विकास या पतन की और ले जाती सड़कें

जौनपुर

 12-10-2020 03:10 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

विकासशील देशों में सड़कों का निर्माण अक्सर उसके विकास का पर्याय माना जाता है। जो प्रत्‍येक वर्ग के व्‍यक्ति को लाभ पहुंचाती है। फिर चाहे वह राजनेता हो या फिर उस पर काम करने वाला एक मजदूर। हाल ही में जौनपुर शहर में 1 किलोमीटर की सड़क निर्माण के लिए भू स्‍वामी को लगभग 100 करोड़ रूपय दिए गए। हालांकि यह राशि बाजार के मूल्‍य से चार गुना ज्‍यादा थी, किंतु इसके लिए इन खेतों से लगभग 200 वर्ष पुराने आम के वृक्ष काटे गये, जो पर्यावरण की दृष्टि से तो हानिकारक थे ही, इसके साथ इन वृक्षों से लोगों की धार्मिक आस्‍थाएं भी जुड़ी हुई थी और यह कई पशु पक्षियों का रैन बसेरा भी था, जो सड़क निर्माण के साथ ही उजड़ गया था।
यहां के लोगों ने पूर्ण रूप से आधुनिक जीवन शैली को अपना लिया है और यहां का ग्रामीण परिदृश्‍य कहीं विलुप्‍त सा हो गया है। स्‍थानीय किसानों ने कृषि करना छोड़ दिया है। कोई कर भी ले तो उसकी फसल को आवारा पशुओं के द्वारा नष्‍ट कर दिया जाता है। यह पशु मुख्‍यत: फलीदार फसल को ही खाते हैं, जिस कारण मृदा में नाइट्रोजन की कमी आ गयी है। इन सड़कों से गुजरने वाले आवारा पशु अक्‍सर वाहनों का शिकार हो जाते हैं। यह सड़कें जहां मानव जीवन को आबाद कर रही हैं, तो वहीं पर्यावरण और वन्‍य जीवन को बर्बाद कर रही हैं। जिसकी ओर अभी हम कोई विशेष ध्‍यान नहीं दे रहे हैं। नित दिन न जाने कितने जीव सड़क दुर्घटनाओं की भेंट चड़ जाते हैं। सिर्फ अमेरिका की ही बात करें तो यहां प्रतिदिन लगभग 10 लाख कशेरुकी सड़कों पर मारे जाते हैं। यह मृत्‍युदर पशुओं की आबादी के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
जब वन्‍यजीव सड़कों के माध्‍यम से अपने निवास स्‍थान के लिए गुजरते हैं, तो इनमें से कई वाहनों का शिकार हो जाते हैं। एक अध्‍ययन से पता चला है कि कछुए सड़कों के कारण अपने पसंदीदा निवास स्‍थान तक पहुंचने में नाकाम हो रहे हैं, जिससे उनकी संख्‍या में गिरावट आ रही है। इसके साथ ही सड़कों के निर्माण के दौरान कई वन्‍यजीवों के निवास स्‍थान भी नष्‍ट हो जाते हैं। जिस कारण अनुकूलित परिवेश न मिलने से इनकी संख्‍या में तीव्रता से गिरावट आ रही है।
वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण स्‍थलीय जीव ही नहीं वरन् जलीय जीवों के जीवन को भी प्रभावित कर रहा है। गाड़ियों से निकला मलबा सड़कों की नाली के माध्‍यम से स्‍थानीय तालाब या अन्‍य जल स्‍त्रोतों में बह जाता है, इसमें मौजूद रसायन इनकी जीवनशैली को प्रभावित कर रहे हैं, जो बड़ी संख्‍या में इनकी मृत्‍यु का कारण बन रही है। वाहनों की ध्‍वनि पक्षियों के ध्‍वनि संकेतों को बाधित करती है, जिससे सड़कों के निकट पक्षियों की आबादी में गिरावट आयी है। सड़कों पर मौजूद प्रकाश निशाचर पक्षियों के मार्ग को बाधित करता है।
थोड़ा सा कृत्रिम तकनीकों का प्रयोग करके इनके जीवन को बचाया जा सकता है, जैसे प्रजनन काल के दौरान वनों के निकट की सड़कों पर आवाजाही बंद कर दी जाए। पक्षियों के लिए कृत्रिम घोंसलों का निर्माण कराया जाए, जिससे वे सड़कों के माध्‍यम से आवाजाही बंद कर दें। सांपों के सड़क पार करने के लिए कृत्रिम हाइबरनेकुला (Hibernacula) का निर्माण किया जाए। यह सड़क पर इनकी मृत्‍यु दर की संभावना को कम कर सकता है। जंगली पशुओं के सड़क से गुजरने के लिए सड़क के नीचे से पुल का निर्माण किया जाए, इसका निर्माण पशुओं की अनुकुलता के अनुसार किया जाए, जिससे वे वाहनों का शिकार होने से बच जाए। इसके साथ ही लोगों को भी इस भावी संकट के प्रति जागरूक करना होगा, जिससे वे व्‍यक्तिगत स्‍तर पर भी कुछ प्रयास कर सकें।

संदर्भ:
https://www.downtoearth.org.in/blog/urbanisation/the-ecological-cost-of-highway-to-my-village-69447
https://www.environmentalscience.org/roads
चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में जौनपुर के शाहगंज मार्ग का चित्र है। (Prarang)
दूसरे चित्र में जंगल के मध्य से गुजरते हुए एक मार्ग को दिखाया गया है, जो जंगल और जंगली जानवरों दोनों के लिए हानिकारक है। (wannapng)
अंतिम चित्र में जौनपुर का कलीचाबाद तिराहा दिखाया गया है। (Youtube)


RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id