ईश्वर पर विश्वास या निष्ठा अक्सर प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते समय साहस जुटाने में मदद करता है। भारतीय सेना के पास कहानियों का एक ऐसा हिस्सा है, जब वे हार की कगार पर खड़े थे और भगवान ने उनकी मदद की, और अंततः वह विजयी भी हुए। राजस्थान की लोंगेवाला सीमा पर स्थित तनोट मंदिर की कहानी भी एक ऐसी ही चमत्कारी कथा है, जब स्थानीय देवता तनोट उर्फ अवध माता ने किसी भी पाकिस्तानी टैंक के बम को फटने नहीं दिया और भारतीय सैनिक, जो कि हार की कगार पर खड़े थे, 1971 के युद्ध में पाकिस्तानियों को कुचलने में सफल रहे। लोंगेवाला क्षेत्र राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित है तथा यह भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 की लड़ाई का स्थल भी था। तनोट माता मंदिर लोंगेवाला के युद्ध स्थल के बहुत करीब स्थित है और भारत का अंतिम पर्यटन स्थल भी है। तनोट माता मंदिर को बॉलीवुड (Bollywood) फिल्म 'बॉर्डर (Border)' में भी दिखाया गया है। तनोट माता को देवी हिंगलाज (Hinglaz) का अवतार माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी, पाकिस्तानी सेना ने मंदिर को निशाना बनाते हुए कई बम गिराए, लेकिन कोई भी बम मंदिर पर नहीं गिरा और मंदिर के आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में बम नहीं फटे। युद्ध के बाद मंदिर प्रबंधन को भारत की सीमा सुरक्षा बल को सौंप दिया गया। मंदिर में एक संग्रहालय भी है, जिसमें पाकिस्तान द्वारा गिराए गए अस्पष्टीकृत बमों का संग्रह मौजूद है।
संदर्भ:
https://www.indiatimes.com/news/here-is-the-story-of-tanot-mata-the-diety-who-protected-indian-soldiers-from-pakistani-bombs-at-longewala-in-1971-war-259867.html
https://www.youtube.com/watch?v=g2rMM0SEowk
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