कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष कई खेल स्पर्धाओं को टाला गया था, जिसमें यूरोपियन फुटबॉल
चैम्पियनशिप 2020 (European Football Championship 2020) भी शामिल थी। हालांकि इस वर्ष भी
इसके आयोजन को लेकर कुछ अनिश्चितता थी, लेकिन अब यह टूर्नामेंट (Tournament) 11 जून से 11
जुलाई के बीच खेला जाएगा। टूर्नामेंट के मेजबान शहर लंदन (London), सेविल (Seville), ग्लासगो
(Glasgow), कोपेनहेगन (Copenhagen), बुडापेस्ट (Budapest), एम्स्टर्डम (Amsterdam), बुखारेस्ट
(Bucharest), रोम (Rome), म्यूनिख (Munich), बाकू (Baku) और सेंट पीटर्सबर्ग (Saint
Petersburg) हैं।
विश्व भर के सबसे बड़े खेल के रूप में फुटबॉल (Football) की स्थिति निर्विरोध है। नील्सन (Nielsen) द्वारा
विश्व फुटबॉल रिपोर्ट 2018 (World Football Report 2018) के अनुसार, अमेरिका (America),
यूरोप(Europe), मध्य पूर्व(Middle East) और एशिया(Asia) के 18 बाजारों में 43% लोग फुटबॉल में रुचि
रखते हैं, जो लगभग 736 मिलियन प्रशंसक आधार है।
भारत में फुटबॉल की शुरुआत ब्रिटिश सैनिकों द्वारा उन्नीसवीं सदी में की गई थी। हालांकि क्रिकेट आज भी देश
में सबसे लोकप्रिय खेल है, लेकिन देश के कई हिस्सों में विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, गोवा, केरल और उत्तर-पूर्वी
राज्यों में फुटबॉल को व्यापक रूप से खेला जाता है।
1648 में गृहयुद्ध समाप्त होने के बाद, नई नैतिकतावादी सरकार ने "गैरकानूनी सभाओं" पर, विशेष रूप से
फुटबॉल जैसे अधिक कर्कश खेलों पर शिकंजा कस दिया, जिस कारण इसकी लोकप्रियता में गिरावट आने लगी।
हालांकि शुरूआती दिनों में फ़ुटबॉल केवल सेना की टीमों के बीच खेला जाता था, लेकिन धीरे-धीरे यह जनता के
बीच फैल गया, जिसका श्रेय नागेंद्र प्रसाद सर्वाधिकारी को जाता है।1872 में सबसे पहले क्लब (Club) कलकत्ता
एफसी (Calcutta FC) की स्थापना की गई थी। फ़ुटबॉल ने अंततः 1890 के दशक में क्रिकेट की लोकप्रियता का
मिलान किया और इसकी लोकप्रियता में वृद्धि के साथ यह स्कूल प्रणाली का एक हिस्सा बन गया।
भारतीय फुटबॉल संघ की स्थापना 1893 में हुई थी, लेकिन उस समय इसके बोर्ड (Board) का कोई भी सदस्य
भारतीय नहीं था।जैसे-जैसे फ़ुटबॉल लोकप्रिय हुआ, भारत ने 1930 के दशक के अंत में ऑस्ट्रेलिया (Australia),
जापान (Japan), मलेशिया (Malaysia) और इंडोनेशिया (Indonesia) जैसे विभिन्न एशियाई देशों का दौरा करना
शुरू किया। 1940 का दशक भारतीय फुटबॉल के लिए एक उल्लेखनीय दशक था।
फुटबॉल खेल 11 खिलाड़ियों की 2 अलग-अलग टीमों (Teams) के मध्य होता है जिसमें एक बड़ी गेंद को एक
गोल (Goal) में पहुचाया जाता है।
इस खेल में जो टीम सबसे ज्यादा बार गेंद को गोल में पहुंचाती है, विजय
उसी की होती है। अब यदि इस खेल के नाम पर चर्चा की जाए तो इस खेल का नाम फुटबॉल अंग्रेजी के दो
शब्दों के मेल से बना है “फुट” (Foot) और “बॉल” (Ball), जिनका शाब्दिक अर्थ है पैर और गेंद अर्थात जिस
खेल में गेंद को पैर से मारा जाता है उसे ही फुटबॉल कहते हैं। वर्तमान काल में खेले जाने वाले फुटबॉल में
आज भी वही नियम चलते हैं जो कि 1863 में बनाए गए थे। आज के फुटबॉल के माहासमर अर्थात फीफा
(FIFA) का गठन 1904 में पेरिस (Paris) में हुआ और इसने अंतर्राष्ट्रीय मान्यता सन् 1913 में प्राप्त की थी।
उस दौर के बाद आज विश्व भर में कई फीफा विश्व कप हो चुके हैं।
1948 के लन्दन ओलंपिक्स (London Olympics) में भारत ने पहली बार दस्तक दी थी, और कई कठिनाइयों के
