मुद्रा के प्रचलन से पूर्व किसी भी व्यक्ति को किसी से एक वस्तु प्राप्त करने के लिए दूसरी वस्तु देनी पड़ती थी जिसे वस्तु विनिमय कहा जाता था। आगे चलकर विभिन्न शासकों द्वारा मुद्रा का प्रचलन शुरू किया गया जिसमें उनके द्वारा क्रमश: सोने-चांदी के सिक्के चलाए गए। इस मुद्रा का अपना आंतरिक मूल्य होता है, आंतरिक मूल्य वह मूल्य होता है, जो किसी भी वस्तु के भीतर मौजूद होता है। इसे यह मूल्य प्रदान करने के लिए किसी भी प्रकार के अतिरिक्त स्रोत की आवश्यकता नहीं होती है। उदा: मिठास चीनी का एक आंतरिक मूल्य है। वर्तमान में प्रचलित कागजी मुद्रा विभिन्न देशों की सरकार द्वारा जारी की गई मुद्रा है जो भौतिक वस्तु, जैसे सोना या चांदी, द्वारा समर्थित नहीं है। सरकार द्वारा कागजी मुद्रा का मूल्य मांग, आपूर्ति और स्थिरता के बीच संबंध से निर्धारित किया गया है। यहां यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह मांग और आपूर्ति कागजी मुद्रा के उपयोगकर्ताओं द्वारा तय की जाती है।
आज हम वस्तुओं या सेवाओं के बदले किसी भी प्रकार की कागजी मुद्रा का आदान प्रदान करते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि इनसे अन्य वस्तुओं या सेवाओं को खरीदा जा सकता है। उदाहरण के लिए आप एक मोबाइल खरीदते हैं, उसके लिए दुकानदार को पैसों का भुगतान करते हैं और उन पैसों से दुकारनदार अपनी आवश्यकता की वस्तु खरीदता है तथा यह चक्र ऐसे ही चलता रहता है। कागजी मुद्रा को अपना मूल्य सरकार के समर्थन की वजह से प्राप्त होता है, इनका अपना कोई आंतरिक मूल्य नहीं होता है उदाहरणार्थ विमुद्रीकरण से पहले 1000-500 की कागजी मुद्रा का बाजार में विशेष मूल्य था किंतु सरकार द्वारा इस पर रोक लगा देने के बाद यह कागज के टुकड़े मात्र रह गए। कुछ निश्चित मुद्राएं जो सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं द्वारा समर्थित हैं, उनका अपना आंतरिक मूल्य होता है। लेकिन, आज ज्यादातर वैश्विक मुद्राएं कागजी मुद्रा हैं। किसी भी कमोडिटी (commodity) को मूल्यवान होने के लिए उसके भीतर समान मूल्य पर विनिमेय होने की क्षमता होनी चाहिए। कमोडिटी को इस मूल्य को धारण करने या उसे बनाकर रखने में भी सक्षम होना चाहिए ताकि भविष्य में उसका कारोबार किया जा सके।
वर्तमान समय में पारंपरिक मुद्रा या कागजी मुद्रा का उपयोग किए बिना इलेक्ट्रॉनिक (Electronic) माध्यम किया गया भुगतान दो पक्षों के बीच प्रत्यक्ष मूल्य का आदान-प्रदान ही है। हमने हाल के वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान पद्धति की सहजता, पारदर्शिता और सटीकता के कारण इसे स्वीकार कर लिया है। पेटीएम (Paytm), गूगल पे(Google Pay), फोन पे (PhonePe) आदि जैसे पेमेंट ऐप (Payment app) या वॉलेट ऐप (wallet apps) की शुरुआत के साथ, कैशलेस मोड ऑफ ट्रांजैक्शन (cashless mode of transaction) ने स्थायीत्व प्राप्त कर लिया है। अर्थशास्त्र में नेटवर्क के प्रभाव से पता चलता है कि एक वस्तु का मूल्य अधिक संख्या में उपयोग करने वाले लोगों के साथ बढ़ता है।
कागजी मुद्रा के समान ही बिटकॉइन (Bitcoin) (या अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies)) भी किसी भी सोने या चांदी द्वारा समर्थित नहीं है, इसलिए इसका कोई आंतरिक मूल्य नहीं है। किसी भी मुद्रा का मूल्य राज्य के समर्थन और उस विश्वास जो लोग सरकार पर करते हैं, से आता है। इसलिए, किसी भी मुद्रा को एक नेटवर्क के भीतर मूल्य के आदान-प्रदान के रूप में स्थापित करने हेतु, नेटवर्क (network) के लिए यह भरोसा करना महत्वपूर्ण है कि कौन (या क्या) इसे समर्थन दे रहा है। बिटकॉइन एक वर्चुअल (Virtual) अर्थात आभासी मुद्रा है, जिसका अन्य मुद्रा की तरह कोई भौतिक स्वरुप नहीं है यह एक डिजिटल करेंसी (Digital Currency) है। यह एक ऐसी करेंसी है जिसको आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर (Electronically store) होती है। अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है। वर्तमान में विश्व भर में बिटकॉइन काफी लोकप्रिय होता जा रहा है, कई लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर उसे ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं।
