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मनुष्य के लिए पेड़-पौधे प्रकृति का सर्वोत्तम उपहार हैं। हमारी धरती अनेकों सुंदर और उपयोगी
पेड़-पौधेसे युक्त है, जो न केवल हमें प्राणदायी ऑक्सीजन प्रदान करते हैं,बल्कि अन्य कार्यों के
लिए भी उपयोग में आते हैं।हल्दू भी ऐसे ही गुणकारी पेड़ों में से एक है, जिसे वैज्ञानिक तौर पर
हल्दिना कॉर्डिफोलिया (Haldina cordifolia) कहा जाता है। यह रूबिएसी (Rubiaceae) परिवार
का एक फूल वाला पौधा है, जो कि हल्दिना (Haldina) जीनस की एकमात्र प्रजाति है। इसका
मूल दक्षिणी एशिया (Asia) का है, जो भारत, युन्नान (Yunnan),वियतनाम
(Vietnam),मलेशिया (Malaysia) आदि क्षेत्रों में पाया जाता है।
हिंदी में कदंब नाम से विख्यात यह पेड़ जौनपुर में भी आसानी से देखा जा सकता है। हल्दीना
कॉर्डिफोलिया एक पर्णपाती पेड़ है जो 20 मीटर से अधिक ऊंचा हो सकता है। इसकी छाल पीली-
भूरी,उथली,क्षैतिज रूप से झुर्रीदार और दरार वाली होती है।इसकी पत्तियां मोटे तौर पर अंडाकार
तथा विपरीत रूप से व्यवस्थित होती हैं, जिनका आधार दिल के आकार का तथा सिरा नुकीला
होता है। इसके फूल उभयलिंगी होते हैं, जो पीले रंग के गोल सिरों के साथ दिखाई देते हैं। इस
पेड़ में कई बीज बनते हैं, जिसका एक सिरा पूंछ की तरह तथा दूसरा सिरा द्विभाजित पंख के
समान दिखाई देता है।इस पेड़ में फूल आम तौर पर जून-जुलाई के दौरान लगते हैं, तथा फल
दिसंबर-मार्च के दौरान पकते हैं।
हल्दू का उपयोग बड़े पैमाने पर संरचनात्मक कार्यों के लिए किया जाता है। यह फर्श,पैनलिंग
और रेलवे कैरिज के लिए उपयुक्त सर्वश्रेष्ठ भारतीय लकड़ी में से एक है।यह लुगदी और
कागज,खिड़की के फ्रेम,फर्नीचर,पियानो कुंजी, रूलर आदि के लिए भी उपयुक्त है।लकड़ी का
उपयोग पेंसिल निर्माण के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा डोंगी,नदी की नावों की
तख्ती,खिलौने,ड्रम आदि के लिए भी हल्दू की लकड़ी उपयोग में लायी जाती है।
इसके फूल यदि अकेले हों, तो शायद उतने अच्छे न दिखें,लेकिन जब वे 20-30 मिलीमीटर की
परिधि के साथ पुष्पक्रम में खिलते हैं, तो अत्यधिक आकर्षक लगते हैं। वे आमतौर पर पीले रंग
के होते हैं, जिन पर अक्सर गुलाबी रंग की छाया मौजूद होती है। कॉर्डिफोलिया आमतौर पर
सर्दियों (शुष्क मौसम) के महीनों के दौरान खिलता है। इस पेड़ की छाल एक एंटीसेप्टिक के रूप
में कार्य करती है। इसके लंबे, सीधे, स्पष्ट तने का व्यास 150 सेंटीमीटर होता है तथा इसके
आधार पर लंबी धारियां पाई जाती हैं।
कंदब का पेड़ उष्णकटिबंधीय जलवायु में1000 मीटर तक की ऊंचाई पर पाया जाता है। 25-
35डिग्री सेल्सियस तापमान तथा 1000-2000 मिलीमीटर सालाना बारिश इसके लिए उपयुक्त
होती है। यह पेड़ माइनस 1 डिग्री या उससे नीचे के ताप पर जीवित नहीं रहता है।जब पौधे छोटे
होते हैं, तो उनके लिए मध्यम प्रकाश उपयुक्त होता है। किंतु जैसे-जैसे पौधे बड़े होते जाते हैं,
उन्हें अधिक प्रकाश की आवश्यकता पड़ने लगती है।कदंब के लिए आदर्श ph 5.5-6.5 के बीच
होना चाहिए। इसका जल तंत्र बहुत विशाल है, जो पेड़ को सूखे से बचाने में सहायता करता
है।यह वृक्ष जंगल की आग के लिए प्रतिरोधी नहीं हैं, इसलिए आसानी से जल सकते हैं।
इस पेड़ को इसकी उपयोगी लकड़ी के लिए जंगलों से काटा जाता है, जिसे आमतौर पर केवल
स्थानीय स्तर पर ही कारोबार किया जाता है क्योंकि यह केवल कम मात्रा में उपलब्ध होता है।
यह स्थानीय औषधीय उपयोग के लिए भी काटा जाता है।पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में इसकी
पत्तियों, बीजों, छाल और जड़ों का अत्यधिक उपयोगकिया जाता है।इस वृक्ष के औषधीय उपयोगों
की बात करें तो पेड़ की छाल रोग रोधक और ज्वरनाशक होती है। हैजा, सर्दी-खांसी, बुखार,
सिरदर्द,त्वचा के धब्बे और मूत्र संबंधी शिकायतों के लिए इस पेड़ की पत्तियां और छाल
अत्यधिक उपयोगी माने जाते हैं।
तने की छाल का प्रयोग मलेरिया ज्वर,उदर विकारों के उपचार
के लिए किया जाता है।यह एक अच्छे जीवाणुरोधी, रोगाणुरोधी, मधुमेह विरोधी,ज्वरनाशक एजेंट
आदि के रूप में कार्य करता है।यदि इसके रस को घावों पर लगाया जाता है, तो घाव में मौजूद
कीड़े मर जाते हैं।इसकी जड़ों के आसव के सेवन से दस्त और पेचिश ठीक हो जाते हैं। इस वृक्ष
की छाल से बने काढ़े को खुराक में देने से भूख और पाचन की समस्या दूर हो जाती है।यदि
इसके काढ़े की खुराक का दैनिक रूप से सेवन किया जाता है, तो यकृत और उपापचय में सुधार
होने लगता है। पेट में दर्द और सूजन के पारंपरिक उपचार के लिए भी हल्दू का उपयोग किया
जाता है।इस वृक्ष का उल्लेख आयुर्वेद में भी प्राप्त होता है। एक संस्कृत श्लोक में इसका वर्णन
करते हुए कहा गया है कि –
हरिद्रु: पीतदारू: स्यात पीतकाष्ठश्च पीतक:
कदंबक: सुपुष्पश्च सुराहव् पीतकद्रुम:।
हल्दू के सम्बंध में इसी प्रकार के अनेकों उल्लेख अन्य कृतियों में भी प्राप्त होते हैं, जो इसकी
उपयोगिता को अभिव्यक्त करते हैं।
संदर्भ:
https://bit.ly/3sAV9YT
https://bit.ly/383DX4S
https://bit.ly/3j4ROOT
https://bit.ly/3zbovQc
चित्र संदर्भ
1. हल्दिना कॉर्डिफोलिया (Haldina cordifolia) का एक चित्रण (flickr)
2. हल्दिना कॉर्डिफोलिया (Haldina cordifolia) के तने का एक चित्रण (flickr)
3. हल्दिना कॉर्डिफोलिया (Haldina cordifolia) की लताओं का एक चित्रण (flickr)
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