भारत में गुफा चित्रकारी का इतिहास और महत्वपूर्ण कार्य

जौनपुर

 04-10-2020 09:44 PM
द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

भारत की लगभग सभी प्राचीनतम चित्रकलाएँ गुफाओं में ही देखने को मिलती हैं क्योंकि वर्तमान समय में प्राचीन भारत में निर्मित बहुत कम भवन अब यहाँ मौजूद हैं। गुफा कला, जिसे पार्श्व कला या गुफा चित्र भी कहा जाता है, विश्व भर में रॉक (Rock) आश्रय और गुफाओं की दीवारों की सजावट का उल्लेख करने वाला एक सामान्य शब्द है। भारत में गुफा चित्रों का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से लेकर मध्य भारत की गुफाओं में मौजूद चित्रों से प्राप्त होता है, उदाहरण के लिए वर्तमान से लगभग 10,000 वर्ष पहले के भीमबेटका गुफा व अजंता और एलोरा की गुफाएं। आज भारत में लगभग 10,000 से अधिक ऐसे स्थान हैं, जहां शुरुआती मध्यकालीन अवधि की प्राकृतिक गुफाओं में भित्ति चित्र चित्रित हैं, जिनमें से सबसे अधिक प्रसिद्ध अजंता-एलोरा की गुफाऐं, बाग, सीतानवासल, अरमामलाई गुफा (तमिलनाडु), रावण छैया रॉक आश्रय, कैलासननाथ मंदिर की गुफाएँ, आदि हैं। पुरापाषाण कला के कुछ उदाहरण :
भीमबेटका रॉक स्थल मध्य भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक पुरातात्विक स्थल है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के शुरुआती चिह्न को प्रदर्शित करता है और ऐक्युलियन (Acheulian) समय में साइट (Site) पर शुरू होने वाले पाषाण युग के निवास के प्रमाण हैं। यह भोपाल के रायसेन जिला के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। भीमबेटका एक यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर है, जिसमें सात पहाड़ियाँ शामिल हैं और 750 से अधिक शैल आश्रयों को 10 किलोमीटर तक वितरित किया गया है। भीमबेटका के कुछ शैल स्थल में प्रागैतिहासिक गुफा चित्र हैं, जिनमें भारतीय मेसोलिथिक (Mesolithic) की तुलना में 10,000 वर्ष पहले के प्राचीनतम चित्र मौजूद हैं, चित्रों में जानवरों जैसे विषय, नृत्य और शिकार के प्रारंभिक साक्ष्य दिखाई देते हैं। भीमबेटका स्थल भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे पुरानी ज्ञात गुफा कला है और सबसे बड़े प्रागैतिहासिक परिसरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि भीमबेटका का नाम महाभारत में पांडवों के दूसरे भाई भीम के नाम पर रखा गया था। कुछ स्थानीय लोगों का मानना है कि भीम ने अपने भाइयों के साथ निर्वासित होने के बाद यहां विश्राम किया था। किंवदंतियों का यह भी कहना है कि वह इन गुफाओं के बाहर और पहाड़ियों के ऊपर क्षेत्र के लोगों के साथ बातचीत करने के लिए यहाँ बैठा करते थे।
तमिलनाडु में, प्राचीन पैलियोलिथिक (Paleolithic) गुफा चित्र पद्येन्धल, आलमपदी, कोम्बाइकाडु, किलावलाई, सेतावाराई और नेहनुरपट्टी में पाए जाते हैं। हालांकि इन चित्रों को दिनांकित नहीं किया गया है, लेकिन वे लगभग 30,000 से 10,000 वर्ष पुराने हो सकते हैं, क्योंकि वे भोपाल में भीमबेटका रॉक आश्रयों के समान कला रूप का उपयोग करके बनाए गए हैं। यदि बात की जाए ओडिशा की, तो ओडिशा के पूर्वी भारत में रॉक कला का सबसे समृद्ध भंडार मौजूद है, यहाँ रॉक पेंटिंग और उत्कीर्णन के साथ सौ से अधिक रॉक आश्रय पाए गए हैं। चित्रों में जानवरों के साथ कई ज्यामितीय प्रतीक, बिंदु और रेखाएं, और मानव चित्रों