चलते भारत को 1950 के फीफाविश्वकप में खेलने का मौका मिला परन्तु कुछ समस्याओं के चलते ऑल इंडिया
फुटबॉल फेडरेशन (All India Football Federation) ने यह खेल खेलने से मना कर दिया। जिसका कारण यह था
कि फीफा के नियमों के अनुसार फुटबॉल खेलने के लिए फुटबॉल के जूते पहनना अनिवार्य था,और भारतीय
खिलाड़ी जूते पहन के खेलने के आदि नहीं थे। इसके अलावा कुछ तथ्यों से यह भी पता चलता है कि उस
समय सरकार की मौद्रिक स्थिति भी सही नहीं थी।साथ ही नील्सन के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की 45
प्रतिशत शहरी आबादी फुटबॉल में रुचि रखती है, जो 2013 में 30 प्रतिशत थी। यह 16-24 वर्ष के बीच के
लोगों द्वारा सबसे अधिक खेला जाता है, जिसमें से 53 प्रतिशत वयस्क फुटबॉल में रुचि रखते हैं। सर्वेक्षण यह
भी बताता है कि भारत में फुटबॉल का प्रवेश कम, मध्यम या उच्च आय वाले दलों में भी भिन्न है। हालांकि
फुटबॉल दर्शकों के मध्य लोकप्रियता के मामले में बढ़ रहा है, खासकर विभिन्न मीडिया पर खेल को देखने के
तरीके में बदलाव के कारण, लेकिन भारतीय फुटबॉल टीम को गुणवत्ता और सफलता के मामले में अपने क्रिकेट
समकालीनों के बराबर होने में काफी समय लगने वाला है। क्रिकेट की लोकप्रिया के समक्ष फुटबॉल एक
अपेक्षाकृत युवा और आकांक्षात्मक खेल है। हालांकि फुटबॉल आज भी पूरे विश्व में काफी उत्साह के साथ खेला
जाता है, लेकिन भारत में फुटबॉल से ज़्यादा लोकप्रिय खेल क्रिकेट है। क्रिकेट की लोकप्रियता का एक कारण यह
भी है कि भारतीय क्रिकेट टीम इस खेल में विश्वपटल पर अति लोकप्रिय है और इस खेल में भारत कई बार
विश्वविजेता भी रह चुका है।
वहीं 2017 में भारत ने पहली बार अंडर-17 फीफा विश्व कप की मेजबानी की थी, इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम
की पहली प्रविष्टि थी।देश भर में अंडर-17 फीफा विश्व कप के प्रसारण को कई लोगों द्वारा टेलीविजन पर देखा
गया, फीफा अंडर-17 2017 के लिए 4.7 मिलियन टीवी दर्शकों के उच्चतम पहुंच रिकॉर्ड (Record) को दर्ज किया
गया। हालांकि 10 अक्टूबर को प्रसारित हुए 9 तारीख के टूर्नामेंट के बाद दर्शकों में 2.8 मिलियन से 1.3
मिलियन तक की भारी गिरावट देखी गई, क्योंकि भारत हार गया था। देश भर में फ़ुटबॉल प्रसारण के बढ़ते
प्रशंसक-आधार के साथ, फीफा ने इंडियन सुपरलीग (Indian Super League (आईएसएल- ISL)) और प्रीमियर
फुटसल (Premier Futsal) जैसी व्यावसायिक और नियमित रूप से चलने वाली लीगों (League) पर स्थायी
प्रभाव छोड़ा। इंडियन सुपरलीग सीजन (Season) की रिकॉर्ड ऊंचाई 9.4 मिलियन टीवी दर्शकों के साथ शुरू हुई।
फीफा अंडर -17 के समान, लीग ने अधिकांश सीजन के लिए अनिश्चित दर्शकों का अनुभव किया।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3voKxfH
https://bit.ly/3zsb6Us
https://bit.ly/3gvQZMA
https://fifa.fans/35lTMTb
https://bit.ly/3cHTFFv
https://bit.ly/3pTFuCM
चित्र संदर्भ
1.यदि कोई मैच ड्रॉ के रूप में समाप्त होता है तो अधिकांश फ़ुटबॉल प्रतियोगिताएं विजेता का फैसला करने के लिए पेनल्टी शूटआउट का उपयोग करती हैं जिसका एक चित्रण (wikimedia)
2. गोस्थ पाल के सम्मान में 1998 में जारी किया गया डाक टिकट का एक चित्रण (wikimedia)
3. मानक फुटबाल पिच माप का एक चित्रण (wikimedia)
4. ज्यूरिख में फीफा मुख्यालय का एक चित्रण (wikimedia)
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