समय - सीमा 268
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इन चित्रकारियों में प्लेग संक्रमित मरीज़ को भोजन देने और सामाजिक दूरियों का पालन
करने अथवा न करने के मुद्दे दर्शाए गए हैं। विशेषज्ञों को इन चित्रकारियों से आपदा के दौरान कला (पेंटिंग) की भूमिका को समझने
का अवसर मिला, उन्होंने पाया कि किसी भी संकट के समय लोग अपनी भावनाओं और हालातों को किसी ऐसे माध्यम से देखना
पसंद करते हैं, जो आकर्षक हो और दिल को छू लेती हो। अर्थात कला (पेंटिंग) में यह क्षमता थी कि वह लोगों की मनोदशा को प्रस्तुत
कर सके. इसलिए कला आपदा और प्लेग के समय की वास्तविकता का प्रतिनिधित्व करती हैं, और यह लोगों को संकट के समय
मनोवैज्ञानिक रूप से सांत्वना दे सकती हैं। दुःख के समय में हमें भी यह सुनना अधिक साहस देता है कि, “मैने भी उस दौर को देखा है
जिससे तुम गुजर रहे हो” - इन शब्दों को पेंटिंग बार-बार दोहराती थी, जिनमे संकट का सामना कर रहे लोगों को चित्रित किया गया
था। यूरोप कि विभिन्न कला प्रदर्शनियों में शामिल प्राचीन चित्रकारियों में यह पाया गया कि, उन चित्रकारियों में प्लेग ग्रसित लोगों
और शवों कि तुलना में ऐसी पेंटिंग अधिक थी, जो पीड़ितों कि देखभाल करने का आग्रह करती थी। यहाँ तक कि प्रदर्शनी में शामिल
एक चित्रकला का शीर्षक ही "होप एंड हीलिंग" (Hope and Healing) था। इससे एक तथ्य और स्पष्ट हो जाता है कि "संकट के समय
लोग विभिन्न प्रेरणा स्रोत की खोज करते हैं और चित्रकलाओं को ऐसे ही प्रेरणा स्रोत के तौर पर बनाया गया था।
आज जबकि पूरा विश्व कोरोना महामारी कि चपेट में है तब हम इन ऐतिहासिक प्रसंगों से बहुत कुछ सीख सकते हैं। लॉकडाउन ने
हमारी शारीरिक गतिविधियों को सीमित कर दिया है, परंतु हमारा मस्तिष्क नकारात्मक विचारों के साथ भागा जा रहा है। ऐसे संकट
के समय में चित्रकला अहम भूमिका निभा सकती है, पहले कि तुलना में आज हमारे पास सोशल मीडिया जैसे माध्यम है- जिसकी
सहायता से तस्वीरों में हम उन लोगो को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, जो हमारे ही जैसे बन्धनों का सामना कर रहे हैं। साथ ही कई ऐसे
कलाकार भी है, जो अपनी कला को ऑनलाइन माध्यम से साझा कर रहे हैं। सौभाग्य से इनमे से अधिकतर सकारात्मक है जैसा करना
जरूरी भी हैं, क्यों इस भयावह संकट के समय किसी भी प्रकार की नकारात्मकता हमारे मन में डर की भावना को और अधिक मजबूत
कर सकती है। आज हम ऑनलाइन आर्ट गैलरी लगाने में सक्षम है, सौभाग्य से इन आर्ट दीर्घाओं (गैलरी) में ऐसे ढेरों सकारात्मक चित्र
प्रस्तुत किये जा रहे हैं, जो पीड़ितों को साहस बधा रहे हैं और सेवा कर्मियों (डॉक्टर, नर्स इत्यादि) को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
कई चित्र जो
ऑनलाइन वायरल हो रहे हैं उनमें से अधिकांश डॉक्टरों और नर्सों के हैं, जिनमे उन्हें योद्धा के तौर पर दिखाया गया है और कई अन्य
पेंटिंग ऐसी भी हैं जिसमे धैर्य तथा साहस से भरे मरीजो (कोरोना पीड़ितों) को महामारी से लड़ते हुए दिखाया गया है। अतः यह तय है
कि कला लोगों को मनोवेज्ञानिक स्तर (विशेष रूप से संकट के समय) पर मजबूत करती है, और चिकित्सकों को निरंतर काम करने के लिए
प्रेरित कर रही है। देखा जाये तो महामारी ने, कला क्षेत्र पर इंटरनेट कि वजह से पछले सभी युगों कि तुलना में सकारात्मक प्रभाव डाला है।
कई छोटे बड़े कलाकार अपनी कलाओं का ऑनलाइन प्रदर्शन कर रहे हैं, और लाभ भी कमा रहे हैं। महामारी ने कलाकारों द्वारा अपनी कला
को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने और बेचने में सक्षम भी बनाया है।