City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2631 | 139 | 0 | 0 | 2770 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
किसी भी राष्ट्र में व्यक्ति की पहचान का प्रबल माध्यम उसकी नागरिक पहचान है जिसे औपचारिक रूप से नागरिकता के रूप में जाना जाता है। आधुनिक राष्ट्र की संरचना में नागरिक पहचान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पहचान की तुलना में प्रभावशाली ढंग से स्थापित हुई है। नागरिकता राष्ट्र और व्यक्ति के मध्य एक औपचारिक संबंध को स्थापित करती है। यह औपचारिक संबंध ही राष्ट्र और व्यक्ति दोनों को एक दूसरे के प्रति कानूनी रूप से उत्तरदायी बनाता है। नागरिकता का मुख्यत: अधिकार और कर्तव्यों पर निर्भर करती है। ऐसे में स्वत: ही अनुमान लगाया जा सकता है कि जो लोग नागरिकता के बिना जीवनयापन कर रहे हैं उनके समक्ष न केवल राष्ट्रीय विहीनता वरन् अस्तित्व का भी संकट मण्डराता है।
भारतीय नागरिकता
• संविधान के भाग-II में अनुच्छेद 5 से 11 तक नागरिकता संबंधी उपबंध दिये गए हैं। इस संदर्भ में नागरिकता अधिनियम 1955 लागू किया गया जिसमें समय-समय पर संशोधन किये गए हैं।
• नागरिकता अधिनियम, 1955 द्वारा नागरिकता अर्जन की निम्न शर्तें उपबंधित की गई-
जन्म के आधार पर,
वंशक्रम के आधार पर,
पंजीकरण के आधार पर,
देशीयकरण के आधार पर,
क्षेत्र समाविष्ट के आधार पर,
जन्म के आधार पर: भारतीय संविधान लागू होने अर्थात् 26 जनवरी, 1950 के बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति 'जन्म से भारत का नागरिक' है। इसके एक और प्रावधान के अंतर्गत 1 जुलाई 1987 के बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है, यदि उसके जन्म के समय उसके माता या पिता (दोनों में से कोई एक) भारत के नागरिक थे।
वंशक्रम के आधार पर: 26 जनवरी 1950 के बाद परन्तु 10 दिसम्बर 1992 से पहले भारत के बाहर पैदा हुए व्यक्ति वंश के द्वारा भारत के नागरिक हैं यदि उनके जन्म के समय उनके पिता भारत के नागरिक थे। और यदि उसके माता या पिता में से कोई भी भारतीय मूल का है तो उस बच्चे को नागरिकता दी जा सकती है। भारतीय मूल की माता की संतान को भी भारतीय नागरिकता प्राप्त हो सकती है यदि वे दोनों भारत में ही रह रहे हों और संतान के पिता द्वारा उसे अपने देश की नागरिकता ना दिलायी गयी हो। विदेश में पैदा होने वाले बच्चों को भारतीय वाणिज्य दूतावास में पंजीकृत होना चाहिए।
पंजीकरण के आधार पर: अवैध प्रवासी के अतिरिक्त यदि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता हेतु भारत सरकार को आवेदन करता है तो निम्न विधियों के आधार पर उसे नागरिकता दी जा सकती है:
1. यदि कोई व्यक्ति पिछले सात वर्षों से भारत में निवास कर रहा है और उसने अपने देश की नागरिकता भी त्याग दी हो तो वह भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
2. भारतीय मूल का वो व्यक्ति जो अविभाजित भारत अर्थात पाकिस्तान और बांग्लादेश से बाहर का नागरिक हो और स्वैच्छा से अपने देश की नागरिकता छोड़कर भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
3. एक व्यक्ति जिसकी शादी किसी भारतीय नागरिक से हुई हो और वो नागरिकता के आवेदन करने से पहले कम से कम सात साल तक भारत में रह चुका हो।
4. विदेश में जन्मा भारतीय मूल के माता पिता की नाबालिक संतान।
5. पूर्ण आयु और क्षमता से युक्त एक व्यक्ति जिसके माता पिता सात साल से भारत में रहने के कारण भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत हैं।
6. पूर्ण आयु और क्षमता से युक्त एक व्यक्ति, या उसका कोई एक अभिभावक, पहले स्वतंत्र भारत का नागरिक था और पंजीकरण के लिए आवेदन देने से पहले एक साल से वह भारत में रह रहा है।