के उत्कीर्णन पाए जाते हैं। गुडहंडी का रॉक आश्रय, कालाहांडी जिले में ब्लॉक मुख्यालय कोकसारा से लगभग 20 किमी दूर पहाड़ी के शिखर पर स्थित है, यहाँ प्रारंभिक ऐतिहासिक काल के एक और द्वि दोनों रंग के चित्र देखने को मिलते हैं और यह कालाहांडी जिले का एकमात्र सूचित रॉक कला स्थल है। रॉक कला सूची चित्रों के नमूने को संरक्षित करता है, जिसमें लाल रंग के शैलीकृत मानव आकृति, हिरण, चौकों और आयतों के ज्यामितीय पैटर्न की विविधता आदि देखी जा सकती है। प्रारंभिक मध्ययुगीन गुफाओं के कुछ उदाहरण :-
महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास स्थित अजंता गुफाओं में भी विभिन्न भित्तिचित्र पाए जाते हैं, ये गुफाएं बड़ी-बड़ी चट्टानों से बनी हैं। भित्तिचित्र एक ऐसी चित्रकारी है, जो गीले प्लास्टर (Plaster) पर की जाती है, जिसमें रंग, प्लास्टर के सूखने के बाद किया जाता है। अजंता भित्तिचित्र अपना एक विशेष महत्व बनाए हुए हैं और वे अजंता की दीवारों और छत पर पाए जाते हैं। यह चित्र 8वीं ईस्वी सन् में जैन तीर्थंकर महावीर के जन्म से लेकर उनके निर्वाण तक भारतीय संस्कृति के विभिन्न चरणों को दर्शाते हैं। औरंगाबाद शहर से लगभग 18 मील की दूरी पर चमादरी पहाड़ियों में स्थित एलोरा की पाँच गुफाओं में में पूर्व-ऐतिहासिक चित्रों को उकेरा गया था। एलोरा चित्रकारी को दो श्रृंखलाओं में व्यवस्थित किया जा सकता है। चित्रों का पहला सेट देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की छवियों को दर्शाता है, जिन्हें गुफाओं के साथ उकेरा गया था। छवियों का दूसरा सेट अपने अनुयायियों, अप्सराओं आदि के साथ भगवान शिव की छवियों पर केंद्रित है, जिन्हें गुफाओं के विकसित होने के कई वर्षों बाद उकेरा गया था। गुफाओं की बात ही कुछ और है, न केवल वे कीमती कलाकृति के लिए रिक्त स्थान हुआ करते थे, बल्कि वे मनुष्यों को एक आश्रय भी प्रदान करते थे, जहां वे एक स्थान में इकट्ठा हो सकते थे।
पेलियोन्थ्रोपोलॉजिस्ट (Paleoanthropologist) के लिए, विशेष रूप से मैजिको-धार्मिक स्पष्टीकरणों की ओर झुकाव करने वाले, ऐसे स्थान अनिवार्य रूप से अनुष्ठान का स्थान प्रदान करते हैं, साथ ही सजाए गए इन गुफाओं में वे एक उच्च शक्ति के साथ सांप्रदायिक रूप से धार्मिक समागम प्राप्त करते हैं। वहीं गुफा चित्रकारी, लगभग 12,000 वर्ष पहले समाप्त हो गई थी, जिसे "नवपाषाण क्रांति" के रूप में सराहा गया था। एक झुंड में कमी और शायद चलने से थक जाने की वजह से मनुष्यों ने गाँव बनाकर बसना शुरू कर दिया और अंततः शहरों में दीवारें खड़ी कर दी गई; उन्होंने कृषि का आविष्कार किया और कई जंगली जानवरों को पालतू बनाया।

संदर्भ :-
https://bit.ly/30v84yI
https://bit.ly/36AtNcv
https://bit.ly/2GpFojR
https://bit.ly/3lizUXf
https://bit.ly/3izAde9

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में कैलाशनाथ गुफा मंदिर को दिखाया गया है। (Flickr)
दूसरे चित्र में लखुड़ियार, अल्मोड़ा के पुराचित्र दिखाए गए हैं। (Prarang)
तीसरा चित्र भीमबेटिका गुफा चित्रों को संदर्भित करता है। (Pngtree)
चौथा चित्र अजंता की गुफाओं से भित्तिचित्र को दृश्यांवित कर रहा है। (Piqsels)
पाँचवां चित्र सित्तनवासल की गुफाओं के जैन चित्रों को संदर्भित कर रहा है। (Youtube)


RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id