प्रकृति हमेशा से हम इंसानों के लिए एक अनसुलझी पहेली रही है। रोज़ हो रहे नए आविष्कार और नए तत्वों की खोज से आप और हम केवल इतना ही जान पाए है, की हम बहुत कम जानते है। और अभी भी विज्ञान के क्षेत्र में हमें बहुत लंबा सफर तय करना बाकी है।
यहाँ तक कि हम इंसान भी तत्वों और हमारे सौर मंडल में उपस्थित घटकों का एक बेहद सटीक परिवर्तित रूप है। जीव जंतुओं और हम इंसानों के खून में आयरन, डीएनए में नाइट्रोजन, दांतों में कैल्शियम, और प्याज,सेब आदि कुछ फलों में कार्बन, प्रचुर की मात्रा पायी जाती है। यहाँ तक की हमारी ब्रह्मांड का निर्माण ही आज से 13.7 अरब वर्ष पूर्व ब्रह्माण्ड में एक बड़े विस्फोट से हुआ था। जिसे आज हम एक मशहूर बिग बैंग सिद्धांत के नाम से जानते है। ब्रह्माण्ड में एक बड़ा विस्फोट होने से इसमें समाहित प्रत्येक कण फैलने लगा। और यह कण आज भी निरंतर फैल रहा है। अर्थात हमारा ब्रह्मांड आज भी हर दिन एक निश्चित अनुपात में बढ़ रहा है। इसी बात से हम अनुमान लगा सकते है, की प्रकृति को पूरी तरह समझना कितना जटिल है।
जैसे आज हम हमारी पृथ्वी को देखते है, उसे उस आकार और रूप में ढलने में करोड़ों सालों का समय लगा।
और इसके विकास में विभिन्न अवयवों, गैसों तथा तत्वों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा। तत्वों को थोड़ा और विस्तार से समझते है। एक समान तरह के परमाणुओं से बने पदार्थ अथवा ऐसे परमाणु जिनके नाभिक में प्रोटॉन की संख्या समान होती है, ऐसे शुद्ध पदार्थों को तत्व या रासायनिक तत्व कहते है। अभी तक लगभग 116 तत्वों की खोज की जा चुकी है। कुछ तत्वों के उदाहरण- हाइड्रोजन, कार्बन, सल्फर, कैल्शियम है।
तत्वों को और अधिक बेहतर समझने के लिए आप तत्वों की आवर्त सारणी की सहायता ले सकते हैं। आवर्त सारणी तत्वों को दर्शाने की एक आदर्श व्यवस्था है। जिसमे तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के आधार पर लगाया गया है। रूसी रसायन वैज्ञानिक मेंडलीफ ने सर्वप्रथम आवर्त सारणी की खोज की थी। समय गुजरने के साथ-साथ मोजले और अन्य रसायन शास्त्रियों ने आवर्त सारणी में कई बदलाव किये और समय समय पर इस सारणी को नए स्वरूप में प्रतिपादित करते रहे।
जब एक या एक से अधिक तत्वों को प्राकृतिक या कृत्रिम तरीकों से मिलाया जाता है तो हमें खनिज की प्राप्ति होती है। आसान भाषा में समझें तो यूँ कह सकते है,” की एक या एक से अधिक तत्वों को मिलाने पर जो परिणाम प्राप्त होता है, उसे खनिज कहा जाता है”। बॉक्साइट, कोयला, लोहा, मैंगनीज आदि खनिजों के कुछ उदाहरण हैं।
खनिज मूल रूप से 3 प्रकार के होते है:-
1- धात्विक खनिज: इसमें निकेल, कोबाल्ट, लौह अयस्क आदि आते है।
2- अधात्विक खनिज: इसमें ग्रेफाइट, पोटाश, गंधक, आदि आते है।
3- ऊर्जा खनिज।: इसमें पेट्रोलियम, कोयला, यूरेनियम, प्राकृतिक गैस आदि आते है।
भारत को विश्व के बड़े खनिज संपन्न देशों में गिना जाता है। भारत में ऐसे अनेक बहुउपयोगी खनिज पाये जाते हैं। जिनके उत्पादन के लिए हम पूर्णतः आत्मनिर्भर है - बैराइट, स्लेट, कोयला, बलुआ पत्थर, क्रोमाइट, चूने का पत्थर, एंडीमनी, डोलोमाइट, फॉस्फेट, तांबा, आदि जैसे खनिज भारत में प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। यहाँ से खनिज बड़ी मात्रा में दूसरे देशों को निर्यात भी किये जाते है। भारत में लगभग 100 या उससे अधिक प्रकार के खनिज पाए जाते है।
भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर-प्रदेश में भी भारी मात्रा में खनिज पाया जाता है। यह खनिज सम्पदा मुख्यतः विन्ध्य पर्वत श्रंखला के बीच प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। जिसमें तांबा, चूना पत्थर, मैग्नेसाइट प्रमुख हैं।
उत्तर प्रदेश में पाए जाने वाले खनिजों की सूची निम्नवत है.
संदर्भ:
https://to.pbs.org/3vbgIAp
https://bit.ly/3rG0ywG
https://bit.ly/3euETDM
https://bit.ly/2OP5659
चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र सुपरनोवा रूप दिखाती है। (istock)
दूसरी तस्वीर में खनिजों को दिखाया गया है। (फ्रीपिक)
तीसरी तस्वीर आवर्त सारणी में सीसा दिखाता है। (istock)