज में कुछ ही दुकानों पर मिलती है और अन्यत्र कहीं नही मिलती है। नाम व स्वाद के कारण यह मिठाई आकर्षण का केंद्र है, यदि इस मिठाई को जौनपुर व अन्य क्षेत्रों में फैलाया जाये तथा इसका क्रय-विक्रय अन्य स्थानों पर भी किया जाये तो यह कहना कतिपय् गलत नही होगा कि यह मिठाई बड़ी संख्या में रोजगार प्रदान करने का साधन साबित हो सकती है। 1- http://wikimapia.org/1479089/Sujanganj 2- https://en.wikivoyage.org/wiki/Jaunpur 3- http://www.hamarajaunpur.com/2011/02/blog-post_28.html 4- https://www.smithsonianmag.com/smithsonian-institution/how-wake-testing-atomic-bomb-bikini-became-thing-180955346/
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