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धरती पर जीवन प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए वृक्ष संभवत: सबसे अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। पेड़-पोंधे न केवल हमें जीवन दायिनी वायु ऑक्सीज़न (Oxygen) प्रदान करते हैं, वरन हमारी धरती को ठंडा रखने के लिए भी बहुत ज़रूरी होते हैं। धरती पर पेड़ों की महत्ता किसी भी प्रकार से नज़रअंदाज़ नहीं की जा सकती। इंसानियत का पूरा अस्तित्व जंगलों पर निर्भर है। सांस लेने के लिए प्राणवायु से लेकर ईंधन तक हर प्रकार की आवश्यकता घने जंगल पूरा कर देते हैं।
जंगलों का उपयोग बड़े पैमाने पर कागज़, बनाने हेतु किया जाता है। अखबार और भोतिक पुस्तकों के निर्माण में लकड़ी का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। चूँकि इंटरनेट के विस्तार से दस्तावेज और कई अन्य क्षेत्रों में कागज का उपयोग बेहद कम हो गया है। जो की इनके संरक्षण के नज़रिए से एक अच्छी खबर है। साथ ही जंगल की लकड़ी का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन, और डिटर्जेंट जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं में किया जाता है।
जंगल प्रकृति में पाए जाने वाले 80% से अधिक जीव-जंतुओं का घर है। जंगली जानवर भोजन-पानी और शिकार इत्यादि के लिए पूर्णतया जंगलों पर आश्रित होते हैं। साथ ही जंगल विश्व के 60 मिलियन से अधिक लोगों के भोजन और जीवन संचालन के लिए महत्वपूर्ण आजीविका का स्रोत हैं। लगभग 300 मिलियन लोग जंगलों में निवास करते हैं, परन्तु यह भी एक कटु सत्य है की हम निरंतर जंगलों को खो रहे हैं। एक सर्वेक्षण से पता चला है की 1990 से 2019 के बीच दुनिया से 129 मिलियन हेक्टेयर जंगलों का सफाया हो चुका है। यह अनुमानतः पूरे दक्षिण अफ्रीका के भौगोलिक क्षेत्र के बराबर है। कुदरत हमें चेतावनी देना शुरू कर चुकी है, यदि समय रहते हमने इसको नहीं सुना, तो निकट भविष्य में भयंकर प्राकर्तिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे अनेक तरीके है जिनकी वजह से पेड़ हमारे शहरों की जीवंतता बनाए रखते है। परन्तु हाल के वर्षों में शहरों में पेड़ों की संख्या में बड़ी कमी आयी है। पुराने और विशाल वृक्षों की जगह नए पोंधे लगाए जा रहे ।कुछ ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से हमारे शहरों को पेड़ों के आवरण से ढकना जरूरी हो गया है।
● शहरों में उगाए गए पेड़ पोंधे शहर के सौंदर्य में वृद्धि करते हैं। हरे-भरे पेड़ जहाँ शहरों को सुंदर बनाते हैं, वही वातावरण को ठंडा रखने में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
● धरती पर यदि 10% भी पेड़ों को बड़ा दिया जाय तो वायुमंडल में ओज़ोन (Ozone) परत के विस्तार में 7-8% तक की कमी आ जाती है।
● एक वृक्ष प्रतिवर्ष लगभग 21.6 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है। तथा 2 व्यक्तियों के लिए पर्याप्त ऑक्सीज़न प्रदान करता है।
● पेड़ वातावरण से सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट, कार्बन मोनोऑक्साइड, कैडमियम, निकल के कणों को कम कर देते हैं, जो कि तनाव , त्वचा के कैंसर, अस्थमा, उच्च रक्तचाप जैसी घातक बिमारियों को भी कम कर देता है।
● साथ ही सड़कों के किनारों पर यदि वृक्षारोपण किया जाय तो गाड़ियों के हानिकारक धुएं के कणों में 60 प्रतिशत की कमी आ जाती है।
● पेड़-पोंधे शहरों में ध्वनि प्रदुषण को कम करने में सहायक होते हैं। जो कि वाहनों से होने वाले शोर जनित रोगों को कम कर सकते हैं।
● किसी क्षेत्र की कुल भूमि में यदि 5% पेड़ लगाए जाए, तो यह तूफ़ाओं और मृदा प्रदुषण को साथ ही बरसातों में होने वाले जल प्रवाह को 2% तक कम कर सकते हैं।
● पेड़ों से आवांछित भूमि की कीमत में 5-15% तक की वृद्धि हो जाती है। अर्थात व्यावसयिक रूप से भी वृक्ष बहुत अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
● अधिक पेड़ों वाले क्षेत्र में आश्चर्यजनक रूप से अपराधों में कमी देखी गयी है, जो कि अपराध रोकने में सहायक हो सकते हैं।
पर्यावरण संरक्षण के परिपेक्ष में जौनपुर अच्छी स्थिति की ओर अग्रसर है। जौनपुर जिले में पिछले पांच वर्षों में वृक्ष आच्छादित क्षेत्रों के अनुरूप 17% की वृद्धि देखी गई है। हरियाली को संरक्षित करने के लिए हर साल एक सौ हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही वन विभाग द्वारा यहाँ पर 60 लाख नए पौधों को रोपित किया गया है। शहर में वृक्षों के बढ़ने से निकट भविष्य में साफ़ हवा का स्तर बढ़ेगा, जो कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छी खबर साबित हो सकती है।