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वर्तमान समय में कालीन हर घर का हिस्सा है तथा सपाट-बुनी हुई दरियां कालीन का ही एक संस्करण है। दरियां पतले सपाट बुने हुए कालीन हैं, जिसका उपयोग पारंपरिक रूप से दक्षिण-एशिया में फर्श-आवरण के रूप में किया जाता है। दरी की अवधारणा कालीन से थोड़ी अलग है, क्योंकि इसका प्रयोग केवल फर्श को ढकने के लिए ही नहीं बल्कि बिस्तर के आवरण (बेडिंग/Bedding) के लिए भी किया जाता है। आकार, पैटर्न (Pattern) और सामग्री के आधार पर इसका विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जाता है। सबसे छोटी दरी का उपयोग प्रायः टेलीफोन स्टैंड (Telephone Stand) और फूलदान के लिए टेबल कवर (Table Cover) के रूप में किया जाता है। इसके अलावा दरी का उपयोग ध्यान लगाने, बड़े राजनीतिक या सामाजिक समारोहों के लिए भी किया जाता है। दरी 4 प्रकार की सामग्रियों कपास, ऊन, जूट, और रेशम के संयोजन की विविधता से बनाई जाती है। इस सामग्री को पहले धागे में बदला जाता है और फिर दरी में बुना जाता है।
दरी बनाने की प्रक्रिया कालीन के समान नहीं हैं। दरी को बनाने के लिए धागे को ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज रूप से बुना जाता है, जिसका कोई आधार या अस्तर नहीं होता। इसलिए यह पूरी तरह से प्रतिवर्ती, अत्यंत हल्के, तह लगाने योग्य, व टिकाऊ होती हैं। मूल रूप से, भारतीय दरी को सजावटी या दिखावटी के बजाय कार्यात्मक और व्यावहारिक रूप में देखा गया था। 1947 में भारत के विभाजन के समय तक दरियों के रंगों और डिजाइनों (Designs) को भी महत्वपूर्ण नहीं माना जाता था। तब मुल्तान, हैदराबाद और झंग (Jhang) के निवासियों को पानीपत के आसपास के क्षेत्रों में उनके बुनाई के पैतृक शिल्प के साथ स्थानांतरित कर दिया गया। उस क्षेत्र की मिलों (Mills) से प्रतिस्पर्धा का सामना करते हुए, इन पारंपरिक बुनकरों को नए रंगों और अधिक दिलचस्प डिजाइनों को अपनी दरियों को बुनने की कला में शामिल करना पड़ा।
हालांकि फर्श पर बिछाने वाली दरियों का प्रयोग हज़ारों साल से हो रहा है किंतु 20वीं शताब्दी तक इसे आकर्षक नहीं माना जाता था। उस दौर में दरियों के डिज़ाईन और पैटर्न आकर्षक नहीं बनाए जाते थे तथा इसका उपयोग केवल बिस्तर पर कंबल के रूप में या ध्यान लगाने के दौरान आसन के रूप में किया जाता था। दिलचस्प बात यह है कि आसन के रूप में दरी का इस्तेमाल सामान्य और शाही परिवार दोनों के द्वारा किया जाता था। पंजा दरी (Panja Dhurrie), हैंडलूम दरी (Handloom Dhurrie), चिंदी दरी (Chindi Dhurrie), डिज़ाईनर दरी आदि आधुनिक दरियों के कुछ मुख्य प्रकार हैं।
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