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जौनपुर शहर को यदि मस्जिदों की नगरी कहा जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।यहां पर मौजूद हर मस्जिद अपनी एक विशिष्टं वास्तुमकला और प्रमुख इतिहास को समेटे हुए है। इन्हींा मस्जिदों की श्रृंखला में से एक है अटाला मस्जिद जो यहां की अन्यी मस्जिदों के लिए आदर्श मानी जाती है।अटाला मस्जिद की नींव फिरोजशाह तुगलक द्वारा रखी गयी थी, यह मस्जिद हिन्दू देवी अटाला के मंदिर के स्थामन पर बनायी गयी है। इसका निर्माण कार्य 810-1408 के मध्यज शर्की शासन के दौरान कराया गया। इसकी मुख्य विशेषता, इसके पश्चिमी लिवान (liwan) (एक लंबा संक्रित अग्रभाग वाला कक्ष) का मध्यज भाग है जो एक बड़े गुम्बिद से घिरा हुआ है, यह गुम्बसद मिस्र (Egypt) के तोरण (propylon) के सदृश एक विशाल पिरामिड द्वार (pyramidal gateway) से छुपा हुआ है,ग्रीक भाषा में पायलॉन (Pylon) शब्दि का उपयोग मंदिर के स्मारक द्वार को इंगित करने के लिए किया जाता है। इसमें दो मीनारें होती हैं, प्रत्येक टेपिंग (tapering) और एक सरमाउंटेड (surmounted) द्वारा कवर की जाती है, जो उनके बीच प्रवेश द्वार को घेरने वाले कम ऊंचाई वाले खंड से जुड़ती है। तोरण आमतौर पर टावरों (Towers) की ऊंचाई से लगभग आधा होता है।
प्राचीन तोरण प्रायः बड़े पैमाने पर पत्थर की संरचनाएँ होती थीं, जो मंदिरों के प्रवेश द्वार पर बनाई जाती थीं। मिस्र के लोगों ने इनका निरंतर उपयोग किया है, सामान्यईत: कब्रों के प्रवेश द्वार को चिह्नित करने के लिए पूर्वनिर्मित पिरामिड (Pyramid) के रूप में। तोरणों को नक्काशी, ढलाई और कोनों से सजाया गया था। पेरिस (Paris) में पोंट एलेक्जेंडर तृतीय (Pont Alexandre III) में सजावटी चतुर्भुज स्तंभों के रूप में तोरणों का उपयोग किया गया है। जौनपुर में शर्की सुल्ताानों के शासनकाल के दौरान यह प्रमुख शैली थी। शर्की शासन के दौरान जौनपुर में अन्यम कई मस्जिदें जैसे खालिस मुखलिस मस्जिद, लाल दरवाजा मस्जिद आदि भी समान शैली में बनवायी गयीं।अटाला मस्जिद सबसे बड़ी और सबसे अलंकृत है,उत्तर, पूर्व और दक्षिण की ओर केलिवान दो मंजिलों में पांच स्तंभित गलियारों से बने हैं।लिवान के प्रत्येषक भाग के मध्यो में एक मेहराब बना हुआ है, जिसके बाहर की ओर एक छोटा सा तोरण है और उत्तर और दक्षिण द्वार पर गुंबद बने हुए हैं; एक गुंबद मुख्य गुंबद के उत्तर और दक्षिण में प्रत्येक लिवान के केंद्रीय भाग को कवर करता है।प्रत्येक तोरण के भीतर बड़े मेहराबदार आले हैं, जो दिल्लीा की खिलजी इमारतों से समानता रखते हैं, जिसमें गुंबद के सामने छिद्रित मेहराब और नीचे की ओर मुख्य प्रवेश द्वार हैं।
मुख्य तोरण 22.9 मीटर ऊंचा है, जिसके पीछे केवल 19.5 मीटर ऊंचा गुंबद है, जो आधार पर 16.8 मीटर चौड़ा है।गुंबद को एक सोलह तरफा वाले मेहराबदार ट्राइफोरियम (Trifolium) (एक आंतरिक गलियारा, जो ऊपरी स्तर पर एक इमारत के लंबे केंद्रीय स्थान में खुलता है।) पर, छिद्रित खिड़कियों के साथ एक अष्टकोण के ऊपर स्क्विच (squinch) (सीधा या डा जैसा ढाँचा जो चौकोर मीनार के भीतर कोण में सहारे के लिए बनाया गया) मेहराब पर समर्थित है।क़िब्ला की दीवार को प्रत्येक गुंबद के पीछे चौकोर निकायों द्वारा बाह्य समर्थन दिया गया है, प्रत्येक के किनारों को एक टैपिंग बट्रेस (tapering buttress) द्वारा समर्थित किया जाता है; बड़े टैपिंग बट्रेस दीवार के मुख्य कोणों का समर्थन करते हैं।
इस मस्जिद में एक खूबसूरत मेहराबदार बरामदे के जरिए पहुंचा जा सकता है। आगे चल कर यह एक प्रार्थना कक्ष तक जाता है। मस्जिद के छत पर अलग-अलग आकार के तीन गुंबद बने हैं। यह शहर का एक प्रसिद्ध लैंडमार्क (Landmark) भी हैं।यह मस्जिद 258 वर्ग फीट में स्थित है तथा इसका आँगन 177 फीट का है। इस मस्जिद के प्रत्येक मेहराब सुन्दरता के साथ बनाये गएँ हैं तथा इन पर काली पट्टी से घेरा गया है। इस मस्जिद में काले संगमरमर का प्रयोग किया गया है। इस मस्जिद के प्रत्येक मेहराब को कलाकृतियों से अलंकृत किया गया है। इसकी दीवारों पर भी विभिन्न प्रकार के अलंकरण किये गए हैं। अटाला के द्वारों पर तारे का निशान भी बनवाया गया है जो की इस्लामिक इमारतों में बड़े पैमाने पर मिलता है। इस मस्जिद में जनाना के लिए भी स्थान बनवाया गया है जो की आंगन के तीन तरफ बने दो मंजिला ईमारत के दूसरी मंजिल पर है। यहाँ की छत और दीवारें भी अलंकृत की गयी हैं। अटाला मस्जिद आज पूरे भारत की सुन्दर मस्जिदों में से एक है तथा अपने प्रकार की यह एकलौती मस्जिद भी है। अटाला मस्जिद जौनपुर में बड़े पैमाने पर पर्यटकों को आकर्षित करने का दम रखती है। तथा इसकी कलाकृतियाँ यहाँ के विशिष्ट कला को प्रदर्शित करती हैं।
संदर्भ:-
https://bit.ly/2SBH1AX
https://bit.ly/2SrRte4
https://bit.ly/2R29O13
चित्र संदर्भ:-
1.अटाला मस्जिद का एक चित्रण (Wikimedia)
2.अटाला मस्जिद का एक चित्रण (twitter)
2.अटाला मस्जिद गुंबद का एक चित्रण (Youtube)