7. पूर्ण आयु और क्षमता से युक्त एक व्यक्ति जो सात सालों के लिए भारत के एक विदेशी नागरिक के रूप में पंजीकृत है और पंजीकरण के लिए आवेदन देने से पहले वह एक साल से भारत में रह रहा है।
देशीयकरण के आधार पर: किसी भी व्यक्ति द्वारा पूर्ण आयु और क्षमता (अवैध प्रवासी न होने) के लिए निर्धारित तरीके से आवेदन किया जाता है, तो उसे देशीयकरण का प्रमाण पत्र प्रदान करने हेतु, केंद्र सरकार, यदि संतुष्ट हो कि आवेदक देशीयकरण के तहत योग्य है तीसरी अनुसूची के प्रावधान, उन्हें देशीयकरण का प्रमाण पत्र प्रदान कर सकती हैं: बशर्ते कि, केंद्र सरकार की राय में, आवेदक एक ऐसा व्यक्ति है जिसने विज्ञान, दर्शन, कला, साहित्य, विश्व शांति या मानव प्रगति के लिए विशिष्ट सेवा प्रदान की है यह तीसरी अनुसूची में निर्दिष्ट सभी या कुछ शर्तों को माफ कर सकती है। एक विदेशी नागरिक देशीयकरण के द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकता है जो पिछले 14 साल में से 12 साल से भारत में रह रहा हो, और आवेदन से पहले उसने 12 महीने का समय भारत में व्यतीत किया हो।
क्षेत्र समाविष्ट के आधार पर: भारत के बाहरी क्षेत्र जैसे भारत के पड़ोसी देश के भू-भाग को अगर भारत में मिलाया जाता है तो वहां उस क्षेत्र में रहने वाले लोग भारत के नागरिक होंगे और भारत सरकार द्वारा उन्हें नागरिकता प्रदान की जाएगी.
नागरिकता की समाप्ति
• नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार नागरिकता से समाप्त करने की तीन स्थितियाँ बताई गई हैं-
स्वैच्छिक त्याग द्वारा,
बर्खास्तगी द्वारा,
वंचन के आधार पर
स्वैच्छिक त्याग द्वारा: यदि पूर्ण आयु और क्षमता वाला भारत का कोई भी नागरिक, निर्धारित तरीके से अपनी भारतीय नागरिकता के त्याग की घोषणा करता है, तो घोषणा निर्धारित प्राधिकारी द्वारा पंजीकृत की जाएगी; और इस तरह के पंजीकरण पर, वह व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं रहेगा: बशर्ते कि अगर भारत में किसी युद्ध के दौरान ऐसी कोई घोषणा की जाती है, जिसमें पंजीकरण हो सकता है, तो पंजीकरण तब तक रोक दिया जाएगा जब तक कि केंद्र सरकार निर्देश न दे।
बर्खास्तगी द्वारा: अधिनियम की धारा 9 (1) के अनुसार भारत का कोई भी नागरिक जो पंजीकरण या समीकरण के द्वारा किसी और देश की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, उसकी भारतीय नागरिकता रद्द हो जाएगी. इसमें यह भी प्रावधान है कि भारत का कोई भी नागरिक जो स्वेच्छा से किसी दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता रद्द हो जायेगी. विशेष रूप से, समाप्ति का प्रावधान त्याग के प्रावधान से अलग है, क्योंकि यह "भारत के किसी भी नागरिक" पर लागू होता है और वयस्कों के लिए ही प्रतिबंधित नहीं है। इसीलिए भारतीय बच्चे भी स्वतः ही अपनी भारतीय नागरिकता को खो देते हैं यदि उनके जन्म के बाद कभी भी वे किसी और देश की नागरिकता प्राप्त कर लेते हैं, उदाहरण के लिए, समीकरण या पंजीकरण के द्वारा-चाहे किसी अन्य नागरिकता के अधिग्रहण बच्चे के अभिभावकों की कार्रवाई का परिणाम ही क्यों न हो।
वंचन के आधार पर: भारत का एक नागरिक जो कि संविधान के अनुच्छेद 5 के खंड (ग) के द्वारा या प्राकृतिक रूप से या संविधान के अनुच्छेद 6 के खंड (ख) (ii) के तहत पंजीकरण के आधार पर रह रहा है।
(i) नागरिकता फर्जी तरीके से ग्रहण की गई हो।
(ii) यदि नागरिक ने संविधान के प्रति अनादर जताया हो।
(iii) यदि नागरिक ने युद्ध के दौरान शत्रु के साथ गैर कानूनी रूप से संबंध स्थापित किए हों या उसने कोई राष्ट्र विरोधी सूचना दी हो|
(iv) पंजीकरण या प्राकृतिक रूप से नागरिकता के पाँच वर्ष के दौरान नागरिक को किसी देश मे दो वर्ष की जेल हुई हो|
(v) नागरिक सामान्य रूप से भारत के बाहर 7 वर्षो से रह रहा हो|
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.