अक्सर हम यही सोचते हैं, कि ‘व्यवहार’ और ‘बुद्धिमत्ता’ जैसी चीजें या गुण केवल मनुष्य या अन्य जंतुओं में ही होते हैं, किंतु वास्तव में ये सभी गुण पौधों में भी देखने को मिलते हैं। पौधों का व्यवहार वही है, जिसे वे अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए प्रदर्शित करते हैं। जंतुओं द्वारा किसी भी कार्य को करने के लिए गति की जाती है, तथा यह गति उसके व्यवहार को प्रदर्शित करती है। जंतु अपनी शारीरिक संरचना में परिवर्तन लाए बिना अनेकों कार्य कर सकते हैं, लेकिन अधिकांश पौधे किसी भी कार्य के लिए या तो अपनी शारीरिक बनावट में वृद्धि करते हैं या फिर अपने शरीर के अंगों को त्याग देते हैं। इन दोनों ही स्थितियों में पौधे के आकार या रूप में परिवर्तन होता है। इस प्रकार पौधे प्रारूपी नमनीयता (Phenotypic plasticity) प्रदर्शित करते हैं, जिसे उनके व्यवहार के रूप में जाना जाता है। वे अपने व्यवहार में सीखने, याद रखने और बुद्धिमत्ता जैसी विशेषताओं को भी प्रदर्शित करते हैं। स्मृति वह सूचना है, जिसका उपयोग आने वाले समय के लिए किया जाता है, सीखना, सूचनाओं का अधिग्रहण है और बुद्धिमत्ता सूचना का वह मूल्यांकन, जो अनुकूलन और समस्याओं को हल करने जैसी प्रतिक्रियाओं को जन्म देती है। पौधों में उनके पर्यावरण के कारण होने वाला एपिजेनेटिक (Epigenetic) परिवर्तन (ऐसे परिवर्तन जो स्थायी नहीं है और डीएनए (DNA) अनुक्रम को नहीं बदलते हैं), उन्हें उनकी पिछली पर्यावरणीय परस्पर क्रियाओं को याद रखने में मदद करता है। इस प्रकार वे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो जाते हैं। पौधे की स्मृति के इस परिष्कृत व्यवहार को कुछ लोगों द्वारा बुद्धिमत्ता माना जाता है। पादप जीव वैज्ञानिकों और न्यूरोबायोलॉजिस्ट (Neurobiologists) द्वारा ऐसे दर्जनों शोध पत्र, सैकड़ों लेख और वीडियो (Video) तैयार एवं प्रकाशित किये गये हैं, जो पादप बुद्धि के कई पहलुओं पर चर्चा करते हैं। कठिन अनुसंधानों और प्रयोगों के माध्यम से पादपों द्वारा प्रदर्शित किये जाने वाले कुछ व्यवहारों की पुष्टि की गयी है। इन व्यवहार विशेषताओं में संचार, सीखना, समस्याओं को सुलझाना, स्मृतियां और उन्हें याद रखना शामिल हैं।
भले ही पौधों में मानव और जंतुओं के समान मस्तिष्क नहीं होता, लेकिन वे उन सभी कार्यों को करने में सक्षम हैं, जिन्हें प्रायः मस्तिष्क द्वारा संचालित या निर्धारित माना जाता है। मस्तिष्क की अनुपस्थिति के बावजूद भी पौधे कुछ स्तर के बुद्धिमान व्यवहार को प्रदर्शित करने में सक्षम हैं। बुद्धिमान व्यवहार को आमतौर पर तब पहचाना जा सकता है, जब पौधों सहित कोई जीव प्रतिस्पर्धी या प्रतिकूल, वास्तविक दुनिया की परिस्थितियों का सामना करता है और अपनी उत्तरजीविता की संभावना में सुधार के लिए अपने व्यवहार को बदलता है। ऐसी परिस्थितियों को सामान्यतः वास्तविक दुनिया के वातावरण में रहने वाले सभी जीवों द्वारा अनुभव किया जाता है। इन जीवों या पौधों का अस्तित्व बहुत ही अनिश्चित होता है। पौधों में अन्य जीवों के साथ सूचना और संसाधनों को साझा करने की क्षमता होती है। यह संचार, पेड़ों की जड़ संरचनाओं के आसपास वृद्धि करने वाले भूमिगत माइकोराइजल (Mycorrhizal) तंत्र या तंतुओं के जाल के माध्यम से होता है। इस तंत्र को "वुड वाइड वेब" (Wood Wide Web) भी कहा जा सकता है, जिनका उपयोग पोषक तत्वों के परिवहन से लेकर किसी भी संभावित खतरे का संकेत देने के लिए किया जा सकता है। ये तंत्र पेड़ों के बीच एक इंटरनेट (Internet) जैसा संचार तंत्र बना लेते हैं, जिनकी वजह से किसी जंगल के सभी पेड़ों के बीच संचार होता है। संदेश और संसाधनों का आदान-प्रदान करने के लिए वे अपने आस-पास मौजूद कवकों के साथ सहजीवी संबंध बनाते हैं। संचार के अलावा पौधों में पिछले अनुभवों से सीखने और उन्हें याद रखने की भी क्षमता होती है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण छुईमुई का पौधा है, जो किसी उत्तेजक के लिए अपनी प्रतिक्रियाएं देता है तथा अपनी बुद्धिमत्ता, याद रखने की क्षमता इत्यादि को प्रदर्शित करता है। छूने पर इसकी पत्तियां अंदर की ओर मुड़ जाती हैं, तथा कुछ समय के बाद अपने आप खुल जाती हैं। यदि इसे बार-बार छुआ जाए, तो पौधा अपनी पत्तियों को मोड़ना बंद कर देता है। इसका मतलब यह है, कि वो जान गया है, कि उसे अब कोई खतरा नहीं है। यह प्रतिक्रिया पौधे को उन जानवरों से बचाने में मदद करती है, जो इन्हें नुकसान पहुंचा सकते है।
पौधे पर्यावरण के साथ होने वाली अपनी परस्पर क्रियाओं की जानकारी संग्रहित रखते हैं तथा परिवेश की स्थितियों के संदर्भ में उस जानकारी का मूल्यांकन भी करते हैं। पौधे अपने पिछले अनुभवों के आधार पर भविष्य की स्थितियों का अंदाजा भी लगा सकते हैं। इस प्रकार पिछले पर्यावरणीय तनाव की यादें पौधों को भविष्य के तनाव को दूर करने में मदद कर सकती हैं। पौधों द्वारा बुद्धिमान व्यवहार प्रदर्शित करना हमारे लिए कई तरीकों से फायदेमंद हो सकता है, जैसे इससे पौधों के व्यवहार की बेहतर समझ प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा पौधों की अनुकूलन क्षमता के आणविक और आनुवांशिक आधार को भी बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3krIXpA
https://bit.ly/3bIyDoS
https://bit.ly/3qU4ZUk
https://bit.ly/3ss9Psi
https://bit.ly/2ZTN18g
चित्र संदर्भ:
मुख्य तस्वीर पौधों के कार्टून को दिखाती है जो पौधों में बुद्धि का वर्णन करते हैं। (पिक्साबे)
दूसरी तस्वीर में सूरजमुखी सूरज की ओर देखते हुए दिखाया गया है।(snappygoat)
तीसरी तस्वीर में पपीते के पौधों को उगते हुए दिखाया गया है। (पिक्साबे)