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मोटर वाहन अधिनियम के तहत बढ़ाए गए जुर्माने को लागू किए हुए कुछ ही समय हुआ है। जब से संशोधित अधिनियम को लागू किया गया है, तब से देश भर में 25,000 रुपये से लेकर 6.5 लाख रुपये तक का लोगों का चालान किया गया है। ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां दो पहिया, चार पहिया वाहनों के मालिकों ने भारी मात्रा में जुर्माने पर अपनी गहरी नाराजगी जताई है। 25,000 रुपये के चालान की वजह से लोगों को अपने वाहनों को त्यागते हुए की वीडियो (Vedio) सामाजिक मीडिया (Media) पर सामने आए हैं। हालाँकि, तमाम आक्रोश और गुस्से के बावजूद, संशोधन के उद्देश्य का प्रभाव दिखाई देने लग गया है। इसके कार्यान्वयन के कुछ समय बाद ही वाहन मालिकों को यह महसूस होने लग गया कि विभिन्न प्रमुखों के तहत लगाए जाने वाले दंड शुल्क को वे न केवल वहन करने में असमर्थ थे बल्कि चुकाने में भी असमर्थ थे, जिसके नतिजन उन्होंने अपने वाहनों को त्यागने का गंभीर फैसला लेना ही उचित समझा।
वहीं अगर हम देखें तो भारत में लगाए जाने वाला ये जुर्माना लोगों की कमाई की तुलना में बहुत अधिक है। उदाहरण के लिए गति सीमा पार करने के लिए भारत में, मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के बाद, जुर्माना की राशि पहले 500 रुपये से बढ़कर 5,000 रुपये हो गई है। लोगों की भुगतान क्षमता को ध्यान में रखते हुए, यदि आय का अनुमान लगाया जाए तो यह राशि काफी अधिक है। देश में प्रति व्यक्ति आय लगभग एक लाख है। इसलिए एक औसत भारतीय प्रतिदिन लगभग 300 रुपये कमाता है और 5,000 जुर्माना उसकी लगभग 25 दिनों की कमाई है। अब एक नजर सिंगापुर (Singapore) पर डालें। इसकी प्रति व्यक्ति आय लगभग 60 लाख (प्रतिवर्ष) या 18 हजार प्रति दिन है और वहां उच्च गति में वाहन चलाने का जुर्माना लगभग 9 हजार रुपये है, जो केवल आधे दिन की कमाई है। ऐसे ही संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) में, प्रति व्यक्ति की कमाई लगभग 40 लाख (प्रतिवर्ष) है, यानि एक दिन की कमाई लगभग 18 हजार है। भले ही यहाँ पर उच्च गति में वाहन चलाने का जुर्माना लगभग 29 हजार है, यह फिर भी लगभग 2.5 दिनों की आय जितना है।
यही संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भी है जहां प्रति व्यक्ति लगभग 43 लाख (प्रतिवर्ष) कमाता है। वहाँ दो हजार के जुर्माने की राशि पांच दिनों में कमाई जा सकती है। ये प्रति व्यक्ति आंकड़े 2017 से लिए गए हैं। विदेश में जुर्माना राज्य से प्रांत में भिन्न होता है और उल्लंघन की सीमा पर निर्भर होता है - जैसे-जैसे अति-गति बढ़ जाती है, ये काफी बढ़ जाते हैं। भारत में, ऐसा कोई वर्गीकरण नहीं है। इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि दंड में भुगतान करने के लिए अब एक औसत भारतीय को कितना अधिक भुगतान करने की आवश्यकता है।
हालांकि, उच्च-दंड की दहशत के बीच, बहुत से लोगों ने मोटर वाहन अधिनियम के निम्न 9 महत्वपूर्ण लाभों पर ध्यान नहीं दिया :
वाहन उपयुक्तता : मोटर वाहन अधिनियम संशोधन वाहनों के लिए स्वचालित उपयुक्तता परीक्षण को अनिवार्य करता है। यह न केवल परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार को कम करेगा, बल्कि वाहन की सड़क योग्यता में भी सुधार करेगा। वास्तव में, सुरक्षा/पर्यावरण नियमों के साथ-साथ वाहनों के निर्माताओं और स्पेयर पार्ट (Spare part) आपूर्तिकर्ताओं के जानबूझकर उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाना सुनिश्चित किया गया है। इस संशोधन के साथ, मोटर संबंधी अनुमोदन जारी करने वाली परीक्षण संस्थाओं को अधिनियम के दायरे में लाया गया है और मोटर वाहन परीक्षण संस्थानों के लिए मानक निर्धारित किए जाएंगे।
वाहन को वापस करना: इसके अलावा, केंद्र सरकार अब मोटर वाहनों को वापस करने के लिए आदेश देने के लिए पात्र है यदि वाहन में कोई खराबी है जो पर्यावरण, या वाहन चालक, या अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं को नुकसान पहुंचा सकती है। वापस किए गए वाहन के निर्माता को वाहन की पूरी लागत की प्रतिपूर्ति करनी होगी या दोषपूर्ण वाहन को समान या बेहतर विनिर्देशों के साथ किसी अन्य वाहन से बदलना होगा।
तृतीय-पक्ष बीमा: संशोधन में तीसरे पक्ष के बीमा में चालक के परिचर को शामिल किया गया है। साथ ही, बीमाकर्ताओं की देनदारी पर कोई ढील नहीं होगी। बीमा मुआवजे में 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक की दस गुणा की बढ़ोतरी भी होगी। दावा प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। अगर पीड़ित परिवार 5 लाख रुपये मुआवजा स्वीकार करने के लिए सहमत है तो संशोधन से बीमा कंपनियों (Company) को एक महीने के भीतर दावे का भुगतान करने के लिए कहा गया है।