बिटकॉइन नेटवर्क की 12 वीं वर्षगांठ पर इसने 34,800 डॉलर से अधिक की नई ऊंचाई हासिल की। हर गुजरते वक्त के साथ बिटकॉइन में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है, 2020 में इसने अपने मूल्य में चार गुना वृद्धि की और 2021 में 30 हजार डॉलर के साथ एक मजबूत शुरूआत की। 2017 के दौरान, यह 1,000 डॉलर से बढ़कर 19,000 डॉलर तक पहुंच गयी, 2018 में इसमें 4000 डॉलर की गिरावट आयी किंतु आगे चलकर इसकी कीमत तीव्रता से बढ़ी। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बिटफ़ाइनेक्स (Cryptocurrency Exchange Bitfinex) के CTO पाओलो अर्दोइनो (Paolo Ardoino) ने कहा, "इसकी संख्या बढ़ती जा रही है क्योंकि बाजार में इससे पहले कभी इतनी अधिक तेजी नहीं आई थी"। "हम सभी बिटकॉइन धारकों का उज्ज्वल भविष्य देख सकते हैं।"
देश के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज (crypto exchange), वज़ीरएक्स (WazirX) के अनुसार, कंपनी (company) ने पिछले छह महीनों में उपयोगकर्ताओं के पंजीकरण में 125% की वृद्धि देखी है, जबकि उसके प्रतिद्वंद्वी कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX ) ने कहा कि उसने पिछले तिमाही में व्यापारियों में 85% की वृद्धि देखी है। कॉइनडीसीएक्स के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमित गुप्ता के अनुसार, यह मंच हर दिन 20-25 मिलियन डॉलर मूल्य का व्यापार कर रहा है, जिसमें से लगभग 75% भारतीय निवेशकों से आता है। दूसरी ओर, वज़ीरएक्स 19-26 मिलियन डॉलर मूल्य का व्यापार कर रहा है, जिसमें 89% लेनदेन भारत से आता है। वज़ीरएक्स के 70% उपयोगकर्ता 30 वर्ष से कम आयु के हैं, जबकि कॉइनडीसीएक्स के अधिकांश उपयोगकर्ता 25-40 वर्ष के मध्य हैं। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि खुदरा निवेशकों की संख्या अब और भी तेजी से बढ़ेगी। उद्योग के दिग्गज विंसेंट पून के अनुसार, उम्मीद है कि बिटकॉइन की कीमत इस बार 100,000 डॉलर तक बढ़ सकती है। दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल संपत्ति 30 नवंबर को बढ़कर 19,577.47 डॉलर हो गई थी, जो अब तक का सबसे उच्च मूल्य था।
निकोलस पैनिगिरत्ज़ोग्लू (Nikolaos Panigirtzoglou) के नेतृत्व वाले जेपी मॉर्गन रणनीतिकारों के एक समूह के अनुसार बिटकॉइन के लिए आने वाले संस्थागत निवेशक दीर्घावधि में सोने पर दबाव डाल सकते हैं। हालांकि अभी सोने की कीमत बिटकॉइन की अपेक्षा अधिक है। जेपी मॉर्गन ने कहा "संस्थागत निवेशकों द्वारा बिटकॉइन को अपनाना अभी शुरू ही किया है, जबकि सोने में संस्थागत निवेश काफी उच्च है, अगर यह माध्यम लंबे समय तक थीसिस (thesis) के लिए सही साबित होता है, तो आने वाले वर्षों में सोने की कीमत संरचनात्मक प्रवाह से कम होगी।" रणनीतिकारों ने यह भी कहा कि बिटकॉइन का आंतरिक मूल्य आने वाले महीनों में काफी बढ़ जाएगा क्योंकि इसकी माइनिंग (mining) गतिविधि में काफी सुधार हो रहा है। जेपी मॉर्गन के मॉडल के अनुसार, वर्तमान में बिटकॉइन का आंतरिक मूल्य लगभग 11-12 हजार डॉलर है। इसकी तुलना इसके मौजूदा बाजार मूल्य से लगभग 18,200 डॉलर से की जाती है। कोविड-19 (COVID-19) महामारी के चलते सारा जगत डिजिटलीकरण (Digitization) की ओर रूख कर रहा है जिसने बिटकॉइन की लोकप्रियता को ओर भी अधिक बढ़ा दिया है।
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