जैज फ्यूजन(Jazz Fusion ) क्या है? और भारतीय संगीत तथा पश्चिमी संगीत का समावेश

जौनपुर

 30-04-2021 07:37 AM
ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

जैज़ फ्यूजन या "जैज-रॉक फ्यूजन" जिसे (संयोजित और प्रगतिशील) संगीत शैली के नाम से भी जाना जाता है, यह 1960 के दशक के अंत में शुरू हुई, जब पश्चिमी संगीतकारों ने कुछ अन्य पश्चिमी संगीत शैली जैसे रॉक म्यूजिक(rock music), फंक(funk) और रिद्म (rhythm)और ब्लूज़(blues) में कुछ उत्कृष्ट सुधार किये, और एक नए बेहतरीन संगीत शैली का निर्माण किया जिसे जैज फ्यूजन संगीत शैली के नाम से जाना जाने लगा। विशेष रूप से ऐसे संगीतकार जो रॉक एंड रोल सुनकर बड़े हुए थे, उनके द्वारा लोकप्रिय इलेक्ट्रिक गिटार, एम्पलीफायरों और कीबोर्ड जैसे वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल किया जाने लगा। जैज को रॉक संगीत शैली के साथ मिलाये जाने पर जैज़ फ्यूज़न का निर्माण होता है। जैज़ फ्यूजन सामान्यतः केवल वाद्ययंत्र के साथ बजाया जाता है, बिना किसी गायक अथवा गायन के साथ।आमतौर पर जहा पॉप संगीत 3 से 5 मिनट तक लंबा होता है, वहीँ जैज़ फ्यूज़न पांच से दस मिनट तक लंबा हो सकता है। यह केवल वाद्य यन्त्र की सहायता से लम्बे समय तक बजाया जाने वाला एकल संगीत है। उदाहरण के लिए, फ्रैंक ज़प्पा(Frank Zappa) जैज़ फ्यूजन शैली के संगीतकार थे, जो लम्बे समय तक जैज़ शैली में एकल(Solo) गिटार बजाते थे।


जैज़ फ्यूज़न का संगठित संयोजन (Arrangements) करना बेहद जटिल कार्य होता है। जहाँ एक ही राग को प्रदर्शित करने के लिए वाद्य यन्त्र की कुंजी को बार-बार अलग-अलग खांचों में बारीकी के साथ नियोजित करना पड़ता है। जैज संगीत शैली के सामान ही जैज फ्यूजन में तुरही (trumpet) और सैक्सोफोन(saxophone) जैसे पीतल और लकड़ी के वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल होता है। साथ ही अन्य वाद्ययंत्रों को अक्सर इनके विकल्प के रूप में लिया जाता है। जैज़ फ्यूजन बैंड में पियानो(Piano) और डबल बास(double bass) का उपयोग संभवतः कम ही किया जाता है, और इलेक्ट्रिक गिटार(electric guitars), सिंथेसाइज़र और बास गिटार(synthesizers, and bass guitars) का उपयोग प्रमुखता से किया जाता है। 1960 के दशक के अंत और 1970 के दशक की शुरूआत में जब पहली बार जैज़ फ्यूज़न शुरू हुआ तब कुछ लोकप्रिय जैज़ संगीतकारों और जैज़ बैंड ने जैज़ संगीत में इलेक्ट्रिक बेस और इलेक्ट्रिक पियानो जैसे इलेक्ट्रिक उपकरणों का उपयोग करना शुरू किया।

संगीतकारों ने अपने जैज़ संगीत में रॉक म्यूजिक के साथ-साथ लय और ब्लूज संगीत को भी जोड़ा साथ ही ए साइलेंट वे (a Silent Way) और बिट्स ब्रू (Bitches Brew) जैसी लोकप्रिय जैज़ फ्यूजन का निर्माण किया। 1970 के दशक के दौरान संगीतकारों ने एक दशक की लोकप्रियता के बाद, रेडियो के अनुकूल जैज़ संगीत शैली का निर्माण किया। 1980 के दशक में भी जैज़ के साथ प्रयोग जारी रहे, और जैज़ की रेडियो अनुकूलित अंदाज को शांत जैज़ (smooth jazz) का नाम दिया गया। 1980 के दशक की शुरुआत में, "पॉप फ्यूजन" (Pop Fusion) नामक जाज फ्यूजन की एक नई संगीत शैली उभरकर आयी "पॉप फ्यूज़न" का अंदाज 1970 के फ्यूज़न की तुलना में अधिक शांत और धीमा था, और रेडियो पर भी अन्य फ्यूज़न की तुलना में अधिक प्रसारित होने लगा। पॉप फ्यूजन संगीतकारों में ली रिटेनर(Lee Ritenour ), अल जरारू( Al Jarreau), केनी जी(Kenny G,), बॉब जेम्स( Bob James) और डेविड सनबर्न(David Sanborn) के नाम प्राथमिकता से लिए जाते हैं।


भारत के शास्त्रीय संगीत का पश्चिमी शास्त्रीय संगीत , जैज़ और लोकप्रिय संगीत पर गहरा प्रभाव पड़ा। पश्चिम में भारतीय संगीत की लोकप्रियता में निर्णायक भूमिका निभाने वाले पहले भारतीय संगीतकारों में स्वदेशी भारतीय वाद्य यंत्र सितार वादक रविशंकर और उनके साथ अली सरोद वादक अकबर खान शामिल थे। लेकिन पिछले एक दशक के दौरान सबसे प्रभावशाली भारतीय संगीतकारों में से दो एल शंकर और एल सुब्रमण्यम हैं। उन्होंने विगत दशक के दौरान अंतरराष्ट्रीय करियर का शुभारंभ किया है। वे दोनों भाई हैं, तथा यूरोपीय वायलिन बजाते हैं। फ्यूजन केवल पूर्व और पश्चिम के संगीत का मिश्रण न होकर हमारी अपनी भारतीय संगीत प्रणालियों का मिश्रण भी है। उदाहरणतः भीमसेन जोशी और एम बालमुरलीकृष्ण जैसे दिग्गज संगीतकारों ने संकेतन के रागों और वाद्य यंत्रों का चुनाव किया, जिसकी बदौलत उन्होंने अलग-अलग नाम और संरचनात्मक संगीत का प्रतिपादन किया। जैज फ्यूजन एक बेहद व्यापक श्रेणी है, मूल रूप से, ये इलेक्ट्रॉनिक्स(electronic) वाद्ययंत्र , रॉक(Rock ), फंक(Funk ) और तकनीक के साथ जैज शैली की जुगलबंदी का परिणाम है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3eyFdQq
https://nyti.ms/3t1yvrt
https://bit.ly/2R7HgD7
https://bit.ly/3eERAKF


चित्र सन्दर्भ:
1. सैक्सोफोन का एक चित्रण (Unsplash)
2. वाद्य यंत्रों का एक चित्रण (freepik)
3. सितार वादक रविशंकर का चित्रण (Youtube)



RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id