भैंसों को हमेशा से कमअक्ल वाले जानवर की संज्ञा दी गयी है। यही कारण रहा है कि यह कहावत पूरे भारत में जानी जाती है- अक्ल बड़ी या भैंस। ये कहावत वहीं गलत हो जाती है जहाँ सुल्तान, युवराज, जय, रांझा और बाहुबली के नाम आ जाते हैं। ये नाम हम फिल्मों में सुनते आ रहे हैं जो अमिताभ बच्चन से लेकर सलमान खान आदि नायक की भूमिका को दिए दिखाई देते हैं। परन्तु यहाँ पर जीव जगत के महारथियों की बात की जा रही है जो पूरे विश्व में विक्की डोनर के नाम से जाने जाते हैं। ये हैं मुर्रा नस्ल के भैंसे, जिन्होने पूरे संसार में अपनी नस्ल के उत्तम और विशिष्ट भैंसे होने का गौरव प्राप्त किया है। भारत में 55 प्रतिशत दूध अर्थात 20 मिलियन टन दूध भैंस से मिलता है। भारत में तीन तरह की भैंसें मिलती हैं, जिनमें मुर्रा, मेहसना और सुरति प्रमुख हैं। मुर्रा, भैंसों की प्रमुख नस्ल मानी जाती है। यह ज़्यादातर पाई जाती है। उपरोक्त लिखित नामों में एक नाम ऐसा है जो कि जौनपुर जिले को विश्व पटल पर लाने का कार्य कर रहा है और यह है जय। जय मात्र 28 माह का है तथा यह भी मुर्रा नस्ल का भैसा है। यह जौनपुर जनपद में मुर्रा भैंसों की संख्या में इजाफा कर रहा है। जौनपुर के विकी डोनर के रूप में जय को देखा जा रहा है। मुर्रा भैंस अपने दूध के लिये जानी जाती हैं यही कारण है कि मुर्रा भैस आज बुल्गारिया, अफ्रीका, जावा, सुमात्रा, अमेरिका आदि देशों में अपना पैर फैला चुकी है। उपरोक्त सभी भैंसो में सुल्तान असल मायने में सबसे उत्तम है। इसकी कीमत अब तक 21 करोड़ रुपय लगायी जा चुकी है। यह भैसा सालाना 1 करोड़ रुपये अपने वीर्य के दम पर कमा लेता है। मुर्रा नस्ल को हरियाणा में काला हीरा के नाम से जाना जाता है। मुर्रा भैंस तकरीबन 24 लीटर के करीब दूध देती हैं। इन भैंसो की दूध में फैट की मात्रा अन्य भैंसो के दूध से ज्यादा होती है। 1. https://goo.gl/fVTxfh 2. https://goo.gl/uX8ZTQ 3. https://goo.gl/8URXmT
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