Post Viewership from Post Date to 13-Sep-2021
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1599 176 1775

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

1500 वर्ष पूर्व उत्पन्न शतरंज 21वी सदी में लोकप्रियता हासिल कर रहा है ऑनलाइन गेमिंग मंच पर

जौनपुर

 14-08-2021 10:26 AM
हथियार व खिलौने

विश्व में ऐसे अनेकों खेल हैं, जो व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए जाने जाते हैं। इन्हीं खेलों में से एक खेल शतरंज भी है,जो कि एक बौद्धिक एवं मनोरंजक खेल है तथा दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाता है।शतरंज और विशेष रूप से ऑनलाइन शतरंज ने 2020 में अत्यधिक लोकप्रियता हासिल की है। पूरी दुनिया जब घर में फंसी हुई थी और बोर हो रही थी, तब बहुत सारे लोग शतरंज सीखने और खेलने लगे। उस अवधि के दौरान शतरंज खेलने वालों में “xQcOW” भी थे, जो कि एक बहुत लोकप्रिय ट्विच स्ट्रीमर (Twitch streamer) हैं। शतरंज के ग्रैंडमास्टर हिकारू नाकामुरा (Hikaru Nakamura) के साथ उनके सहयोग ने ऑनलाइन शतरंज को व्यापक रूप से दर्शकों तक पहुंचाया है। शतरंज को सामान्य रूप से किसी गत्ते या पटरे पर खेला जाता है।पिछले कुछ दशकों में भारत में शतरंज की लोकप्रियता मुख्य रूप से शतरंज के ग्रैंडमास्टर और अनेकों बार पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद के कारण बढ़ी है। भारत में शतरंज के लिए शासी निकाय अखिल भारतीय शतरंज संघ है। विश्वनाथन आनंद सहित शतरंज के कुछ शीर्ष भारतीय खिलाड़ियों में पी हरिकृष्णा, परिमार्जन नेगी, शशिकिरण कृष्णन, कोनेरू हम्पी, द्रोणवल्ली हरिका, तानिया सचदेव आदि शामिल हैं।
शतरंज के इतिहास की बात करें तो, इसका इतिहास लगभग 1500 साल पुराना है, हालांकि इसकी शुरुआत कहां से हुई थी, इस बात की कोई सटीक जानकारी अभी मौजूद नहीं है। माना जाता है, कि खेल का सबसे पहला पूर्ववर्ती संभवत: छठी शताब्दी ईस्वी से पहले भारत में उत्पन्न हुआ था।उसके बाद यह खेल भारत से फारस में फैल गया। जब अरबों ने फारस पर विजय प्राप्त की, तो मुस्लिम दुनिया ने शतरंज को अपने कब्जे में ले लिया और बाद में यह दक्षिणी यूरोप (Europe) में फैल गया। यूरोप में, शतरंज लगभग 15वीं शताब्दी के समय अपने वर्तमान स्वरूप में विकसित हुआ।
ऑक्सफोर्ड शब्दकोष के अनुसार शतरंज दो खिलाडियों के बीच खेला जाने वाला एक बोर्ड गेम है, जिसका उद्देश्य प्रतिद्वंदी पर हमला कर उसे नियंत्रित करना होता है। माना जाता है, कि भारत में शतरंज की उत्पत्ति गुप्त काल में हुई थी। लेकिन साथ ही कुछ पुरातात्विक अध्ययनों को देंखे तो इस खेल को सिन्धु सभ्यता से भी जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शतरंज की उत्पत्ति प्राचीन भारत के चतुरंगा से हुई थी। चतुरंगा का अर्थ चार भाग होता है, जिसमें पैदल सेना, अश्व सेना, हाथी सेना, रथ सेना शामिल होती है। इन सभी को मोहरों द्वारा प्रदर्शित किया जाता था, जो आधुनिक युग में प्यादा (Pawn), नाइट (Knight), बिशप (Bishop), और रूक (Rook) में विकसित हो गए हैं। शतरंज भारत से फारस में लाया गया जो फारसी कुलीनता की राजसी या दरबारी शिक्षा का एक हिस्सा बन गया। ससानिद फारस (Sassanid Persia) में लगभग 600 ईस्वी में इस खेल का नाम चतुरंगा से चतरंग हुआ तथा बाद में यह रशीदुन खलीफा द्वारा फारस की विजय के बाद शतरंज में विकसित हो गया।इस दौरान शतरंज के नियमों को और अधिक विकसित किया गया। भारत में बोर्ड गेम और शतरंज के पीछे एक सामान्य सिद्धांत यह है कि भारत में इसका विकास संभवतः भारत के गणितीय ज्ञान के कारण हुआ था जिसमें संख्या शून्य का निर्माण शामिल था। शतरंज को एक अष्टपद के लिए डिज़ाइन किया गया था। अष्टपद, अनियंत्रित 8×8 बोर्ड चतुरंग खेलने के लिए मुख्य बोर्ड के रूप में कार्य करता था।19वीं शताब्दी के दौर में शतरंज को एक खेल प्रतिस्पर्धा के रूप में खेला जाने लगा। अन्य भारतीय बोर्डों में 10×10 दसपदा और 9×9 सतुरंकम शामिल थे।1886 में विश्व की पहली शतरंज प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया था जबकि 1997 में यह खेल कंप्यूटर की दुनिया में शामिल हुआ।
शतरंज अन्य सभी बोर्ड गेमों से अलग और अनोखा है, क्यों कि इसमें लगभग अनंत संख्या में स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिनका सामना बहुत बुद्धिमता के साथ करना होता है। वर्तमान में शतरंज के लिए एक नयी स्थिति उत्पन्न हो गई है। दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह, महामारी के दौरान पेशेवर शतरंज ने ऑनलाइन रूप ले लिया है। शतरंज ट्विच (Gaming platform) पर सबसे ज्यादा देखा जाने वाला खेल बन गया है।ऐसे कई ऑनलाइन शतरंज टूर्नामेंट संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लोकप्रिय स्ट्रीमर और सामग्री निर्माता शामिल होते हैं। इन टूर्नामेंटों में औसत शतरंज कौशल वाले लोकप्रिय स्ट्रीमर एक दूसरे के खिलाफ खेलते हैं। ये आयोजन बहुत सफल हो रहे हैं, और इन्होंने शतरंज को देखने वाले लोगों की संख्या के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चैंपियंस चेस टूर जैसे टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen), वेस्ले सो (Wesley So) और हिकारू नाकामुरा सहित दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शतरंज खिलाड़ी शामिल होते हैं तथा इसके प्रसारण को नियमित रूप से लगभग 50 हजार दर्शक या उससे भी अधिक लोग देखते हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/3AEW8dl
https://bit.ly/37AFhvV
https://bit.ly/3sbpwF5
https://bit.ly/3CKgEv1
https://bit.ly/37BB7E7

चित्र संदर्भ
1. टैबलट पर ऑनलाइन शतरंज खेलते खिलाडी का एक चित्रण (t3.ftcdn.net)
2. 1958 में फ़िनलैंड के कोटका (Kotka, Finland) में शतरंज खेलते हुए हार्बर कार्यकर्ताओं का एक चित्रण (wikimedia)
3. आरएस (RS) शतरंज कंप्यूटर का एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id