सड़क सुरक्षा समिति: संशोधित अधिनियम एक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा समिति के लिए सुसज्जित करता है, जिसे एक अधिसूचना के माध्यम से सरकार द्वारा बनाया जाना है। यह समिति केंद्र और राज्य सरकारों को सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के सभी पहलुओं पर सलाह देगी जिसमें मोटर वाहन के मानक, वाहनों के पंजीकरण और लाइसेंसिंग (Licensing), सड़क सुरक्षा के लिए मानक और नई वाहन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना शामिल है।
मोटर वाहन दुर्घटना निधि: अधिनियम में अब केंद्र सरकार को भारत में सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य बीमा आवरण प्रदान करने के लिए मोटर वाहन दुर्घटना निधि का गठन करने की आवश्यकता है।
ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस (Online driving licenses): अधिनियम अनिवार्य ऑनलाइन पहचान सत्यापन के साथ ऑनलाइन लर्नर (Learner) लाइसेंस के लिए प्रदान करता है। फर्जी डीएल (DL) से बचने के लिए ड्राइविंग परीक्षण का कंप्यूटरीकरण (Computerised) किया जाएगा।
वाहन पंजीकरण की प्रक्रिया: नए वाहनों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार के लिए, विक्रेता के अंत में पंजीकरण भी सक्षम किया जा रहा है और अस्थायी पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाया गया है।
वाहन चालक प्रशिक्षण: ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को भी मजबूत किया गया है, जिससे परिवहन लाइसेंस जारी किया जा सके। इससे देश में वाणिज्यिक चालकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
साथ ही जैसा की आपको ऊपर ही बताया कि नए अधिनियम में चालान की राशि कई अधिक बड़ा दी गई है, देखा जाएं तो सामान्य गलती में जहाँ पहले 100 रूपए जुर्माने का प्रावधान था, वह अब 500 रूपए कर दिया गया है। बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर पहले 500 रूपए का जुर्माना था तो अब वह 5,000 कर दिया गया है। बिना परमिट (Permit) के गाड़ी चलाने पर पहले 5,000 तक का जुर्माना लगता था तो अब वह 10,000 तक हो गया है। नशा कर के गाड़ी चलाने पर पहले 2,000 रूपए का जुर्माना लगता था, अब यह राशि 10,000 कर दी गयी है। गाड़ी को सीमित रफ़्तार से ऊपर चलाने पर पहले 500 रूपए का चालान लगता था अब वह 5,000 कर दिया गया है। अत्यधिक भार ढोने पर पहले 2,000 का जुर्माना लगता था और प्रत्येक टन पर 1,000 रूपए देना पड़ता था जो कि अब 20,000 रूपए जुर्माना कर दिया गया और उसपर 2,000 रूपए प्रति टन देने का प्रावधान किया गया है। हेलमेट (Helmet) ना पहन कर गाड़ी चलाने पर पहले 100 रूपए का जुर्माना लगाया जाता था जो कि अब 1,000 रूपए कर दिया गया है और साथ ही 3 महीने तक लाइसेंस को रद्द करने का भी प्रावधान है।
वहीं चालान होने की स्थिति में उसी समय चालान का भुगतान न किए जाने पर कोर्ट (Court) में जाकर इस विषय पर कार्य करना पड़ता है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर बिना किसी वकील आदि की मदद से मजिस्ट्रेट (Magistrate) के सामने पेश होकर अपनी गलती स्वीकार कर लेना एक बेहतर विकल्प होता है। ऐसा ना करने पर आवश्यक सबूत या दस्तावेज़ पेश करके मुकदमा लड़ा जा सकता है। आभासीय अदालत का भी विकल्प इस मामले में उपलब्ध होता है जहाँ पर एक वेबलिंक (Weblink) के सहारे चालान का भुगतान किया जा सकता है। तकनीकी के इस युग में यातायात अधिकारियों ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के प्रयास में सीसीटीवी (CCTV)-सक्षम ई-चालान (e-Challan) प्रणाली पेश की है। दरसल ई-चालान एक इलेक्ट्रोनिक (Electronic) चालान भरने का तरीका है जो कि किसी प्रकार का यातायात नियम तोड़ने पर एक मैसेज (Message) पर आये हुए लिंक को क्लिक (Click) करके ऑनलाइन (Online) भुगतान करने की सुविधा प्रदान कराता है।
इसमें यदि कोई मोटर चालक किसी भी यातायात नियम को तोड़ता है, तो उसे एक सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) द्वारा दर्ज कर लिया जाता है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज से पकड़े गए वाहन के स्क्रीन-शॉट (Screenshot) से नंबर निकलती है और अपराध को विवरण में दर्ज किया जाता है। फिर यातायात अधिकारी वाहन और उसके मालिक का विवरण खोजने के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के साथ समन्वय करती है। वाहन मालिक का नाम और पता, वाहन का मॉडल (Model) आदि जैसे विवरण प्राप्त करते ही उल्लंघनकर्ता के पंजीकृत फोन नंबर पर एक मैसेज भेजा जाता है। इस मैसेज में अपराध का समय, तारीख और स्थान शामिल होता है। ई-चालान को भुगतने की दो प्रक्रियाँ हैं, सबसे सुविधाजनक तरीका इसे ऑनलाइन (Online) भुगतान करना है, और एक और तरीका ई-चालान का ऑफ़लाइन (Offline) भुगतान करना है, जिसे आप आने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर कर सकते हैं। इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को हर संभव यह कोशिश करनी चाहिए की वह यातायात के नियमों को पालन करें और सड़कों पर सुरक्षित रूप से वाहन को चलाएं।
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