वर्तमान समय में ऐसे अनेकों वीडियो हैं, जो आधुनिक बनारस के मनमोहक दृश्यों को दर्शाते हैं। किंतु कुछ दुर्लभ वीडियो ऐसे भी हैं, जिनमें सौ साल पुराने बनारस को दर्शाया गया है, जिसे तब वाराणसी कहा जाता था। ये वीडियो 1920 और 1930 के दशक के हैं, जिनमें गंगा नदी के तट पर बसे पवित्र शहर तथा वहां मौजूद लगभग 1500 मंदिरों, तीर्थ स्थानों तथा महलों को दिखाया गया है। इन दुर्लभ वीडियो में विभिन्न शैलियों की बड़ी इमारतों के साथ पहाड़ी पर कई प्रभावशाली दृश्यों को दर्शाया गया है। वीडियो में गंगा नदी की ओर बढ़ती सीढ़ियाँ, पूरे क्षेत्र को आवरित करने वाले लोग, तिरपालों के नीचे बैठे लोग, नदी पर मौजूद अनेकों नावों आदि को दिखाया गया है।
कुछ वीडियो चलती हुई नाव से भी ली गयी हैं, जिसमें हिंदू तीर्थयात्री नदी में स्नान करते, सीढ़ियों में ऊपर-नीचे जाते दिखाई देते हैं। कुछ लोग अपने गीले बदन को तौलिए से सुखा रहे हैं, जबकि कुछ लोग तौलिए को सुखाने के लिए उसे झटक रहे हैं। इस वीडियो में नदी में मौजूद लोगों, साड़ी स्टैंड में खड़ी महिलाओं के नज़दीकी दृश्य भी हैं। इनके अलावा वीडियो में अद्भुत अलंकृत मंदिरों, वास्तुकला के कुछ नमूनों, औरंगजेब की मस्जिद आदि को भी दिखाया गया है। एक वीडियो में 2 बच्चे घर के सामने मौजूद विभिन्न आकार के कई मिट्टी के बर्तनों के ढेर के सामने खड़े हैं, एक छोटा लड़का पोनी कार्ट (Pony cart) चला रहा है, लोग होलिकाएं जलाते हुए दिखाई देते हैं। वीडियो के अंत में एक विचित्र सा दिखने वाला आदमी भी दिखाई देता है, जो पालती मारकर बैठा है तथा अपनी गर्दन और सिर के चारों ओर मालाएं लटकाए हुए है। वह एक अजीब से दिखने वाले पाइप से धूम्रपान करता है।जब वह उठता है, तो पूरा नग्न अवस्था में दिखाई देता है। इसी प्रकार एक बौना भिखारी भी वीडियो में दिखाई देता है, जिसके पैर बहुत पतलें हैं। वह चारों ओर घूमकर एक छड़ी का उपयोग कर बैठता है, तथा फूलों की माला पहने हुए है।