मुगलकालीन प्रसिद्ध व्‍यंजन जर्दा

जौनपुर

 20-10-2020 08:47 AM
स्वाद- खाद्य का इतिहास

मुगल काल के दौरान भारत में कई ऐतिहासिक परिवर्तन हुए, जिसने भारत के परिदृश्‍य को बदल कर रख दिया। इसका प्रभाव आज भी हमारी संस्‍कृति में झलकता है, जिसे हम मुगलकालीन इमारतों, उनके द्वारा बसाए गए शहरों, उनमें रहने वाले लोगों के रहन-सहन, खानपान और पहनावे में देख सकते हैं। आज हम मुगलकाल से ही प्रारंभ हुए एक प्रसिद्ध व्‍यंजन जर्दा के विषय में बात करेंगे। चावल से बनाए जाने वाले इस व्‍यंजन का उल्‍लेख अबुल फ़ज़ल ने अपनी पुस्‍तक आइन-ए-अकबरी में 'जर्द बिरिन्‍ज' के नाम से किया है। जिसे चावल, चीनी, मेवे, केसर, दालचीनी और अदरक से बनाया जाता था। यह मुगल शासक शाहजहां का प्रिय भोजन था। इसे मेहमानों को विशेष रूप से परोसा जाता था।
जर्दा मुख्‍यत: मीठा चावल होता है, जिसमें खाद्य रंग, दूध, चीनी, इलायची, किशमिश, केसर, पिस्ता या बादाम इत्‍यादि डाला जाता है। जर्दा फारसी शब्‍द ‘जर्द’ से बना है, जिसका अर्थ होता है ‘पीला’। इसलिए चावल को पीला रंग देने के लिए पीला या नारंगी खाद्य रंग का प्रयोग किया जाता है। इसे आमतौर पर मीठे चावल के नाम से भी जाना जाता है। सामान्‍यत: इसे खाने के साथ परोसा जाता है किंतु आजकल यह शादियों में मिठाई की तरह उपयोग किया जा रहा है, जो ईरान की परंपरागत मिठाई, 'शोलेज़र्द' के समान है। शोलेज़र्द को भी जर्दा की भांति चावल से बनाया जाता है तथा इसे रंग देने के लि‍ए केसर का उपयोग किया जाता है। इसे तीरगन (Tirgan), रमज़ान जैसे त्‍यौहारों के अवसर पर परोसा जाता है।
पाकिस्‍तान में भी यह काफी प्रचलित है। लीज़ी कोलिंगहैम (Lizzie Collingham) ने अपनी पुस्तक "करी: ए टेल ऑफ कुकस एंड कॉनकरर्स, 2006" (Curry : A Tale of Cooks and Conquerors, 2006) में ' जर्द बिरिन्‍ज ' का उल्लेख किया है, जो आज के समय में 'जर्दा' नाम से प्रसिद्ध है।
जर्दा एक तुर्की मिठाई भी है, यह चावल का एक मिठा हलवा है, जिसे रंग देने के लिए केसर का उपयोग किया जाता है। यह शादियों, जन्मदिन समारोहों और मुहर्रम के पवित्र महीने के पहले दस दिनों के दौरान बनाया जाने वाला एक लोकप्रिय व्यंजन है। तुर्की में, ज़र्दे उन क्षेत्रों में बहुत लोकप्रिय है, जहां पारंपरिक रूप से धान की खेती की जाती है। जर्दा उत्तर प्रदेश में व्यापक रूप से लोकप्रिय है और कई लोगों द्वारा मिठाई के रूप में इसका आनंद लिया जाता है।

संदर्भ:
https://en.wikipedia.org/wiki/Zarda_(food)
http://www.tawarikhkhwani.com/zarda-story-of-an-exotic-mughal-dessert/
https://en.wikipedia.org/wiki/Sholezard
https://en.wikipedia.org/wiki/Zerde
चित्र सन्दर्भ:
पहली छवि मधुर जर्दा का चित्र दिखाती है।(Wikimedia)
दूसरी छवि मधुर जर्दा का चित्र दिखाती है।(Splashr)
तीसरा चित्र शोलेज़ार्ड का है, जिसे पारंपरिक रूप से तीज जैसे त्योहारों के साथ-साथ रमज़ान के अवसर पर भी परोसा जाता है।(wikimedia)
चौथी छवि मधुर जर्दा का चित्र दिखाती है, जो एक तुर्की मिठाई और एक प्रकार का मीठा हलवा है।(wikimedia)


RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id